जानकारी के अनुसार कतिपय लोगों के मोबाइल पर मैसेज आ रहा है कि उज्ज्वला गैस एजेंसी का आवेदन स्वीकृत हो चुका है। नीचे दिए लिंक पर क्लिक पर आवेदन के परिणाम जाने और एनओसी शुल्क ऑनलाइन जमा करवाए। कुछ दिन तक एनओसी शुल्क जमा नहीं होने पर दोबारा मैसेज आ रहे हैं कि गैस एजेंसी के लिए आज ही एनओसी शुल्क जमा करवाए और फर्जी वेबसाइट का लिंक नीचे दिया जा रहा है। वेसाबइट में राजसमंद, उदयपुर, भीलवाड़ा, चित्तौडग़ढ़, बांसवाड़ा, जयपुर के साथ प्रदेशभर से 250 से ज्यादा लोगों की सूची जारी की गई। इसमें आवेदक का नाम, बीपीसीएल, एचपीसीएल, आईओसीएल कंपनियों के नाम है, जबकि आवेदक के जाति वर्ग, गांव का नाम और अंत में एनओसी फीस जमा करवाने का लिंक है। लिंक पर क्लिक करते है पेटीएम के जरिये 25 हजार रुपए जमा करवाने का ऑप्शन आ रहा है। वेबसाइट में मिनिस्ट्री ऑफ पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस के साथ ही एचपी, इंडियन व भारत गैस कंपनियों के लोगो भी है, जिससे आमजन भ्रमित हो रहा है। इस तरह सरकारी वेबसाइट का डाटा और आम लोगों का डाटाबेस तैयार कर ठगी का जाल बिछाया गया है।
पेट्रोल पम्प, गैस एजेंसी का यह तरीका
एचपी, इंडियन ऑयल व भारत गैस द्वारा गैस एजेंसी या पेट्रोल पम्प के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित किया जाता है। फिर उसी आधार पर आवेदन मांगे जाते हैं। केन्द्र सरकार की अधिकृत उज्जवला योजना डॉट कॉम वेबसाइट भी केवल उपभोक्ताओं को योजना के बारे में जानकारी देने और उसकी प्रगति की जानकारी के लिए ही है। उज्ज्वला योजना वेबसाइट सरकार की है, जबकि गैस एजेंसी व पम्प कंपनियों द्वारा दिए जाते हैं, जिसके आवेदन माईएलपीजी डॉट इन पर भरे जाते हैं।
एचपी, इंडियन ऑयल व भारत गैस द्वारा गैस एजेंसी या पेट्रोल पम्प के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित किया जाता है। फिर उसी आधार पर आवेदन मांगे जाते हैं। केन्द्र सरकार की अधिकृत उज्जवला योजना डॉट कॉम वेबसाइट भी केवल उपभोक्ताओं को योजना के बारे में जानकारी देने और उसकी प्रगति की जानकारी के लिए ही है। उज्ज्वला योजना वेबसाइट सरकार की है, जबकि गैस एजेंसी व पम्प कंपनियों द्वारा दिए जाते हैं, जिसके आवेदन माईएलपीजी डॉट इन पर भरे जाते हैं।
यह है असली व नकली वेबसाइट
केन्द्र सरकार की अधिकृत वेबसाइट http://www.pmujjwalayojana.com/ है, जबकि www.ujjwalalpgvitarak.org/ नामक वेबसाइट को एलपीजी कंपनियों के नोडल अधिकारी ने फर्जी करार दे दिया है। फर्जी वेबसाइट, गैस एजेंसियां स्वीकृत नहीं
एचपी, इंडियन व भारत गैस द्वारा अखबार में विज्ञापन जारी किया जाता है। उज्ज्वला योजना की वेबसाइट तो सिर्फ जागरुकता के लिहाज से है। उज्जवलाएलपीजी वितरक डॉट ओआरजी नामक वेबसाइट फर्जी है। कोई भी व्यक्ति उसके झांसे में न आए और न ही कोई पैसा ऑनलाइन जमा करवाए।
तुलसीराम, नोडल अधिकारी एवं वरिष्ठ प्रबंधक एलपीजी विक्रय उदयपुर
केन्द्र सरकार की अधिकृत वेबसाइट http://www.pmujjwalayojana.com/ है, जबकि www.ujjwalalpgvitarak.org/ नामक वेबसाइट को एलपीजी कंपनियों के नोडल अधिकारी ने फर्जी करार दे दिया है। फर्जी वेबसाइट, गैस एजेंसियां स्वीकृत नहीं
एचपी, इंडियन व भारत गैस द्वारा अखबार में विज्ञापन जारी किया जाता है। उज्ज्वला योजना की वेबसाइट तो सिर्फ जागरुकता के लिहाज से है। उज्जवलाएलपीजी वितरक डॉट ओआरजी नामक वेबसाइट फर्जी है। कोई भी व्यक्ति उसके झांसे में न आए और न ही कोई पैसा ऑनलाइन जमा करवाए।
तुलसीराम, नोडल अधिकारी एवं वरिष्ठ प्रबंधक एलपीजी विक्रय उदयपुर