रात में बार-बार जगाता है डर
पिछले एक माह से पैंथर के प्रतिदिन आबादी में आने से अब ग्रामीणों में खौफ बना हुआ है। प्रतिदिन शाम ढलते ही एक बार तो पैंथर को भगाना ही पड़ता हैं। फिर भी ग्रामीणों को रात्रि के समय दुबारा आने का डर रहता है।
पिछले एक माह से पैंथर के प्रतिदिन आबादी में आने से अब ग्रामीणों में खौफ बना हुआ है। प्रतिदिन शाम ढलते ही एक बार तो पैंथर को भगाना ही पड़ता हैं। फिर भी ग्रामीणों को रात्रि के समय दुबारा आने का डर रहता है।
बनाते हैं टीमें
ग्रामीणों ने बताया कि रात्रि में दस से 11 बजे तक अलग.अलग ग्रामीणों का गुट बनाकर आबादी के आसपास घूमना पड़ता है। ताकि किसी भी ओर से पैंथर आबादी में नहीं आ सके। इसके तहत ग्रामीण पैंथर के आने-जाने वाले रास्ते में बैठ जाते हैं। लेकिन, अब तो पैंथर के दिन में भी खेतों में दिखाई देने से दिक्कत ज्यादा हो गई है।
ग्रामीणों ने बताया कि रात्रि में दस से 11 बजे तक अलग.अलग ग्रामीणों का गुट बनाकर आबादी के आसपास घूमना पड़ता है। ताकि किसी भी ओर से पैंथर आबादी में नहीं आ सके। इसके तहत ग्रामीण पैंथर के आने-जाने वाले रास्ते में बैठ जाते हैं। लेकिन, अब तो पैंथर के दिन में भी खेतों में दिखाई देने से दिक्कत ज्यादा हो गई है।
पिंजरा लगवाया है…
ग्रामीणों की शिकायत आई थी, हमने वहां पिंजरा लगवा दिया था, अब पैंथर उसमें आ नहीं रहा।
कुमार स्वामी गुप्ता, डीएफओ, राजसमंद
ग्रामीणों की शिकायत आई थी, हमने वहां पिंजरा लगवा दिया था, अब पैंथर उसमें आ नहीं रहा।
कुमार स्वामी गुप्ता, डीएफओ, राजसमंद