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Misunderstanding : लखनऊ में मोदी के हाथों स्वच्छ शक्ति सम्मान की बात निकली गलत : समारोह में शामिल का दिया था न्योता

locationराजसमंदPublished: Mar 18, 2018 03:03:41 pm

Submitted by:

laxman singh

राजस्थान की 16 महिला सरपंचों को पंचायतीराज विभाग ने पत्र के जरिये किया था आमंत्रित

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देवगढ़. लखनऊ में गत आठ मार्च को राजसमंद की दो महिला सरपंचों को स्वच्छ शक्ति 2018 का पुरस्कार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों मिलने की जो बात प्रचारित की, वह फर्जी थी। वहां उन्हें सिर्फ समारोह में शरीक होने के लिए बुलाया था। अब सरपंच पति ने कहा कि ठगा सा महसूस हो रहा है। मामला यह है कि मण्डावर की महिला सरपंच प्यारी रावत और लापस्या सरपंच सपना शर्मा को स्वच्छ शक्ति 2018 के पुरस्कार समारोह में शामिल होने का बुलावा आया था। मण्डावर सरपंच पति जसवंत सिंह ने इसे सोशल मीडिया पर ऐसे प्रचारित किया कि समारोह में प्रधानमंत्री के हाथों सम्मान दिया जाएगा। लखनऊ में समारोह हुआ, तो मंच पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में वहीं की 21 महिला सरपंचों को सम्मानित किया गया। राजस्थान से कुल १६ महिला सरपंच गई थीं, लेकिन उन्हें केवल सहभागिता का अवसर मिला।
फेसबुक पोस्ट से हुआ खुलासा
मगरा क्षेत्र में इन दिनों सुनीता रावत नाम की आईडी से चल रहे फेसबुक अकाउंट पर जब इस असलियत का खुलासा हुआ, तो लोग बहस में कूद पड़े। इस बहस में झूठ फैलाने वालों ने भी स्वीकार किया कि लखनऊ में मंच पर उन्हें कोई सम्मान या प्रशस्ति-पत्र नहीं मिला। सम्मान की बात फर्जी थी। शामिल हुए सभी सरपंचों को स्मृति चिह्न के तौर पर एक कॉफी मग दिया गया।
ऐसा नहीं सोचा था
मण्डावर सरपंच पति ने बताया कि मोदी के हाथों पुरस्कार पाने को लेकर उत्साहित महिला सरपंचों के साथ वहां ऐसा बर्ताव हुआ, तो उन्होंने खुद को ठगा सा महसूस किया। लापस्या सरपंच सपना शर्मा ने समारोह में सहभागिता को अपने लिए गौरव का विषय बताया। बताया कि उन्हें वहां मोमेंटो मिला। प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री के हाथों सम्मान मिलने की बात पर उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
आरोप द्वेषतापूर्ण लगाए जा रहे
सोशल मीडिया पर जो लोग आरोप लगा रहे हैं, वे पहले खुद कुछ अच्छा करके दिखाएं। जो खुद कुछ करते नहीं, वही दोषारोपण करते हैं। सभी आरोप राजनीतिक द्वेषतापूर्ण लगाए हैं।
प्यारी देवी रावत, सरपंच, मंडावर
जैसा हुआ, उसकी अपेक्षा नहीं थी
हमारे घर में शादी थी, वह छोडक़र हम लखनऊ गए। आनन-फानन में टिकट करवाए। बड़े पुरस्कार की आस थी। वहां जैसा हुआ, उसकी अपेक्षा नहीं थी। मुख्यमंत्री योगी और उमा भारती ने यूपी की ही महिला सरपंचों का सम्मान किया। जसवंत सिंह, सरपंच पति, मण्डावर
केवल शामिल होने बुलाया था
स्वच्छ शक्ति २०१८ का लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में सरपंचों को केवल स्वैच्छाग्राही के रूप में भाग लेने आमंत्रित किया था। उन्हें मुख्यमंत्री या किसी अन्य द्वारा कोई सम्मान नहीं दिया गया।
पराग चौधरी, अधिशासी अभियंता एवं एसबीएम कार्यक्रम, जयपुर
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