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हलक तर करने वाली मेवाड़ की यमुना स्वरूप बनास के दामन को बना रहे दागदार

locationराजसमंदPublished: May 12, 2019 12:15:01 pm

Submitted by:

laxman singh

आखिर बनास को बदहाल बनाने में दोषी कौन प्रशासन और विभाग उदासीन, कचरा डाल डंपिंग यार्ड बनाने वालों पर न कार्रवाई न रोकशहर की जनता की आवाज भी की जा रही नजर अंदाज

mevaad kee yamuna svaroop banaas ke daaman ko bana rahe daagadaar

हलक तर करने वाली मेवाड़ की यमुना स्वरूप बनास के दामन को बना रहे दागदार

गिरिराज सोनी/प्रमोद भटनागर
नाथद्वारा. एक तरफ जल स्त्रोतों को संवारने एवं संरक्षण करने को लेकर सरकार के द्वारा विभिन्न मदों से बजट जारी कर कार्य करवाया जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर शहर में हालात यह है कि यहां से होकर गुजर रही बनास नदी में अपशिष्ट डालकर उसको इतना प्रदूषित कर दिया गया है कि बदबू के मारे उसके पास कोई ५ मिनट भी खड़ा रहना पसंद नहीं करता।
बाघेरी का नाका, नंदसमंद को भरने के साथ ही कुंभलगढ़ से लेकर रेलमगरा तक बहने वाली बनास नदी जिले के काफी बड़े भाग के भूजल स्तर को पर्याप्त बनाए रखने का आधार है। यही नहीं इसमें पानी बहते रहने से इस पूरे क्षेत्र के किसानों की खेती भी काफी अच्छी रहती है। इसके बावजूद शहर से होकर गुजर रही यमुना स्वरूपा बनास नदी के प्रति संबंधित विभाग ही नहीं प्रशासन के द्वारा भी पूरी तरह से अनदेखी की जा रही है। चित्रकूट एवं गनी बाबा की मजार पर जाने वाले मार्ग के पास ही बनास नदी पेटे के हालात यह हो चुके हैं कि वर्तमान में यहां जमा पानी में डाले गए अपशिष्ट से वह कीचड़ में बदल चुका है। इसमें जमा पॉलीथिन, प्लास्टिक की बोतलों आदि के कारण काफी अपशिष्ट फैल रहा है, जो नदी को पूरी तरह से प्रदूषित कर रहा है। ऐसे में इस क्षेत्र में नदी नहीं, बल्कि डंपिंग यार्ड की तरह की स्थिति हो गई है।
गिर रहा नालियों का पानी
यहां पर शहर के विभिन्न स्थानों की नालियों का गंदा पानी नालों से होकर बनास में गिर रहा है, जिसके चलते नदी का पानी पूरी तरह खराब होकर बदबू मारने लगा है। यही नहीं यहां लोग ट्रैक्टर, टेम्पों आदि में भरकर लाया मलबा आदि भी डाल जाते हैं, लेकिन उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है।
शहर के लोग उठा चुके आवाज
यमुना स्वरूपा बनास नदी को संवारने के लिये शहर के विभिन्न संगठनों के साथ ही यहां की जनता के द्वारा भी समय-समय पर आवाज उठाई गई, परंतु स्थानीय प्रशाासन के द्वारा मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया। इसकेचलते बनास नदी को संवारना तो दूर उसकी स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। मजार पर जाने वालों और यहां से गुजरने वाले राहगीरों ने बताया कि नदी में फैले मलबे की बदबू इतनी जबर्दस्त आती है कि यहां से गुजरने के दौरान नाक पर रूमाल या हाथ रखकर निकलना पड़ता है।
करेंगे कार्रवाई और वसूलेंगे जुर्माना
यहां जो मलबा हैं उसको हटवाया जाएगा एवं स्थायी समाधान के लिये बोर्ड लगाकर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। साथ ही कचरा डालने वालों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
लालजी मीणा, अध्यक्ष, नगर पालिका नाथद्वारा
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