मिनरल इकाई पर इस संकट का एकमात्र उपाय राज्य से कच्चा माल, लम्स एवं दाने आदि का राज्य के बाहर जाने पर रोक लगाना है। ऐसा होने पर स्थानीय मिनरल इकाइयों को पर्याप्त कच्चा माल मिलने पर इनका संकट दूर होने के साथ ही बेरोजगारों की समस्या दूर की जा सकती है।
मिनरल ग्राइंडिंग प्लांट के सदस्य एवं व्यवसाई पिछले करीब तीन वर्ष से कच्चे माल के राज्य से बाहर जाने पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन, इस व्यवसाय को बचाने के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई। इसके चलते मिनरल व्यवसायी वर्तमान में आंदोलन करने को मजबूर हो रहे हैं।
राज्यभर में फेल्सपार व क्वाट्र्ज ग्राइंडिंग इकाइयों की ओर से राज्य से बाहर जा रहे खनिज दाना एवं लम्बस के निर्गमन पर रोक लगाने के लिए उत्पादन बन्द होने की जानकारी खान विभाग के आला अधिकारियों को दे दी गई है। मंदी के दौर की वजह से कई इकाइयां बंद पड़ी है।
राजेश मेवाड़ा अध्यक्ष, लघु उद्योग संघ, देवगढ़
राजसमन्द. प्रदेश व्यापी आंदोलन के तहत मिनरल ग्राइडिंग प्लांट एसोसिएशन राजसमन्द के बैनर तले मिनरल्स व्यवसाइयों ने सोमवार को भी धरना एवं क्रमिक अनशन जारी रखा तथा जिले भर से आए सैकड़ों व्यवसायियों एवं कार्मिकों ने शहर में रैली निकाली एवं द्वारकाधीश मंदिर जाकर अपनी मांग के सन्दर्भ में प्रभु के समक्ष अर्जी लगाकर इस मसले पर राज्य सरकार को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की। इस बीच, इस सम्बन्ध में सरकार के उदासीन रवैये को देखते हुए मंगलवार से आमरण अनशन करने का निर्णय किया गया है। सुबह से ही यहां कलेक्ट्रेट के सामने 100 फीट रोड़ स्थित धरना स्थल पर विभिन्न क्षेत्रों से व्यवसाइयों का पहुंचना शुरू हो गया था। ग्राइंडिंग इकाइयों में कार्यरत सैकड़ों श्रमिक भी समर्थन में यहां जमा हो गए तथा संघर्ष समिति संयोजक दिनेश बड़ाला एवं एसोसिएशन अध्यक्ष गोवर्धन राठौड़ के नेतृत्व में रैली निकली। एसोसिएशन सदस्य लालूराम तेली ने बताया कि रैली के बाद धरना स्थल पर सभा हुई। इस दौरान सर्व सम्मति से आमरण अनशन करने का निर्णय किया गया। उन्होंने बताया कि मंगलवार को आमरण अनशन शुरू होगा, जिसके तहत एसोसिएशन सदस्य तपेश पुरोहित, राजीवलोचन शर्मा, डालचंद तेली, जगदीश तेली, कुलदीप चौहान, रमेश गुर्जर एवं मनीष दाधीच मंगलवार को आमरण अनशन पर बैठेंगे।