Rajsamand Lake : अब राजसमंद झील में मछली पकडऩे के लिए दो नाव उतारी
- रात्रि में चोरी-छिपे पकड़ी जा रही मछलियां, प्रशासन भी मौन, धार्मिक दृष्टि के चलते झील से मछली पकडऩे पर है रोक
राजसमंद
Published: July 24, 2022 12:30:26 pm
राजसमंद. झील में अवैध रूप से मछलियां पकडऩे के लिए अब दो नाव उतर गई है। पहले चोरी-छिपे एक नाव से ही मछली पकड़ी जाती थी, झील का जलस्तर घटने के बाद से अब दो नावों के माध्यम से झील से मछली पकड़ी जा रही है। इसके बावजूद पुलिस, सिंचाई विभाग और नगर परिषद विभाग चुप्पी साधे हुए हैं।
द्वारिकाधीश की नगरी में झील से मछली पकडऩे पर रोक है। इसके बावजूद झील से चोरी-छिपे मछली पकडऩे का काम जारी है। झील का जलस्तर लगातार घट रहा है। इसके कारण अवैध रूप से मछली पकडऩे वालों ने अब झील में दो नाव उतार दी है। रात्रि के समय मछलियों को पकड़ते हैं। इसके बाद इन्हें छुपा देते हैं। इससे दूर से यह दिखाई नहीं दे सके। इस संबंध में राजस्थान पत्रिका में पहले भी समाचार प्रकाशित किए गए। इस पर सिंचाई विभाग की टीम जाल आदि ने निकालकर नष्ट किए। इसके बाद कुछ दिन शांति रही, लेकिन पिछले कुछ दिनों से मछली पकडने का काम फिर से शुरू हो गया है। जानकारों के अनुसार हाईवे स्थित एक मछली व्यापारी झील से चोरी-छिपे मछली पकड़वाता है और उन्हें बाहर भेजता है। इससे उसको मोटी इनकम भी होती है। हालांकि इस बात की जानकारी पुलिस प्रशासन और स्थानीय प्रशासन को भी है लेकिन कोई इस तरफ ध्यान नहीं देता है। इससे आमजन की भावना भी आहत होती है।
सीमा विवाद भी इसका बड़ा कारण
जानकारों के अनुसार राजसमंद झील में अवैध रूप से मत्स्य आखेट को रोकने में सीमा विवाद की बात सामने आती रही है। राजसमंद झील का कुछ हिस्सा नगर परिषद क्षेत्र और कुछ पंचायत में आता है। मछली पकडऩे वाले वासोल गांव की तरफ अपनी नाव आदि को छुपाते हैं और वहीं से रात्रि के समय मत्स्य आखेट के लिए झील में उतरते हैं।
झील का पेटे में उगी फसलें
पिछले साल अच्छी बारिश नहीं होने के कारण झील का जलस्तर लगातार घटता जा रहा है। जलस्तर वर्तमान में माइनस दो फीट के करीब है। इस मानसून में अभी तक अच्छी बारिश नहीं होने से झील में पानी की आवक नहीं हुई है। ऐसे में लगातार जल स्तर घटने से झील के किनारे सूखते जा रहे हैं। वहां पर लम्बे समय से खेती लहलहा रही है। वर्तमान में वहां भी बुवाई का दौर जारी है।

राजसमंद झील में रखी नावें।
पत्रिका डेली न्यूज़लेटर
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