scriptभारत पर कम होगा अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव का असर | Guru enters inferior zodiac after 59 years | Patrika News

भारत पर कम होगा अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव का असर

locationराजसमंदPublished: Nov 23, 2020 05:38:52 pm

Submitted by:

jitendra paliwal

59 वर्ष बाद गुरु का नीच राशि में प्रवेश, तीन चरणों में मकर राशि में रहेगा गुरु

भारत पर कम होगा अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव का असर

भारत पर कम होगा अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव का असर

राजसमंद. देवगुरु बृहस्पति अपनी नीच राशि मकर (कमजोर राशि) में प्रवेश कर गए हैं। करीब 59 साल बाद गुरु का मकर राशि से मिलन हुआ है।

इस संयोग से वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल देखने को मिल सकती है, लेकिन ज्योतिषविदें का दावा है कि भारत पर इसका असर कम होगा। इससे पूर्व 10 फरवरी, 1961 को शनि गुरु का मिलन मकर राशि में हुआ था।
तीन चरण में मकर राशि पार करेगा गुरु
वक्री, मार्गी एवं अतिचारी गति के कारण गुरु तीन चरणों में मकर राशि में भ्रमण कर कुम्भ राशि में ठीक एक साल बाद 20 नवम्बर, 2021 को प्रवेश कर जाएगा। कुल नौ महीने 22 दिन गुरु मकर राशि में रहेगा।
पहला चरण : 29 मार्च, 2020 से 30 जून, 2020 तक, तीन माह का हो चुका पूरा
दूसरा चरण : 20 नवम्बर, 2020 से 5 अप्रेल, 2021 तक, कुल 4 माह 15 दिन
तीसरा चरण : 14 सितम्बर, 2021 से 20 नवम्बर 2021 तक
वैश्विक अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव
ज्योतिषविद् पं. भरत कुमार खण्डेलवाल बताते हैं कि गुरु कर्क राशि में उच्च का बलवान तथा मकर राशि में नीच का कमजोर होता है। गुरु नीच राशि में रहने पर फिर से विश्वव्यापी मंदी के संकेत मिल रहे हैं। अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव होंगे। सन् 2008 में भी गुरु का मकर राशि में रहने से विश्वव्यापी अर्थव्यवस्था में मंदी देखने को मिली थी। हालांकि अभी भारत पर इसका असर कम रहेगा। सुधारात्मक आर्थिक प्रभाव देखने को मिलेगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो