नदी पेटे से बजरी भरकर वाहनों को जबरन नदी किनारे स्थित खातेदारी जमीन में खड़ी फसलों के मध्य से निकालते हैं जिससे खेतों में भारी नुकसान हो रहा है। दूसरी ओर ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि बजरी खनन करने वाले लोग ग्रामीणों पर राजनीति रसूख का दबाव बनाकर कानूनी कार्रवाई की धमकियां देते हैं। ग्रामीणों द्वारा रोकने का प्रयास करने पर लडऩे को उतारू हो जाते हैं। ज्ञापन देने में सरपंच रतनसिंह दुलावत, उदयलाल, भगवतीलाल, वरदीचंद, शोभालाल, भैरूलाल, नारायणलाल, कालूराम, मियाराम, हेमराज, कालूराम कुमावत आदि मौजूद थे।