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नहीं बिक रहा Marble, एक शिफ्ट में हो गए गैंगसा, 4 हजार से ज्यादा Labour श्रमिक बेरोजगार

locationराजसमंदPublished: Jul 17, 2019 12:22:24 pm

Submitted by:

laxman singh

मार्बल उद्योग पर संकट के बादल
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नहीं बिक रहा Marble, एक शिफ्ट में हो गए गैंगसा, 4 हजार से ज्यादा Labour श्रमिक बेरोजगार

लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद

मार्बल गैंगसा एसोसिएशन अध्यक्ष रवि शर्मा ने बताया कि करीब चार सौ गैंगसा युनिट है, जो माल का उठाव कम होने की वजह से करीब एक वर्ष से एक शिफ्ट ही संचालन हो पा रहा है। चार शिफ्ट में गैंगसा चलने से प्रति युनिट पर 20 से 22 लोग कार्य करते थे, जबकि आज 8-10 श्रमिक रह गए हैं। इस तरह जिलेभर में साढ़े तीन से चार हजार श्रमिक घट गए हैं। इस वजह से चार हजार से ज्यादा लोग बेरोजगार हो गए, जिनमें से बाहरी श्रमिक तो पलायन कर गए और स्थानीय श्रमिकों में से कुछ बेरोजगार (Unemployed) हो गए, तो कुछ अन्य कारोबार की मजदूरी में लग गए हैं।
भंगार में बिक रहे ट्रेलर
मार्बल का उत्पादन घटने से ट्रक- ट्रेलरों का संचालन भी मुश्किल हो गया है। इस कारण अब ट्रेलरों के ऋण की किश्त, टैक्स चुकाना ही मुश्किल हो गया है। इस कारण मोटर बॉडी वर्कशॉप व भंगार शॉप पर ट्रक और ट्रेलर को काटकर बेचा जा रहा है।
मार्बल में मंदी, उत्पादन घटा
Marble उद्योग में मंदी है। पिछले पांच छह साल में तीस से चालीस फीसदी उत्पादन रह गया है। इसी वजह से खदान में श्रमिक भी कम होते जा रहे हैं। खान गहरी हो गई, खर्च बढ़ गया, बाजार में अन्य टाइल्स आने की वजह से मार्बल की बिक्री कम हो गई है।
निर्मल जैन, महाप्रबंधक आरके मार्बल मोरवड़
नहीं रहा माल, बंद के कगार पर खानें
खदानों में मार्बल बहुत कम रह गया है, जिससे अब अधिकतर खदानें बंद के कगार पर है। आज खान, गैंगसा कटर कारोबारी भी वैकल्पिक उद्योग की तलाश में है। मैंने भी इसलिए मुंबई में नया कारोबार शुरू किया।
तनसुख बोहरा, मार्बल उद्यमी केलवा
ट्रेक्टर का टैक्स नहीं चुका पा रहे
तीस दिन में चार पांच दिन ट्रेलर खड़ा रहता था और आज 15 से 20 दिन तक भी भाड़ा नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में चालक का वेतन, परिवहन टैक्स, फिटनेस आदि खर्च निकालना ही मुश्किल हो गया है। ट्रेलर बेचना भी चाहते हैं, मगर मार्बल में मंदी के चलते खरीददार ही नहीं है। इस कारण कुछ कारोबारी तो ट्रक-ट्रेलर को भंगार में बेचने को मजबूर हो गए हैं।
निर्भयसिंह चौहान, अध्यक्ष ट्रक ट्रेलर ऑनर्स एसोसिएशन
हां, 50 फीसदी खाने बंद है
जिले में एक हजार से ज्यादा मार्बल की खदानें है, जिसमें से पचास फीसदी बंद हो गई। ज्यादातर खाने गहरी हो गई, तो कई खानों में माल ही नहीं रहा। आरके मार्बल के साथ मोरवड़ की अन्य बड़ी खानों में भी उत्पादन घट कर सिर्फ 30 से 40 फीसदी रह गया है, चिंताजनक हालात है।
एके नन्दवाना, अधीक्षण अभियंता खान एवं भू विज्ञान विभाग राजसमंद

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