scriptराती पीरी चोली पहेरे नौतन झुमक सारी चोवा चंदन अंग लगावे सेंदुर मांग संवारी | Nanda mahotsav celebrated with pomp and reverence | Patrika News

राती पीरी चोली पहेरे नौतन झुमक सारी चोवा चंदन अंग लगावे सेंदुर मांग संवारी

locationराजसमंदPublished: Aug 26, 2019 12:22:59 pm

Submitted by:

laxman singh

Nanda mahotsav celebrated with pomp and reverence
धूमधाम और श्रद्धा से मनाया नंद महोत्सव

Nanda mahotsav celebrated with pomp and reverence

राती पीरी चोली पहेरे नौतन झुमक सारी चोवा चंदन अंग लगावे सेंदुर मांग संवारी

प्रमोद भटनागर

Nanda mahotsav celebrated with pomp and reverence

नाथद्वारा. प्रभु श्रीनाथजी मंदिर में नंद महोत्सव रविवार को पूरी श्रद्धा से मनाया गया। मंदिर में दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालु केसरयुक्त दही-छाछ की बौछारों से सराबोर होकर बाहर निकले। लगभग ४ घंटे तक चले इन दर्शनों का लाभ लेने सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचे। पूरा मंदिर परिसर लालो आयो रे लालो आयो रे… सेा गुंजायमान होता रहा। Nanda mahotsav celebrated with pomp and reverence
नंद महोत्सव के विशेष दर्शन रविवार को प्रात: साढ़े ७ बजे खुले। इस दौरान तिलकायत राकेश महाराज एवं उनके पुत्र विशाल बावा निज मंदिर पधारे। छठी का पूजन करने के बाद नंदबावा बने श्रीनाथजी के बड़े मुखिया व यशोदा बने लालन के मुखिया को मणिकोठा में लेकर पहुंचे। इसके बाद विशाल बावा ने दोनों सहित सखियां बने भीतरिया सहित सभी के साथ नृत्य किया। तिलकायत पुत्र ने ठाकुरजी की सेवा करने के बाद नंद महोत्सव के भाव से निज मंदिर के मणिकोठे में परंपरा का निवर्हन किया। इन विशेष दर्शनों के समय मंदिर की डोल तिबारी, रतन चौक में जमा हुए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने नंदघर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की एवं लालो आयो रे लालो आयो रे को गुंजायमान करते हुए केसर युक्त दही-छाछ में सराबोर होकर नाचे। इसी प्रकार ग्वाल- बालों ने मिट्टी की मटकी, हंडिया में केसर मिश्रीत दूध-दही-छाछ का श्रद्धालुओं पर उत्साह के साथ छिड़काव किया।
इन दर्शनों के बाद इस क्रम में लगभग साढ़े १० बजे नंदबावा को तिलकायत परिवार के द्वारा महाप्रभुजी की बैठक में लाने की परंपरा का आज विशाल बावा ने निवर्हन किया एवं कमल चौक, गोवर्धन पूजा चौक, लालन के मंदिर से बाहर कीर्तनगान करते हुए महाप्रभुजी की बैठक में लेकर पहुंचे।Nanda mahotsav celebrated with pomp and reverence वहां नंदबावा के तिलकायत व उनके पुत्र एवं दामाद सुदेव राव आदि ने चरण स्पर्श किए। इस परंपरा के बाद तिलकायत के द्वारा नंदबावा का शृंगार (वड़ा) खोला गया । तत्पश्चात् श्रीनाथजी के बड़े मुखिया गिरनारा ने तिलकायत व विशाल बावा के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया। यहां से नंदबावा बने गिरनारा मंदिर मार्ग, चौपाटी आदि से होकर मोतीमहल नीचे स्थित अपने आवास पहुंचे, जहां पर सेवावालों, श्रीनाथ गार्ड सहित अन्य सदस्यों आदि को लड्डू प्रसाद का वितरण किया गया।
दो बजे हुए राजभोग दर्शन
नंद महोत्सव के बाद दोपहर लगभग २ बजे राजभोग की झांकी के दर्शन खुले। इन दर्शनों में भी श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा। वहीं रात्रि को ८ बजे भोग आरती की झांकी के दर्शन खुले।
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द्वितीय पीठ में भी रहा उत्साह Nanda mahotsav celebrated with pomp and reverence

यहां स्थित वल्लभ संप्रदाय की द्वितीय पीठ वि_लनाथजी मंदिर में भी जन्माष्टमी एवं नन्दमहोत्सव का त्यौहार मनाया गया । शनिवार रात्रि के समय 12 बजे पश्चात पीठाधीश्वर पुत्र हरिराय बावा के द्वारा शालीग्रामजी को पंचामृत स्नान कराया। वहीं, रविवार को प्रात: साढ़े 9 बजे नंदबावा के साथ निज मन्दिर में पहुंचकर निर्धारित सेवाक्रम अनुसार युगल स्वरुप को पलने में विराजित कर लाड़ लड़ाए व व आरती उतारी। इसके बाद मन्दिर में पहुंचे श्रद्धालु वैष्णवों पर पर दूध-दही का छिड़काव किया गया।
कीर्तन का गान
प्रभु श्रीनाथजी मंदिर में नंद महोत्सव के अवसर पर कीतर्नकारों के मुखिया तोलाराम कुमावत के सानिध्य में कीर्तनगान किए गए। इसमें नाचत गोपी करत कुलाहल मंगल चार ठयो, राती पीरी चोली पहेरे नौतन झुमक सारी चोवा चंदन अंग लगावे सेंदुर मांग संवारी, आदि का गान किया।
बारिश भी सुकूनदायी
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शहर में रविवार को अपरान्ह के समय झमाझम बारिश हुई, जिसे नाथद्वारा के लिए विशेष सुकून वाला बताया जा रहा है। बुजुर्गों ने बताया कि ठाकुरजी के जन्मदिन के बाद नंद महोत्सव पर यदि बारिश होती है तो उसको पोतड़े धोने के लिए माना जाता है, जो सुकूनदायी है।
तिलकायत परिवार ने किया प्रस्थान
श्रीजी की नगरी में जन्माष्टमी एवं नंद महोत्सव के दो दिवसीय त्योहार के बाद तिलकायत परिवार सहित मुंबई प्रस्थान कर गए।

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