केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथसिंह ने मेवाड़ निर्माता प्रकाश स्तंभ महाराणा कुम्भा की तस्वीर के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित की और दीप प्रज्वलित कर मेवाड़ महाकुम्भ का शुभारंभ किया। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथसिंह ने मेवाड़ के संस्थापक महाराणा कुम्भा की जन्मस्थली मदारिया माल्यावास में भव्य महाराणा कुम्भा स्मारक बनाने और अन्य कार्यों के लिए केंद्र सरकार द्वारा हरसंभव सहयोग की घोषणा की है। उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के मंत्री डॉ. महेश शर्मा से हुई बातचीत का ब्यौरा देते हुए बताया कि महाराणा कुम्भा की स्मृति को चिरस्थायी बनाये रखने के लिए भारत सरकार वांछित योगदान प्रदान करेगी।
केंद्रीय गृह मंत्री ने रविवार को राजसमन्द जिले के मदारिया माल्यावास में महाराणा कुम्भा की 601 वीं जयंती पर महाराणा कुम्भा जन्मभूमि सेवा समिति की और से आयोजित मेवाड़ महाकुम्भ में मुख्य अतिथि पद से संबोधित कर रहे थे।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि महाराणा कुम्भा की याद में होने वाले आयोजन केवल मदारिया तक ही सीमित न रहें बल्कि कुंभा का संदेश राजस्थान के कोने-कोने तक पहुंचना चाहिए।
उन्होंने महाराणा कुम्भा को साम्राज्य का ही नहीं बल्कि महान संस्कृति का संस्थापक बताया और मेवाड तथा राजस्थान की महिमा से परिचित कराते हुए कहा कि राजस्थान की धरती शौर्य-पराक्रम, बलिदान की गाथाओं से भरी रही है। राजस्थान की धरती राणा की शक्ति , मीरा की भक्ति, पन्ना की युक्ति, भामाशाह की संपत्ति और वीरांगनाओं की मुक्ति की भूमि है। उन्होंने कहा कि मेवाड़ का इतिहास दुनिया के लिए प्रेरक है । इसमें आत्मसमर्पण नाम का कोई शब्द नहीं। या तो विजय है या फिर वीर गति। तीसरा कोई विकल्प है ही नहीं।
उन्होंने कहा कि मेवाड़ की गौरव गाथा को जिस रूप में दर्शाया गया है उसे देख यह महसूस होता है कि इतिहास के साथ इंसाफ नहीं हुआ। गृह मंत्री ने मेवाड़ के राजवंश की स्थापना, बप्पा रावल से लेकर अब तक कि परंपराओं और खासियतों, ऐतिहासिक गाथाओं आदि का स्मरण किया और इनसे प्रेरणा पाकर समाज और देश की एकता और अखंडता तथा नवनिर्माण में भागीदारी का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि देश की सीमाएं सुरक्षित हैं, अब कोई आंख उठाकर नहीं देख सकता। अब दुनिया भर में भारत की छवि मज़बूत और तेजी से विकसित और तीव्रतर वृद्धि युक्त आर्थिक विकास वाले देश की है।दुनिया के लोगों की धारणा बदल रही है। केंद्रीय गृहमंत्री का स्वागत सांसद हरिओमसिंह राठौड़ ने पुष्पगुच्छ से स्वागत किया जबकि लखानी ने प्रतीक चिह्न भेंट किया। समिति के अध्यक्ष नारायणलाल उपाध्याय ने स्वागत भाषण दिया और महाराणा कुम्भा के जीवन और ऐतिहासिक कीर्ति गाथा पर विस्तार से बताया। समारोह में राजस्थान के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया, उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़, राजस्थान धरोहर संरक्षण एवम प्राधिकरण समिति के अध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत, राजस्थान मगरा विकास समिति के अध्यक्ष हरिसिंह रावत, देवगढ़ राजघराने के वीरभद्र सिंह, विधायक सुरेन्द्रसिंह राठौड़ सहित क्षेत्र भर से जनप्रतिनिधि और विशाल जन समुदाय उपस्थित रहा। मगरा विकास बोर्ड के अध्यक्ष हरिसिंह रावत ने दिवेर में 6.5 करोड़ से प्रताप