छात्रों की कैसे सुधारे, शिक्षक अपने स्कूल की ही सुधार रहा’गणित’
सात माह में सिर्फ चार दिन ही विद्यालय आया गणित का अध्यापक-आगरिया के सीनियर सैकण्डरी स्कूल का है मामला
छात्रों की कैसे सुधारे, शिक्षक अपने स्कूल की ही सुधार रहा’गणित’
-प्रमोद भटनागर/दिनेश वर्मा
आगरिया. सरकारी स्कूलों में अध्यापकों के गोत मारने की शिकायतें तो आम है। लेकिन, एक शिक्षक ने तो हद ही कर दी सत्र के सात माह में वह अपने पदस्थापित स्कूल में सिर्फ चार दिन ही मुंह दिखाने स्कूल पहुंचा।
मामला है आगरिया के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में नियुक्त गणित के विषयाध्यापक भाटोली (राजसमंद) निवासी नारायण लाल कुमावत का। विद्यालय का रिकॉर्ड बताता है कि शिक्षा सत्र 2018-19 में स्कूल खुलने के बाद वे केवल 4 दिन ही स्कूल में पहुंचे। हैरत की बात यह है कि विद्यालय की ओर से दो बार नोटिस जारी करने के बावजूद अब तक संबंधित अध्यापक ने अनुपस्थिति के संबंध जवाब देना तक उचित नहीं समझा। विभाग के अधिकारियों को भी नोटिस की कॉपी भेजी गई, परंतु वहां से भी अब तक संबंधित अध्यापक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा आठवीं और दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है, जिन्हें कुछ ही दिनों बाद बोर्ड की परीक्षा देनी है। इसको लेकर ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि यह शिक्षक सरकारी स्कूल में ड्यूटी करने की बजाए इसी दौरान खुद के निजी स्कूल का संचालन करता है।
यह है शिक्षक का स्कूल में रिकॉर्ड
आगरिया के स्कूल का रिकॉर्ड बताता है कि शिक्षक नारायण लाल 19 जून को स्कूल खुलने के दिन उपस्थिति देने पहुंचे थे। इसके अगले ही दिन 20 और 21 जून का आकस्मिक अवकाश का आवेदन पेश कर दिया और बिना कारण बताए लगभग 12 दिन अनुपस्थित रहे। बाद में 4 जुलाई को स्कूल पहुंचे और 5 जुलाई से पिछले अवकाश के संबंध में बिना कोई दस्तावेज पेश किए निकल गए और 25 जुलाई को 23 जुलाई से अवैतनिक अवकाश का आवेदन भेज दिया। 3 सितंबर को प्रिंसिपल एसआईक्यूई तथा लीडरशिप ट्रेनिंग के लिए कूकस जयपुर गए थे, लेकिन पिछले अवकाश संबंधी बिना कोई दस्तावेजों के कुमावत स्कूल पहुंच गए और हाजिरी रजिस्टर में साइन कर दिए।
नोटिस पर नोटिस, जवाब नहीं
प्रिंसिपल सुमन प्रकाश पालीवाल ने तीन बार रजिस्टर्ड डाक से कुमावत को उपस्थिति संबंधी नोटिस भी भेजे, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं मिला। इस मामले में सबसे बड़ी लापरवाही शिक्षा विभाग के अधिकारियों की रही, जिन्होंने नोटिस की कॉपियां भेजे जाने के बाद भी कार्रवाई करने की बजाए चुप्पी साधे रखी।
करवाएंगे सेवाएं समाप्त
इसकी जानकारी एक-दो दिन में मिली है। उच्च अधिकारियों से बात करके उनकी सेवाएं समाप्त करवाएंगे।
भरत जोशी, जिला शिक्षा अधिकारी (मा.) राजसमंद
मंैने नोटिस दिए
गणित विषय के अध्यापक स्कूल खुलने के बाद महज कुछ दिन ही स्कूल आए। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसको लेकर उन्हें रजिस्टर्ड डाक से कई नोटिस दिए पर उन्होंने जवाब नहीं दिए। मैं नोटिस दे सकता हूं कार्रवाई तो उच्चधिकारी कर सकते हैं।
सुमन प्रकाश पालीवाल,
प्रधानाचार्य, राउमावि, आगरिया
गांव के लोगों ने बताई समस्या
गांव के लोगों ने समस्या बताई तो मैं विद्यालय गया, जहां प्रधानाचार्य द्वारा जानकारी मिली कि उन्हें नोटिस दिए पर जवाब नहीं मिला। वे सरकारी स्कूल की ड्यूटी की बजाए अपना स्कूल चलाते हैं।
कन्हैयालाल सालवी, सरपंच ग्राम पंचायत आगरिया
स्वास्थ्य ठीक नहीं
स्वास्थ्य खराब होने से नहीं जा पा रहा मेरा उपचार चल रहा है।
नारायण लाल कुमावत, गणित विषयाध्यापक, राउमावि आगरिया
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