बताया जाता है कि यह शिवसिंह जी का गुड़ा की भील बस्ती है। यहां करीब 8 घर बने हैं लेकिन पानी के लिए एक हैंडपंप तक नहीं है। बस्ती में जाने के लिए पक्की सडक़ का भी अभाव है।
80 वर्षीय वृद्धा कैसे बुझाए प्यास
इस बस्ती में एक 80 वर्ष की वृद्धा भी रहती है, जिसके बच्चे नहीं है अकेले रहती है। अब पानी के लिए उसे भी २ किमी का चक्कर लगाना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि पास के खेत में एक निजी कुआं है, अगर वह फसलों की सिंचाई के लिए चलता है तो हमें पानी मिल जाता है, लेकिन कुएं से रोजाना पानी नहीं मिलता।
बगल से जा रही बाघेरी की लाइन
इस बस्ती के बगल से ही बाघेरी की पाइप लाइन जा रही है, लेकिन बस्ती में कोई कनेक्शन नहीं होने से ग्रामीणों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा।
ग्रामीणों ने शुक्रवार को भी पानी की समस्या को लेकर देलवाड़ा तहसीलदार को ज्ञापन दिया। तहसीलदार ने समस्या का समाधान करवाने की बात कही है। मुझे यहां पर रहते हुए 40 साल हो चुके हैं, लेकिन अभीतक पानी की समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है। अगर यहां पर हैंडपंप या बाघेरी की लाइन से पानी मिल जाए तो सबसे बड़ी समस्या हल हो जाए।
-चुंकीबाई भील, स्थानीय निवासी
गर्मी के मौसम में सबसे ज्यादा परेशानी होती है। हमारे गोद में बच्चे होते हैं, और सिर पर घड़ा होता है। अब पहाड़ी इलाका होने से जंगली जानवरों का खतरा रहता है, ऐसे में समय से अगर पानी नहीं ला पाते तो बहुत समस्या होती है।
-लीलाबाई भील, स्थानीय निवासी