स्मारक और कमेरी में पन्नाधाय पेनोरमा स्थापित करने के लिये मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ओ राज्य सरकार का आभार माना और कुम्भा की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के किये विशेष प्रयासों की आवश्यकता जतायी सांसद हरिओमसिंह राठौड़ ने मेवाड़ के इतिहास पुरुषों व ऐतिहासिक स्थलों के विकास के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की और केंद्रीय गृहमंत्री से महाराणा कुम्भा से संबंधित स्थलों के संरक्षण और विकास के लिए प्रभावी प्रयासों में भागीदारी निभाने का आग्रह किया। उच्च शिक्षा मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने मेवाड़ काम्प्लेक्स के विकास और विस्तार के प्रयासों, दिवेर में महाराणा प्रताप, बप्पा रावल, पन्नाधाय और, राणा राजसिंह पेनोरमा निर्माण, कुम्भलगढ़ किला, चित्तौडगढ़ दुर्गआदि के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की।
केंद्रीय गृह मंत्री ने रविवार को राजसमन्द जिले के मदारिया माल्यावास में महाराणा कुम्भा की 601 वीं जयंती पर महाराणा कुम्भा जन्मभूमि सेवा समिति की और से आयोजित मेवाड़ महाकुम्भ में मुख्य अतिथि पद से संबोधित कर रहे थे।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि महाराणा कुम्भा की याद में होने वाले आयोजन केवल मदारिया तक ही सीमित न रहें बल्कि कुंभा का संदेश राजस्थान के कोने-कोने तक पहुंचना चाहिए।
उन्होंने महाराणा कुम्भा को साम्राज्य का ही नहीं बल्कि महान संस्कृति का संस्थापक बताया और मेवाड तथा राजस्थान की महिमा से परिचित कराते हुए कहा कि राजस्थान की धरती शौर्य-पराक्रम, बलिदान की गाथाओं से भरी रही है। राजस्थान की धरती राणा की शक्ति , मीरा की भक्ति, पन्ना की युक्ति, भामाशाह की संपत्ति और वीरांगनाओं की मुक्ति की भूमि है। उन्होंने कहा कि मेवाड़ का इतिहास दुनिया के लिए प्रेरक है । इसमें आत्मसमर्पण नाम का कोई शब्द नहीं। या तो विजय है या फिर वीर गति। तीसरा कोई विकल्प है ही नहीं।
उन्होंने कहा कि मेवाड़ की गौरव गाथा को जिस रूप में दर्शाया गया है उसे देख यह महसूस होता है कि इतिहास के साथ इंसाफ नहीं हुआ। गृह मंत्री ने मेवाड़ के राजवंश की स्थापना, बप्पा रावल से लेकर अब तक कि परंपराओं और खासियतों, ऐतिहासिक गाथाओं आदि का स्मरण किया और इनसे प्रेरणा पाकर समाज और देश की एकता और अखंडता तथा नवनिर्माण में भागीदारी का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि देश की सीमाएं सुरक्षित हैं, अब कोई आंख उठाकर नहीं देख सकता। अब दुनिया भर में भारत की छवि मज़बूत और तेजी से विकसित और तीव्रतर वृद्धि युक्त आर्थिक विकास वाले देश की है।दुनिया के लोगों की धारणा बदल रही है। केंद्रीय गृहमंत्री का स्वागत सांसद हरिओमसिंह राठौड़ ने पुष्पगुच्छ से स्वागत किया जबकि लखानी ने प्रतीक चिह्न भेंट किया। समिति के अध्यक्ष नारायणलाल उपाध्याय ने स्वागत भाषण दिया और महाराणा कुम्भा के जीवन और ऐतिहासिक कीर्ति गाथा पर विस्तार से बताया। समारोह में राजस्थान के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया, उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़, राजस्थान धरोहर संरक्षण एवम प्राधिकरण समिति के अध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत, राजस्थान मगरा विकास समिति के अध्यक्ष हरिसिंह रावत, देवगढ़ राजघराने के वीरभद्र सिंह, विधायक सुरेन्द्रसिंह राठौड़ सहित