script

बलात्कार का शिकार मासूम की जिन्दगी पहले से ही घिरी थी मुश्किलों से

locationराजसमंदPublished: Sep 28, 2021 10:33:34 am

Submitted by:

jitendra paliwal

पिता नहीं, मां नाते चली गई, दादा ही पालनहार, नगर परिषद सभापति ने ली बच्ची का खर्च उठाने की जिम्मेदारी, राज्य सरकार से दिलवाया जाएगा पांच लाख रुपए का तत्काल मुआवजा

बलात्कार का शिकार मासूम की जिन्दगी पहले से ही घिरी थी मुश्किलों से

बलात्कार का शिकार मासूम की जिन्दगी पहले से ही घिरी थी मुश्किलों से

राजसमंद. जिले के एक गांव में सोमवार को बलात्कार का शिकार हुई मासूम बालिका की जिन्दगी बचपन में ही मुश्किलों से घिरी हुई थी कि उसके जेहन को ताजा घटना ने और झकझोर दिया है। उसके पिता की कुछ साल पहले मौत हो गई थी। उसकी मां भी नाते चली गई है। पिछड़े परिवार की इस बालिका का लालन-पालन फिलहाल उसके दादा कर रहे हैं। घटना की सूचना पर बुआ ने आकर उसे सम्भाला। वही वार्ड में उसकी देखरेख कर रही है।
बुरी तरह डरी हुई है बच्ची
घायल बालिका को अस्पताल लाया गया, तब तक उसके गुप्तांग से काफी रक्तस्राव हो चुका था। घटना से वह बुरी तरह डरी हुई है। इलाज करने में भी मेडिकल स्टॉफ को काफी मुश्किल आई। उपचार व जांचें करवाने के लिए उसे एनेस्थिसिया देना पड़ा। कई डॉक्टरों की टीम बना सेहत का ध्यान रखा जा रहा है।
पुलिस पर देरी से पहुंचने का आरोप
अस्पताल में शाम को राजसमंद से भाजपा विधायक दीप्ति माहेश्वरी व उनके साथ कई कार्यकर्ता पहुंच गए। इधर, नगर परिषद सभापति अशोक टांक, पूर्व कांगे्रस जिलाध्यक्ष नारायण सिंह भाटी सहित कई कांग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी अस्पताल आ गए। यहां बड़ी संख्या में ग्रामीण भी एकत्रित हो गए, जिन्होंने विधायक के समक्ष पुलिस पर सूचना देने के चार घंटे बाद मौके पर आने का आरोप जड़ा, जिसे पुलिस ने नकार दिया। लोगों ने पुलिस के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष कोलम पालीवाल ने भी बच्ची की कुशलक्षेम पूछी।
कड़ी सजा की मांग
घटना से क्षुब्ध ग्रामीणों और शहरवासियों ने आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की पुलिस व प्रशासन से मांग की। लोगों में इस घटना को लेकर गुस्सा दिखाई दे रहा है। जिसने भी सुना, वह द्रवित हो गया। विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने इस मामले की फास्ट ट्रेक कोर्ट में सुनवाई की मांग की।
दोनों पक्ष हो गए गुत्थम-गुत्था, भगदड़ में बच्ची का दादा घायल
भाजपा-कांग्रेस कार्यकर्ताओं मौके पर नारेबाजी और प्रदर्शन के दौरान कुछ लोग गुत्थम-गुत्था हो गए। उन्हें छुड़ाने के लिए पुलिस को लाठी चलानी पड़ी। इस दौरान भगदड़ होने से बच्ची का दादा गिरने से चोटिल हो गया। उसका अस्पताल में इलाज करवाया जा रहा है।
पुलिस ने लगाई पांच टीमें, डॉग स्क्वॉयड बुलाया
पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए तत्काल पांच टीमें गठित की। टीमों ने घटनास्थल के आसपास के इलाके छान मारे। डॉग स्क्वायड को भी बुलाया गया है।
सभापति करेंगे परवरिश, कन्यादान भी करेंगे
नगर परिषद सभापति अशोक टांक ने बताया कि बच्ची के वयस्क होने तक उसका पढ़ाई, रहन-सहन और तमाम खर्च वे उठाएंगे। उसका कन्यादान भी करेंगे। टांक ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष से फोन पर बातचीत के बाद उपखण्ड अधिकारी डॉ. दिनेश राय सापेल भी मौके पर आए, जिन्होंने राज्य सरकार की ओर से देय उचित मुआवजा तत्काल दिलवाने की बात कही। सभापति ने बताया कि पीडि़त बच्ची के परिवार को उचित मुआवजा मिलेगा व उचित देखरेख की जाएगी।
बच्ची का इलाज गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. राजेश कुमारी और मेडिकल ऑफिसर नृपेन्द्र दुबे सोमानी की देखरेख में हो रहा है। कुछ अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों ने भी उसकी सेहत का मुआयना किया है। इलाज के बाद अब वह ठीक है।
डॉ. ललित पुरोहित, पीएमओ, राजसमंद
सूचना मिलते ही थानाधिकारी अस्पताल गए थे। पांच टीमें आरोपी की तलाश कर रही हैं। आरोपी को रात-दिन एक करके गिरफ्तार कर लेंगे। हमने मामला दर्ज कर लिया है।
बेनीप्रसाद मीणा, पुलिस उप अधीक्षक, राजसमंद
यह घटना निंदनीय है। पुलिस तत्काल आरेापी को गिरफ्तार करे और कड़ी से कड़ी सजा दिलवाए।
अशोक टांक, सभापति, नगर परिषद

मासूम बालिका के साथ दुष्कर्म की इस घटना से स्तब्ध हूं। यह हैवानियत की पराकाष्ठा है। जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक से मैंने बात की है। दोषी के खिलाफ तुरंत कार्यवाही करने को कहा है। जहां महिला सांसद के साथ दुव्र्यवहार की घटना हो सकती है, वहां कांग्रेस सरकार से महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था की उम्मीद रखना, सिर्फ मन को झूठा दिलासा देने वाली बात है।
दीया कुमारी, सांसद, राजसमन्द

ट्रेंडिंग वीडियो