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एक ऐसा गांव, जहां शाम ढलते ही लाठियों से पैंथर को भगाते हैं ग्रामीण

locationराजसमंदPublished: May 24, 2018 09:06:59 am

Submitted by:

laxman singh

राजसमंद जिले के मोयणा गांव की समस्या

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एक ऐसा गांव, जहां शाम ढलते ही लाठियों से पैंथर को भगाते हैं ग्रामीण

राजसमंद. गजपुर क्षेत्र के मोयणा गांव के आसपास पिछले दो माह से पैंंथर विचरण कर रहा हैं , जिसने अब तक कई मवेशियों को मार दिया है। यह पैंथर रात करीब नौ से दस बजे ही आबादी में आ जाता है। ऐसे में ग्रामीणों को भनक लगने पर वे एकत्रित होकर उसे जंगल में भगाते हैं। पैंथर के द्वारा लगातार गांव के आबादी क्षेत्र में आकर एक के एक बाद एक ग्रामीणों के कई मवेशियों का शिकार करने से जहां ग्रामीणों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है, वहीं पैंथर के उन पर हमला करने की आशंका के चलते उनमें दहशत का माहौल भी बना हुआ है। यही कारण है कि पिछले एक माह से शाम ढलते ही ग्रामीण स्वयं खुद की व अपने पशुओं की हिफाजत के लिए 15 से 20 लोगों की टीम बनाकर जंगल की ओर पहरेदारी करते हैं। इस दौरान वे हाथों में टॉर्च एवं लठ आदि लेकर पैंथर के दिखाई देने पर उसे वापस जंगल की ओर भगा देते हैं। ग्रामीण भैरूसिंह, राजेंद्रसिंह, किरणसिंह, महेंद्रसिंह, भरतसिंह, किशनसिंह, विष्णुसिंह, पूरणसिंह, शम्भूसिंह, लेहरसिंह, सुरेन्द्रसिंह, नाथूसिंह, किशनसिंह, इन्द्रसिंह व सुन्दरलाल ने बताया कि गत सोमवार को रात दस बजे ही तेंदुआ आबादी में आ गया। कुत्तों के भौंकने से सभी को भनक लगी तो वे समूह में लाठी-टॉर्च लेकर घरों से बाहर आए व पत्थर फैंकते हुए पैंथर को जंगल में भगाया।
रात में बार-बार जगाता है डर
पिछले एक माह से पैंथर के प्रतिदिन आबादी में आने से अब ग्रामीणों में खौफ बना हुआ है। प्रतिदिन शाम ढलते ही एक बार तो पैंथर को भगाना ही पड़ता हैं। फिर भी ग्रामीणों को रात्रि के समय दुबारा आने का डर रहता है।
बनाते हैं टीमें
ग्रामीणों ने बताया कि रात्रि में दस से 11 बजे तक अलग.अलग ग्रामीणों का गुट बनाकर आबादी के आसपास घूमना पड़ता है। ताकि किसी भी ओर से पैंथर आबादी में नहीं आ सके। इसके तहत ग्रामीण पैंथर के आने-जाने वाले रास्ते में बैठ जाते हैं। लेकिन, अब तो पैंथर के दिन में भी खेतों में दिखाई देने से दिक्कत ज्यादा हो गई है।
पिंजरा लगवाया है…
ग्रामीणों की शिकायत आई थी, हमने वहां पिंजरा लगवा दिया था, अब पैंथर उसमें आ नहीं रहा।
कुमार स्वामी गुप्ता, डीएफओ, राजसमंद

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