क्षेत्र भर से जनप्रतिनिधि और विशाल जन समुदाय उपस्थित रहा। मगरा विकास बोर्ड के अध्यक्ष हरिसिंह रावत ने दिवेर में 6.5 करोड़ से प्रताप स्मारक और कमेरी में पन्नाधाय पेनोरमा स्थापित करने के लिये मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ओ राज्य सरकार का आभार माना और कुम्भा की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के किये विशेष प्रयासों की आवश्यकता जतायी सांसद हरिओमसिंह राठौड़ ने मेवाड़ के इतिहास पुरुषों व ऐतिहासिक स्थलों के विकास के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की और केंद्रीय गृहमंत्री से महाराणा कुम्भा से संबंधित स्थलों के संरक्षण और विकास के लिए प्रभावी प्रयासों में भागीदारी निभाने का आग्रह किया। उच्च शिक्षा मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने मेवाड़ काम्प्लेक्स के विकास और विस्तार के प्रयासों, दिवेर में महाराणा प्रताप, बप्पा रावल, पन्नाधाय और, राणा राजसिंह पेनोरमा निर्माण, कुम्भलगढ़ किला, चित्तौडगढ़ दुर्गआदि के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने चामुंडा माता मंदिर विकास, महाराणा कुम्भा मूर्ति स्थापित करने, पेनोरमा विकसित करने के योजनाबद्ध प्रयासों पर बल दिया।उन्होंने पद्मिनी के प्रसारण पर रोक पर जोर दिया। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने महाराणा कुम्भा समिति का आभार जताया और मेवाड़ की धरा को मान मर्यादा, शक्ति और भक्ति , त्याग और तपस्या की भूमि बताया और पद्मावती फ़िल्म को बेन करने का समर्थन किया। उन्होंने महाराणा कुम्भा के विलक्षण और दिव्य जीवन का जिक्र किया और राजस्थान के इतिहास से जुड़े स्थलों और महापुरुषों के विकास तथा नई पीढ़ी तक ऐतिहासिक गाथाओं को पहुंचाने में राजस्थान सरकार और मुख्यमंत्री की तारीफ की। उन्हीने चित्तोड दुर्ग विकास व संरक्षण की जानकारी दी। राठौड़ ने सभी से कहा कि वे सबका साथ सबका विकास को साकार करने का संकल्प लें।
मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह मंत्री ने भामाशाहों को सम्मानित किया। विधायक सुरेन्द्रसिंह राठौड, विधायक चौधरी ने सम्बोधित किया । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान के गृह मंत्री श्री गुलाबचंद कटारिया ने महाराणा कुम्भा जन्मभूमि सेवा समिति के प्रयास की भूरी भूरी प्रशंसा की और मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की और से घोषणा की और कहा कि महाराणा कुम्भा की जन्मस्थली का भव्य विकास इस बार के बजट में शामिल किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने राजस्थान धरोहर संरक्षण समिति के अध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत से योजना बनाने के लिए कहा। श्री कटारिया ने मेवाड़ के शौर्य पराक्रम, वीरता, स्वाभिमान, साहस तथा मेवाड़ महिमा पर प्रकाश डाला और कहा कि आने वाली पीढियों तक मेवाड़ के इतिहास को पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास करने पर जोर दिया।
गृह मंत्री ने कहा कि राजस्थान में पद्मिनी को बेन कर दिया है लेकिन देश भर में इस पर पाबंदी होनी चाहिए।
सभा के बाद गृह मंत्री 4 बजकर 5मिनिट पर माल्यावास से bsf के हेलीकाप्टर से रवाना।
गृह मंत्री ने कहा कि राजस्थान में पद्मिनी को बेन कर दिया है लेकिन देश भर में इस पर पाबंदी होनी चाहिए।
सभा के बाद गृह मंत्री 4 बजकर 5मिनिट पर माल्यावास से bsf के हेलीकाप्टर से रवाना।