कैलाश ने रमाई भोलेबाबा के गीतों की धुणी, भक्ति-भभूत में रंगे शिवभक्त
राजसमंदPublished: Dec 04, 2022 01:13:05 pm
- नाथद्वारा में विश्वास स्वरूपम् शिवमूर्ति परिसर में सूफी गायक की प्रस्तुति


नाथद्वारा स्थित विश्वास स्वरूपम् परिसर में शनिवार रात गायन प्रस्तुति देते सूफी गायक कैलाश खेर
नाथद्वारा. पिनाकल एम्यूजमेंट एंड इवेंट्स की ओर से शिव प्रतिमा विश्वास स्वरूपम् परिसर में शनिवार देर शाम सूफी गायक कैलाश खेर ने अपने गीतों पर श्रोताओं को झुमा दिया। जाना जोगी दे नाल नी... गीत से मंच पर चढ़े कैलासा ने रांझा-रांझा कर... प्रस्तुति से संगीत संध्या को परवान चढ़ाया। बीच में प्रभु श्रीनाथजी व शिवजी के विश्वास स्वरूपम् की धुन भी छेड़ी। कैलाश ने अपने चर्चित गाने मैं तो तेरे प्यार मे दीवाना हो गया..., अजी मारे चतर सुजान..., तौबा तौबा रे तेरी सूरत...माशा अल्लाह वे तेरी सूरत..., कैसे बताएं..., गोरी सोई सेज पे मुख पे डारे केश..., ओ पिया रंग दीनी रंग दीनी पिया के रंग दीनी ओढऩी... जैसे सूफी गीतों से समां बांधा। ऐरी सखी मंगल गाओ री...को खनकती आवाज में शीतल संत मोरारी बापू को समर्पित किया। तेरे बिन नहीं लगता दिल मेरा ढोलणा..., कौन है वो कौन है वो कहां से वो आया..., प्रीत की लत मोसे ऐसी लागी... भक्तिगीतों की प्रस्तुतियां दी। कैलाश ने नाथद्वारा और विश्वास स्वरूपम् को तेरे नाम से जी लूं को भी जोड़ा। अपने अल्हड़ अंदाज में झूम-झूमकर गीत पेश करते कैलाश ने कई युवाओं को भी मंच पर बुलाकर साथ में झुमाया। उन्होंने मूर्ति निर्माण पर मदन पालीवाल की खूब प्रशंसा की। बन ठन के गोरा कांचली म्हारे ऐसे जोर..., ऊपर ऊपर का है शोर..., ढोल वजदा तुम्बा वजदा होले होले पंजाबियों दा ढोल वजदा..., हीरे मोती में ना चाहूं संईयां संईयां..., दुनिया उट-पटांगा चक दे फटे...पेश किया। अकड़ बम बम लहरी के गाने पर हाथ में डमरू लेकर जैसे ही कैलाश झूमे, साथ में पूरा पांडाल झूम उठा। इस मौके पर मिराज के चेयरमैन मदन पालीवाल ने कैलाश खेर एवं टीम को केसरिया बाना ओढ़ा, शिव प्रतिमा की छवि प्रदान कर सम्मान किया। यहां रवीन्द्र जोशी, ऊंकार जोशी सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। संचालन एंकर प्रदीप पांडे ने किया। कैलाश ने शिवरात्रि पर फिर आने का वादा किया।