Malnourished : सरकारी पोषण का नहीं फायदा, चार माह से स्वस्थ और कुपोषित बच्चों का आंकड़ा स्थिर
आंगनवाड़ी केन्द्रों की व्यवस्था पर सवाल, क्यों स्थिर है आंकड़ा : जिलेभर में तेरह हजार बच्चे पोषण से वंचित
Malnourished Children in Aanganwadi Center

राजसमंद. जिले में 0 से 6 वर्ष तक की उम्र के स्वस्थ और कुपोषित, अतिकुपोषित बच्चों आ आंकड़ा चार माह से स्थिर है। इससे आंगनवाड़ी केन्द्रों पर दिए जा रहे पोषण (बेबी मिक्स व दलिये) पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या बच्चों को नियमित पोषण दिया जा रहा है या नहीं। स्थिर आंकड़े के इस रहस्य ने आंगनवाड़ी केन्द्रों की व्यवस्था पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। यही नहीं, तेरह हजार बच्चे पोषाहार से वंचित है। जानकारी के अनुसार 6 माह से 3 वर्ष तक के 38 हजार 610 बच्चे पंजीकृत है, जिसमें से 31 हजार 109 बच्चे ही लाभान्वित हो पा रहे हैं। करीब साढ़़े सात हजार बच्चे पोषण से वंचित है। इसी तरह 3 से 6 वर्ष तक के 25 हजार 955 में से 20 हजार 271 बच्चों को ही पोषण मिल पा रहा है, जबकि 5 हजार 684 बच्चों को पोषाहार नहीं मिल रहा है। फिर भी जनवरी अपे्रल तक चार माह में अतिकुपोषित बच्चों का आंकड़ा सवा दो सौ से पौने तीन सौ के आस पास रहा है, जबकि कुपोषित बच्चों का आंकड़ा तेरह से साढ़े तेरह हजार के आस पास रहा। इस तरह स्वस्थ, कुपोषित बच्चों की संख्या लगभग स्थिर सी बनी हुई है, जिस पर सवाल उठ रहे हैं।
यह बच्चों की स्थिति
माह ---- अतिकुपोषित ----- कुपोषित
जनवरी 273 --- 13400
फरवरी 225 --- 13964
मार्च 216 ---- 13446
अपे्रल 256 ---- 13025
कुपोषण नपती का तरीका
2.5 किलो बच्चा व 2.4 किलो तक की बच्चियां स्वस्थ है, जबकि इससे कम वजन के बच्चे कुपोषित माने जाते हैं।
बाल विकास विभाग द्वारा वजन के आधार पर कुपोषित बच्चा तय किया जाता है, जबकि चिकित्सा विभाग मॉस्क्यू टेप से नापते हैं।
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