पटरी पर चला, फिर रेल से मावली उतरा
गत सोमवार को वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी रेलवे पटरी पर पैदल चलता गया। उसी बुजुर्ग ने उसे जाते हुए देखा था। पुलिस की प्रारम्भिक जांच में सामने आया कि आगे किसी स्टेशन से बैठकर मण्डियाणा स्टेशन पर उतर गया। वहां से लिफ्ट लेकर मावली और फिर डबोक की ओर चला गया।
गत सोमवार को वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी रेलवे पटरी पर पैदल चलता गया। उसी बुजुर्ग ने उसे जाते हुए देखा था। पुलिस की प्रारम्भिक जांच में सामने आया कि आगे किसी स्टेशन से बैठकर मण्डियाणा स्टेशन पर उतर गया। वहां से लिफ्ट लेकर मावली और फिर डबोक की ओर चला गया।
बेरोजगार है, घूमता-फिरता था, काम के सिलसिले में कई बार आया
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी कोई काम-धंधा नहीं करता है। वह अपने घर पीपलवास भी नहीं रहता है। अक्सर बाहर ही घूमता है। वह किसी गैंगसॉ-कटर पर काम की तलाश में पिछले कुछ दिनों में यहां कई बार आया। सोमवार को वारदातस्थल के आसपास एक फैक्ट्री के पीछे गांव से गुजरते हुए सुनसान रास्ते पर बालिका दिखने पर हवस के वशीभूत हो उसने उसे शिकार बना लिया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी कोई काम-धंधा नहीं करता है। वह अपने घर पीपलवास भी नहीं रहता है। अक्सर बाहर ही घूमता है। वह किसी गैंगसॉ-कटर पर काम की तलाश में पिछले कुछ दिनों में यहां कई बार आया। सोमवार को वारदातस्थल के आसपास एक फैक्ट्री के पीछे गांव से गुजरते हुए सुनसान रास्ते पर बालिका दिखने पर हवस के वशीभूत हो उसने उसे शिकार बना लिया।
आंखों में ‘गुडिय़ाÓ के हत्याकाण्ड का मंजर
ताजा घटना ने सात साल पहले कांकरोली क्षेत्र की वारदात का मंजर जिन्दा कर दिया। तब मनोजप्रताप सिंह नामक युवक ने एक नाबालिग बालिका से बलात्कार कर उसका सिर पत्थरों से कुचलकर हत्या कर दी थी। उसे जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने फांसी की सजा सुनाई थी। फिर हाईकोर्ट ने सजा की पुष्टि की। मामला कानूनी प्रक्रिया में विचाराधीन है।
ताजा घटना ने सात साल पहले कांकरोली क्षेत्र की वारदात का मंजर जिन्दा कर दिया। तब मनोजप्रताप सिंह नामक युवक ने एक नाबालिग बालिका से बलात्कार कर उसका सिर पत्थरों से कुचलकर हत्या कर दी थी। उसे जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने फांसी की सजा सुनाई थी। फिर हाईकोर्ट ने सजा की पुष्टि की। मामला कानूनी प्रक्रिया में विचाराधीन है।
एसपी ने थपथपाई अफसरों की पीठ
वारदात के बाद से जनता में आक्रोश बढ़ते देख दबाव में आई पुलिस को जब आखिर सफलता हाथ लगी, तो सबने राहत की सांस ली। दोपहर तक पुलिस अधिकारी तनावमुक्त दिखे। पुलिस अधीक्षक ने पूरीे टीम को अपने कार्यालय पर बुलाया। यहां उन्होंने सबकी पीठ थपथपाकर अनुसंधान टीमों के आपसी तालमेल, उनकी तत्परता, तकनीकी मददगारों और लोगों की मदद की सामूहिक कोशिशों को इस सफलता का श्रेय दिया।
टीम में ये शामिल : डीएसपी बेनीप्रसाद मीणा, एसआई पेशावर खां, सीआई योगेन्द्र व्यास, डॉ. हनुवंतसिंह, भरत कुमार योगी, एसआई प्रेमसिंह, प्रवीण जुगतावत, बंशीलाल, श्यामराजसिंह, डबोक थानाधिकारी लीलाधर मालवीय सहित करीब 60 विभिन्न स्तर के पुलिस अधिकारी और जवान शामिल थे।
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केस ऑफिसर स्कीम के तहत पूरी जांच कर सात दिन में चालान पेश करेंगे। हम न्यायालय से निवेदन करेंगे कि जल्द ट्रायल शुरू कर पीडि़ता को न्याय दिलवाएं। पीडि़त प्रतिकर स्कीम के अन्तर्गत पीडि़ता के पुर्नवास एवं अधिकतम अनुदान दिलाने का भी प्रयास करेंगे।
सुधीर चौधरी, एसपी, राजसमंद
वारदात के बाद से जनता में आक्रोश बढ़ते देख दबाव में आई पुलिस को जब आखिर सफलता हाथ लगी, तो सबने राहत की सांस ली। दोपहर तक पुलिस अधिकारी तनावमुक्त दिखे। पुलिस अधीक्षक ने पूरीे टीम को अपने कार्यालय पर बुलाया। यहां उन्होंने सबकी पीठ थपथपाकर अनुसंधान टीमों के आपसी तालमेल, उनकी तत्परता, तकनीकी मददगारों और लोगों की मदद की सामूहिक कोशिशों को इस सफलता का श्रेय दिया।
टीम में ये शामिल : डीएसपी बेनीप्रसाद मीणा, एसआई पेशावर खां, सीआई योगेन्द्र व्यास, डॉ. हनुवंतसिंह, भरत कुमार योगी, एसआई प्रेमसिंह, प्रवीण जुगतावत, बंशीलाल, श्यामराजसिंह, डबोक थानाधिकारी लीलाधर मालवीय सहित करीब 60 विभिन्न स्तर के पुलिस अधिकारी और जवान शामिल थे।
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केस ऑफिसर स्कीम के तहत पूरी जांच कर सात दिन में चालान पेश करेंगे। हम न्यायालय से निवेदन करेंगे कि जल्द ट्रायल शुरू कर पीडि़ता को न्याय दिलवाएं। पीडि़त प्रतिकर स्कीम के अन्तर्गत पीडि़ता के पुर्नवास एवं अधिकतम अनुदान दिलाने का भी प्रयास करेंगे।
सुधीर चौधरी, एसपी, राजसमंद