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अहिंसा व मैत्री से सुंदर विश्व का निर्माण संभव- आचार्य महाश्रमण

locationराजसमंदPublished: Oct 02, 2020 09:10:25 pm

Submitted by:

Rakesh Gandhi

अहिंसा व मैत्री से सुंदर विश्व का निर्माण संभव- आचार्य महाश्रमण- अहिंसा दिवस पर राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित- नई पीढ़ी को अहिंसा का सही अर्थ बताने की जरूरत- कोठारी

अहिंसा व मैत्री से सुंदर विश्व का निर्माण संभव- आचार्य महाश्रमण

अहिंसा व मैत्री से सुंदर विश्व का निर्माण संभव- आचार्य महाश्रमण

राजसमंद. अणुव्रत विश्व भारती द्वारा अहिंसा दिवस पर ‘बदलती वैश्विक परिस्थितियों में अहिंसा का स्वरूप और सम्भावनाएं’ विषयक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आचार्य महाश्रमण ने अपने संदेश में कहा कि अहिंसा और मैत्री की भावना का हर स्तर पर विकास कर हम एक सुन्दर विश्व का निर्माण कर सकते हैं। महात्मा गांधी ने अहिंसा की ताकत से पूरे विश्व को परिचित कराया था। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि भगवान महावीर, महात्मा बुद्ध और महात्मा गांधी ने विश्व शान्ति के लिए अहिंसा को सर्वोपरी बताया था।
राजस्थान पत्रिका के प्रधान सम्पादक डॉ. गुलाब कोठारी ने वेबिनार को सम्बोधित करते हुए कहा कि नई पीढ़ी को अहिंसा का सही अर्थ बताने की जरूरत है। हमारी जीवनशैली इतनी अप्राकृतिक होती जा रही है कि सभी जीवन मूल्य पीछे छूटते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अहिंसा हमारी संस्कृति का प्राण तत्व रहा है और हमें इसे व्यावहारिक जीवन में उतारना होगा, तभी एक सुखी विश्व और सुखी मानव का निर्माण सम्भव हो सकेगा।
केन्द्रीय संसदीय कार्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने अणुव्रत दर्शन को मानव मात्र के कल्याण का सबसे महत्वपूर्ण एवं व्यावहारिक मार्ग बताया। अहमदाबाद के वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री कुमारपाल देसाई ने कहा कि अहिंसा प्रशिक्षण और अणुव्रत दर्शन की व्यापक सोच को हमारी नई शिक्षा नीति का अंग बनाया जाना चाहिए। नई पीढ़ी का सही निर्माण आज समय की मांग है। राजस्थान अल्प संख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष सरदार जसबरीसिंह ने कहा कि राजनीतिक अथवा धार्मिक आधार पर यदि हिंसा को बढ़ावा मिलता है तो इसे तुरन्त रोका जाना चाहिए। अहिंसा, मैत्री और प्रेम भाव से ही समाज प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ सकता है। अणुविभा के अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सोहनलाल गांधी ने कहा कि भारतीय संस्कृति के मूल तत्व अहिंसा को अब वैश्विक मान्यता मिल चुकी है।
प्रारम्भ में अणुविभा के अध्यक्ष संचय जैन ने बताया कि 26 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक देशभर में अणुव्रत उदबोधन सप्ताह का आयोजन किया गया, जिसमें साम्प्रदायिक सौहार्द दिवस, नशामुक्ति दिवस, अनुशासन दिवस, जीवन विज्ञान दिवस, अणुव्रत प्रेरणा दिवस और अहिंसा दिवस के रूप में विभिन्न आयोजन हुए हैं। अणुविभा के माध्यम से अब अणुव्रत के सभी कार्यक्रम एक मंच पर आ गए हैं एवं एक छोटे कस्बे से संयुक्त राष्ट्र संघ तक इस मानववादी आन्दोलन को रचनात्मक गति प्रदान करने का मार्ग पशस्त हो गया है। संचालन सूरत के राजेश सुराणा व अहमदाबाद से अणुविभा के महामंत्री राकेश नौलखा ने किया।
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