पहला चरण : 29 मार्च, 2020 से 30 जून, 2020 तक, तीन माह का हो चुका पूरा
दूसरा चरण : 20 नवम्बर, 2020 से 5 अप्रेल, 2021 तक, कुल 4 माह 15 दिन
तीसरा चरण : 14 सितम्बर, 2021 से 20 नवम्बर 2021 तक
ज्योतिषविद् पं. भरत कुमार खण्डेलवाल बताते हैं कि गुरु कर्क राशि में उच्च का बलवान तथा मकर राशि में नीच का कमजोर होता है। गुरु नीच राशि में रहने पर फिर से विश्वव्यापी मंदी के संकेत मिल रहे हैं। अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव होंगे। सन् 2008 में भी गुरु का मकर राशि में रहने से विश्वव्यापी अर्थव्यवस्था में मंदी देखने को मिली थी। हालांकि अभी भारत पर इसका असर कम रहेगा। सुधारात्मक आर्थिक प्रभाव देखने को मिलेगा।