सर्वे में बताई खामी
स्थानीय निवासी शंभूलाल खटीक ने बताया कि पत्रिका में खबरें प्रकाशित होने के बाद गैस एजेंसी से कार्मिक आए थे, उन्होंने बताया कि वर्ष २०११-१२ जो सर्वे हुआ उनके इन पात्र परिवारों के मुखिया पुरुष हैं और उज्ज्वला योजना में महिलाओं को ही कनेक्शन दिया जाता है। ऐसे में इन परिवारों को कनेक्शन अभी नहीं दिया जा सकता।
स्थानीय निवासी शंभूलाल खटीक ने बताया कि पत्रिका में खबरें प्रकाशित होने के बाद गैस एजेंसी से कार्मिक आए थे, उन्होंने बताया कि वर्ष २०११-१२ जो सर्वे हुआ उनके इन पात्र परिवारों के मुखिया पुरुष हैं और उज्ज्वला योजना में महिलाओं को ही कनेक्शन दिया जाता है। ऐसे में इन परिवारों को कनेक्शन अभी नहीं दिया जा सकता।
प्राधिकरण और सांसद ने दिए थे आदेश
राजस्थान पत्रिका खबर प्रकाशित होने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, (जिला एवं सेशन न्यायाधीश), राजसमंद के निर्देशानुसार नरेन्द्रकुमार, पूर्णकालिक सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजसमंद ने जिला रसद अधिकारी, राजसमंद को पत्र लिखकर निर्देशित किया था कि गरीब पात्र परिवारों को उक्त योजना का अविलंब लाभ दिलवाएं। साथ ही सांसद हरिओम सिंह राठौड़ ने पात्र परिवारों को निश्चित रूप से और जल्दी ही कनेक्शन दिलवाए जाने के आदेश दिए थे, लेकिन जिम्मेदारों तकनीकी अडंगा बताकर गरीबों को उनके हक से वंचित कर रखा है।
राजस्थान पत्रिका खबर प्रकाशित होने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, (जिला एवं सेशन न्यायाधीश), राजसमंद के निर्देशानुसार नरेन्द्रकुमार, पूर्णकालिक सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजसमंद ने जिला रसद अधिकारी, राजसमंद को पत्र लिखकर निर्देशित किया था कि गरीब पात्र परिवारों को उक्त योजना का अविलंब लाभ दिलवाएं। साथ ही सांसद हरिओम सिंह राठौड़ ने पात्र परिवारों को निश्चित रूप से और जल्दी ही कनेक्शन दिलवाए जाने के आदेश दिए थे, लेकिन जिम्मेदारों तकनीकी अडंगा बताकर गरीबों को उनके हक से वंचित कर रखा है।
यह है मामला
केंद्र सरकार ने गरीब परिवारों की महिलाओं के चेहरों पर खुशी लाने के उद्देश्य से 1 मई 2016 को उज्ज्वला योजना शुरू की। योजना के तहत गरीब महिलाओं को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन दिए जाने थे, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में खाना पकाने के लिए उपयोग में आने वाले जीवाश्म ईंधन की जगह एलपीजी का उपयोग हो। लेकिन जिले में जिम्मेदारों की अनदेखी से यह योजना दम तोड़ रही है। जिले के देलवाड़ा कस्बे के वार्ड १ में करीब 46 परिवार रहते हैं, अधिकतर लोग गमेती जाति के हैं। करीब डेढ़ साल पहले इन परिवारों ने नाथद्वारा गैस एजेंसी में आवेदन किए थे, लेकिन आज दिन तक कनेक्शन नहीं मिला। परिवार के लोगों ने एजेंसी के चक्कर भी काटे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
केंद्र सरकार ने गरीब परिवारों की महिलाओं के चेहरों पर खुशी लाने के उद्देश्य से 1 मई 2016 को उज्ज्वला योजना शुरू की। योजना के तहत गरीब महिलाओं को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन दिए जाने थे, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में खाना पकाने के लिए उपयोग में आने वाले जीवाश्म ईंधन की जगह एलपीजी का उपयोग हो। लेकिन जिले में जिम्मेदारों की अनदेखी से यह योजना दम तोड़ रही है। जिले के देलवाड़ा कस्बे के वार्ड १ में करीब 46 परिवार रहते हैं, अधिकतर लोग गमेती जाति के हैं। करीब डेढ़ साल पहले इन परिवारों ने नाथद्वारा गैस एजेंसी में आवेदन किए थे, लेकिन आज दिन तक कनेक्शन नहीं मिला। परिवार के लोगों ने एजेंसी के चक्कर भी काटे लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
सर्वे की खामियां मढ़ रहे गरीबों के माथे
उज्ज्वला गैस योजना का लाभ नियमानुसर बीपीएल परिवारों को दिया जाना है। ऐसे में देलवाड़ा के ४६ परिवार निशुल्क कनेक्शन के दायरे में हैं। अगर सर्वे में कोई खामी हुई है तो सर्वे करने वाले जिम्मेदारों को पकडक़र उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। जबकि उसके उलट पात्र परिवारों को उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है।
उज्ज्वला गैस योजना का लाभ नियमानुसर बीपीएल परिवारों को दिया जाना है। ऐसे में देलवाड़ा के ४६ परिवार निशुल्क कनेक्शन के दायरे में हैं। अगर सर्वे में कोई खामी हुई है तो सर्वे करने वाले जिम्मेदारों को पकडक़र उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। जबकि उसके उलट पात्र परिवारों को उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है।