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किसानों की ओर नहीं दे रहा कोई ध्यान, लगा रहे बार-बार चक्कर

locationराजसमंदPublished: Nov 08, 2022 12:17:49 pm

Submitted by:

himanshu dhawal

- रबी की बुवाई जारी, लेकिन डीएपी खाद की किल्लत से मारामारी, गेहूं और जौ की फसल की बुवाई में होती है डीएपी की आवश्यकता, जिले में 50 प्रतिशत के करीब रबी की बुवाई पूरी, अब गेहूं और जौ की जारी

किसानों की ओर नहीं दे रहा कोई ध्यान, लगा रहे बार-बार चक्कर
 राजसमंद के निकट एक खेत बुवाई के लिए तैयार।
राजसमंद. जिले में रबी की फसलों की बुवाई का दौर जारी है, लेकिन डीएपी खाद की कमी के कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि डीएपी खाद के लिए लोग क्रय-विक्रय सहकारी समिति के चक्कर लगा रहे हैं। हालांकि कृषि विभाग का दावा है कि जिले में 85 एमटी डीएपी उपलब्ध है।
जिले में रबी की बुवाई का दौर जारी है। रबी में गेहूं और जौ की फसल की बुवाई में डीएपी खाद की आवश्यकता होती है। जानकारों के अनुसार डीएपी में 18 प्रतिशत नाइट्रोजन तथा 46 प्रतिशत फासफोरस होता है। इस 18 प्रतिशत नाइटोजन में 15.5 प्रतिशत अमोनिया नाईट्रेट होता है। इससे पौधे की बढ़वार अच्छी होती है। जिले में अभी गेहूं और जौ की बुवाई जारी है। इसमें सर्वाधिक डीएपी खाद की आवश्यकता होती है। हालांकि खाद-बीज की दुकानों पर डीएपी उपलब्ध बताया जा रहा है, लेकिन इसके साथ एक नैनो यूरिया की बोतल दी जा रही है, इसके कारण काश्तकार क्रय विक्रय सहकारी समिति और ग्राम सहकारी समिति के चक्कर लगा रहे हैं। इसमें से अधिकांश स्थानों पर डीएपी उपलब्ध नहीं होने के कारण काश्तकारों को चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
रबी की करीब 50 फीसदी बुवाई : जिले में रबी की बुवाई का काम जारी है। कृषि विभाग के अनुसार इस बार रबी की फसल का 48980 हेक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें वर्तमान में करीब 24,500 हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। जिले में 15 अक्टूबर से 15 नवम्बर के बीच रबी की बुवाई की जाती है। इस बार विभाग ने गेहूं की 27830 हेक्टेयर में, जौ की 8050 हक्टेयर में, चना 8910, सरसों 2360, तारामीरा 210 और 3240 हेक्टेयर अन्य फसलों की बुवाई का लक्ष्य रखा है। इसमें से करीब 50 फीसदी बुवाई हो गई है।
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