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45 साल में कचरे- सीवरेज निस्तारण का प्रबंध भी नहीं कर पाई नगरपालिका

locationराजसमंदPublished: Nov 15, 2019 11:59:12 am

Submitted by:

laxman singh

चन्द्रभागा नदी में कचरा के साथ डाल रहे नाले की गदंगी, बीस प्रशासक, दस अध्यक्षों में कोई नहीं दिखा गंभीर

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45 साल में कचरे- सीवरेज निस्तारण का प्रबंध भी नहीं कर पाई नगरपालिका

लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद

आमेट शहर में नगरपालिका गठन के ठीक 45 साल होने के बाद भी कचरा निस्तारण, सीवरेज व नालियों की गन्दगी के निस्तारण का भी प्रबंध नहीं हो पाया। इस लंबे अंतराल में बीस प्रशासक और दस अध्यक्ष बदल गए, लेकिन कोई भी आमेट के समग्र विकास को लेकर गंभीर नहीं दिखा। तभी अब तक आमेट का ज्यादातर कचरे का निस्तारण चन्द्रभागा नदी में ही हो रहा है। हैरानी की बात यह है कि नालियों व सीवरेज की गन्दगी तक भी नदी में डाली जा रही है। सड़क, नाली के व्यवस्थित निर्माण नहीं होने व सफाई व्यवस्था को लेकर भी कोई भी शहरवासी संतुष्ट नहीं दिखा। कोई आवागमन की समस्या से त्रस्त दिखा, तो कोई नियमित सफाई नहीं होने से परेशान है। किसी जगह नालियों की सफाई नहीं हो रही, तो कहीं सड़क पर गन्दगी बह रही है। शहर की कई सीमावर्ती कॉलोनियों में तो सड़कें भी नहीं है और न ही रोड लाइट का प्रबंध।
पत्रिका टीम जब सुबह नौ बजे भीलवाड़ा मार्ग पर इंद्रा कॉलोनी पहुंची, जहां सड़क किनारे बैठी भगवती देवी बोली- सड़क के साथ नालियां भी बनी, मगर सफाई के लिए नियमित कोई नहीं आता। घर के बाहर सड़क पर पसरी गन्दगी के साथ नाली भी हमें ही साफ करनी पड़ती है। इसके लिए कई बार पार्षद से लेकर नगरपालिका तक में शिकायत कर दी, मगर कोई सुनता ही नहीं। नाली बनाते वक्त सही ढलान नहीं दिया, जिससे पानी आगे बढ़ता ही नहीं। इंद्रा कॉलोनी में बस स्टॉपेज का टीन शेड ही टूट गया, जहां चौतरफा गन्दगी का ढेर लगा है, तो कांटेदार झाडिय़ा उग आई है। उसके मुहाने पर दो ऑटो खड़े हैं। यहां से आमेट शहर की तरफ चन्द्रभागा नदी कु पुल पर पहुंचे, तो दोनों तरफ से नालियों की गन्दगी आ रही थी। नदी पेटे में जगह जगह कचरे के ढेर भी दिखाई दिए, जो नगरपालिका के कचरा निस्तारण व्यवस्था की पोल खोल रहा है। वार्ड 18 के मनोज पंड्या व योगेश शर्मा बोले- गांधी नगर में सड़कें- नालियां आधी अधूरी बनी हुई है। नालियां ढकी हुई नहीं होने से मवेशी गिर रहे हैं और वाहन चालकों का गुजरना भी जोखिमभरा है। किशन बोले- शहर में नई पाइप लाइन बिछाने के लिए खोदे गए खड्डे यथावत पड़े हैं। पापा कॉलोनी के नवनीत ओझा ने बताया कि बरसाती पानी एक भूखंड में भरा रहता है, जो सड़ांध मार रहा है और लोगों में बीमारियों का खतरा है। माईंराम मंदिर के पीछे भी सड़क पर पानी भरा रहता है और झाडिय़ों की वजह से लोग परेशान है। वार्ड बीस में नई कॉलोनी के रज्जाक हुसैन ने बताया कि पेयजल की पाइप लाइन के लिए खड्डे खोदे गए, जो सही नहीं है। घनश्यामसिंह ने बताया कि शिवनाथपुरा स्कूल की छत लंबे समय से टपक रही है, मगर न तो शिक्षा विभाग ध्यान दे रहा है और न ही नगरपालिका द्वारा कोई कार्यवाही की जा रही है।
नालियों में ढलान ही नहीं
इंद्रा कॉलोनी से लेकर शिवनाथपुरा, गांधीनगर, रेलवे स्टेशन के आस पास की कॉलोनियों में अक्सर गन्दगी भरी ही रहती है। मुख्य वजह यह है कि नालियों का ढलान ही व्यवस्थित नहीं है। तकनीकी दृष्टि से नालियों का निर्माण नहीं होने की वजह से गन्दगी नालियों में भरी रहती है। ज्यादातर नालियां खुली है, जिससे भी संक्रमण फैलने का खतरा है।
यात्री प्रतिक्षालय अनुपयोगी
नगरपालिका की ओर से पांच वर्ष पहले इंद्रा कॉलोनी, रेलवे स्टेशन के पास सरदारगढ़ मार्ग व गांधीनगर की तरफ भी यात्री प्रतिक्षालय बनाए गए। उनके टीनशेड उड़ चुके हैं और नियमित साफ सफाई, रख रखाव के अभाव में वे खुर्दर्बुद हो गए हैं।
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