द्वितीय श्रेणी शिक्षक से सेवानिवृत सालवी बस्ती, प्रतापपुुरा (भावा) निवासी नारूलाल पुत्र उदा सालवी भी खाद्य सुरक्षा सूची में नाम जुड़वाने के लिए गरीब बन गए। इसी तरह सेवानिवृत शिक्षक प्रतापपुरा निवासी प्यारचंद पुत्र पेमा सालवी भी शिक्षक से सेवानिवृत होकर सरकार से पेंशन उठा रहे हैं। फिर भी खाद्य सुरक्षा सूची में नाम जुड़वाकर गरीबों के हक का 1 रुपए प्रति किलो का गेहूं खा रहे हैं। सेवानिवृत प्रधानाचार्य साकरोदा निवासी सुरेश चंद्र खटीक का नाम भी खाद्य सुरक्षा सूची में नाम है, जो राशन कार्ड 009709400056 से प्रतिमाह दस- दस किलो गेहूं व केरोसिन ले रहे हैं। इसी तरह सुरेशचंद्र खटीक के पुत्र हरीश खटीक का अलग राशन कार्ड है, जो दूधपुरा में सरकारी शिक्षक के पद पर कार्यरत होने के बाद भी खाद्य सुरक्षा सूची में नाम जुड़वा दिया और राशन कार्ड 009709400035 से प्रतिमाह पन्द्रह किलो गेहूं व केरोसिन जून 2016 से लगातार उठा रहे हैं।
जिले में ज्यादातर राशन डीलरों का नाम खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल है, जिनका प्रतिमाह कमीशन बीस से तीस हजार रुपए तक उठा रहे हैं। इसके बावजूद खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग जानकर भी अनजान बना हुआ है।
शिक्षक, सेवानिवृत कार्मिक व जनप्रतिनिधियों के नाम खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल होना गंभीर है। तत्काल नाम हटाते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जितना भी राशन व केरोसिन उठाया, उसकी भी वसूली की कार्रवाई की जाएगी।
संदीप माथुर, जिला रसद अधिकारी राजसमंद