कैसे लगाएं बनास में पुण्य की डुबकी, घाट तक पहुंचना ही मुश्किल
राजसमंदPublished: May 15, 2019 12:33:40 pm
नाथद्वारा में नदी पेटा पूरी तरह खाली होते ही घाटों पर दिखने लगे उदासीनता के दागघाट तो दूर सीढिय़ों पर ही इतना मलबा की ऊपर से ही लौटना मजबूरीअभी नदी, घाट व सीढिय़ों को संवारने का बेहतर मौका
कैसे लगाएं बनास में पुण्य की डुबकी, घाट तक पहुंचना ही मुश्किल
प्रमोद भटनागर/गिरिराज सोनी नाथद्वारा. प्रभु श्रीनाथजी की नगरी नाथद्वारा में आस्था के चलते श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगाने बनास नदी पर जाते हैं। लेकिन, यहां पर यमुना की तरह पवित्र माने जानी वाली इस नदी की वर्तमान बदहाल स्थिति अगर कोई देख ले तो शायद वह कभी दुबारा इस नदी पर नहाने के लिये नहीं जाएगा।
कुछ ऐसा ही हाल शहर से होकर गुजर रही यमुना स्वरूपा बनास नदी का वर्तमान में हो रहा है। अभी गर्मी के मौसम के चलते नदी का पूरा पेटा दिखाई दे रहा है, जिस पर प्लास्टिक के अपशिष्ट के साथ जो कीचड़ पसरा है वो दिल को पसीज देता है। बनास नदी के गणगौर घाट के यहां स्थिति यह है कि मलबा डाले जाने से यहां गहराई नहीं के बराबर रह गई है। जबकि, शहर के वरिष्ठ लोग बताते हैं कि बरसों पूर्व यहां लगभग १० फीट से अधिक की गहराई थी। जबकि वर्तमान में घाट एवं डोलों के पास पॉलीथिन व प्लास्टिक के अपशिष्ट के साथ मलबा ही दिखाई देता है। इस स्थिति के बावजूद प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा इसको संवारने के लिये कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। ऐसे में बनास नदी की भराव क्षमता तो कम हो ही रही है, पूरी नदी में प्रदूषण बढऩे से यदि बारिश के मौसम में पानी आएगा तो वह भी प्रदूषित हो जाएगा।
नदी में डाले जा रहे मलबे के ढेर
बनास नदी के पेटे में विगत कुछ समय से मिट्टी एवं अपशिष्ट, मकानों का मलबा आदि से भरे ट्रैक्टर ट्रॉलियां खाली की जा रही है। इसके बावजूद प्रशासन ने इन्हें रोकने के कोई उपाय नहीं किए हैं।
छलावा साबित हुई यमुना विकास योजना
पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत भैरोंसिंह शेखावत के समय तत्कालीन पालिका बोर्ड के जनप्रतिनिधियों ने यमुना विकास के नाम पर योजना का प्रस्ताव बनाया था। लेकिन, वह योजना तब से लेकर आज तक प्रस्ताव से आगे ही नहीं बढ़ पाई है। यही नहीं इसके अलावा भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने यमुना विकास को लेकर कभी रूचि नहीं दिखाई।
बदहाली को लेकर लोगों में रोष
शहर के कई प्रबुद्धजनों एवं पर्यावरण प्रेमियों में भी बनास नदी के बदहाल होते जाने के बावजूद जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन के ध्यान नहीं दिये जाने से रोष व्याप्त है। ऐसे में लोगों ने पेटा खाली होने से वर्तमान समय को नदी की दशा सुधारने और इसके सौंदर्यीकरण के कार्य के लिए उपयुक्त बताया है।
बनास नदी में मलबा डालने वालों का पता लगाया जाएगा एवं संबंधित के खिलाफ कार्यवाही भी की जाएगी। वहीं, भविष्य में कोई मलबा नहीं डाले, इसके लिए भी कदम उठाये जाएंगे।
लालजी मीणा, अध्यक्ष, नगर पालिका, नाथद्वारा
करुंगी पालिका प्रशासन से बात
बनास का पेटा खाली होने से अभी सफाई का सही समय है। इस बारे में पालिका प्रशासन से मैं बात कर अवगत कराती हूं।
निशा, उपखंड अधिकारी नाथद्वारा