मुझे बैकुंठ जाना है…
जानकारी के अनुसार राजगढ़ (मध्यप्रदेश) निवासी शिवलाल (45) पुत्र कंवरलाल डांगी उसकी पत्नी सुमित्रा (41) व बेटे राकेश (19) के साथ बाइक पर जैसलमेर के रुणेचा में बाबा रामदेव के दर्शन कर लौट रहे थे। इस दौरान वह नौचोकी पाल पर पहुंच गए, जहां सीढिय़ों पर बैठकर तीनों नहाने के बाद वापस लौटने लगे। नौचोकी के उद्यान में पहुंचकर अचानक शिव लाल बोलने लगा कि मुझे बैकुंठ जाना है…, बाबा रामदेव बचाएंगें… कहते हुए वापस झील की तरफ दौड़ पड़ा।
जानकारी के अनुसार राजगढ़ (मध्यप्रदेश) निवासी शिवलाल (45) पुत्र कंवरलाल डांगी उसकी पत्नी सुमित्रा (41) व बेटे राकेश (19) के साथ बाइक पर जैसलमेर के रुणेचा में बाबा रामदेव के दर्शन कर लौट रहे थे। इस दौरान वह नौचोकी पाल पर पहुंच गए, जहां सीढिय़ों पर बैठकर तीनों नहाने के बाद वापस लौटने लगे। नौचोकी के उद्यान में पहुंचकर अचानक शिव लाल बोलने लगा कि मुझे बैकुंठ जाना है…, बाबा रामदेव बचाएंगें… कहते हुए वापस झील की तरफ दौड़ पड़ा।
करीब 300 फीट दूरी पर चला गया
पत्नी व बेटे चीखते – पुकारते रहे और उसने छलांग लगा दी। तैरते हुए वह झील में करीब 300 फीट दूरी पर चला गया और परिजनों की आवाज को अनसुना कर तैरता रहा। तभी महाराणा राजसिंह पैनोरमा में कार्यरत तैराक नारायण खिंची ने पहुंचकर छलांग लगाई और सनकी जातरु शिव लाल से समझाइश की, मगर वह आने को तैयार नहीं हुआ।
पत्नी व बेटे चीखते – पुकारते रहे और उसने छलांग लगा दी। तैरते हुए वह झील में करीब 300 फीट दूरी पर चला गया और परिजनों की आवाज को अनसुना कर तैरता रहा। तभी महाराणा राजसिंह पैनोरमा में कार्यरत तैराक नारायण खिंची ने पहुंचकर छलांग लगाई और सनकी जातरु शिव लाल से समझाइश की, मगर वह आने को तैयार नहीं हुआ।
बातों में उलझाते हुए बाहर निकाला
इस पर नगरपरिषद के अग्निशमन अधिकारी अरुण कुमार, राजनगर थाने से उप निरीक्षक पे्रमसिंह, हैड कांस्टेबल मनेष चौधरी मय जाब्ते के पहुंच गए। तैराक करणसिंह, नरेंद्र ठाकुर, विक्रमसिंह, विजय सनाढ्य, कोस्तू सनाढ्य भी झील में उतरे और बातों में उलझाते हुए उसे पकड़कर बाहर निकाला फिर उसे राजनगर थाने पर ले गए, जहां से आरके जिला चिकित्सालय में डॉ. कृपाशंकर द्वारा इलाज किया गया।
इस पर नगरपरिषद के अग्निशमन अधिकारी अरुण कुमार, राजनगर थाने से उप निरीक्षक पे्रमसिंह, हैड कांस्टेबल मनेष चौधरी मय जाब्ते के पहुंच गए। तैराक करणसिंह, नरेंद्र ठाकुर, विक्रमसिंह, विजय सनाढ्य, कोस्तू सनाढ्य भी झील में उतरे और बातों में उलझाते हुए उसे पकड़कर बाहर निकाला फिर उसे राजनगर थाने पर ले गए, जहां से आरके जिला चिकित्सालय में डॉ. कृपाशंकर द्वारा इलाज किया गया।
अवसादग्रस्त हो सकता है
चिकित्सकों ने बताया कि लंबा सफर व नींद नहीं आने की वजह से अवसादग्रस्त हो सकता है, जिसे आवश्यक दवा दे दी गई। पैसे भी झील में फेंक दिए। इस पर समाजसेवी राजकुमार द्वारा शिवलाल व उसके परिवार के भोजन के साथ अन्य प्रबंध किए।
चिकित्सकों ने बताया कि लंबा सफर व नींद नहीं आने की वजह से अवसादग्रस्त हो सकता है, जिसे आवश्यक दवा दे दी गई। पैसे भी झील में फेंक दिए। इस पर समाजसेवी राजकुमार द्वारा शिवलाल व उसके परिवार के भोजन के साथ अन्य प्रबंध किए।