scriptखतरे में शादियां-दूल्हे नहीं बैठ पाएंगे घोड़ी पर, दुल्हनों का मेकअप हुआ फीका | Danger on marriages-brides and grooms in tention, notes create problem | Patrika News

खतरे में शादियां-दूल्हे नहीं बैठ पाएंगे घोड़ी पर, दुल्हनों का मेकअप हुआ फीका

locationराजसमंदPublished: Nov 10, 2016 09:10:00 am

Submitted by:

raktim tiwari

शादी समारोह के खर्च की परेशानी बढ़ी। नोट बंद होने से पूरे शहर में वर और वधु पक्ष की बड़ गई है चिंता।

Mare was angry, walked two bridegrooms

Mare was angry, walked two bridegrooms

 देवउठनी ग्यारस के अबूझ सावे पर शहर में बड़ी संख्या में शादी समारोह हैं। ऐसे में पांच सौ और हजार के नोट बंद होने से वर और वधू पक्ष के लोगों की न केवल चिंता बढ़ी है बल्कि शादी समारोह के खर्च की परेशानी भी खड़ी कर दी है।
शादी समारोह में हलवाई, बैंड-बाजा, घोड़ी, ढोल, सब्जी-फल, दूध और अन्य खाद्य पदार्थों की खरीद नकद में ही करनी पड़ती है। इसके अतिरिक्त लेन-देन भी नकद ही होता है। वर और वधू पक्ष ने शादी के लिए पांच सौ और हजार के नोट बैंकों से कुछ दिन पहले ही निकाले थे। लेकिन मंगलवार शाम जैसे ही नोट बंद होने की खबर लगी तो शादी की खुशी नोटों की चिंता में बदल गई। बैंक बंद होने और गुरुवार से भी दो चार हजार से अधिक निकासी नहीं करने की मजबूरी के कारण वर और वधू के माता पिता और भाई बहनों की परेशानी बढ़ गई है।
सरकार को विकल्प देना चाहिए था

बेटी की शादी के लिए अधिकांश खरीदारी तो पहले ही कर ली थी। खाने और समारोह स्थल के पैसे देने सहित अन्य खर्चों के लिए पांच सौ और हजार के नोट ही निकाले थे। अब बड़े नोट बंद होने से परेशानी बढ़ गई है। बाजार में बड़े नोट ले नहीं रहे हैं और सौ और पचास के नोट उपलब्ध नहीं हैं। मंगलवार शाम तक सभी काम आसानी से हो रहे थे लेकिन अब नोट बंद होते ही परेशानी बढ़ गई।
-सुरेश कुमार छबलानी, एलआईसी कॉलोनी वैशालीनगर

मेरे परिवार में शुक्रवार को शादी है। सुबह सब्जियां खरीदने मंडी गए तो सब्जी वाले ने भी पांच सौ और हजार के नोट लेने से इन्कार कर दिया। अन्य खरीदारी में भी नोट नहीं चले। जिनकी बाजार में जान पहचान है उन्हें तो उधार में माल मिल रहा है लेकिन जिनकी जान पहचान नहीं हैं उनके सामने परेशानी खड़ी हो रही है। नोट बंद करने से पहले विकल्प देना चाहिए था।
-सुबोध खंडेलवाल, रामगंज

परिवार में शादी है, अधिकांश खरीदारी तो हो चुकी है लेकिन दूसरे छोटे मोटे कामों के लिए पांच सौ और हजार के नोट ही हैं। बाजार में बड़े नोट का चलन बंद होने से बहुत परेशानी हो रही है। सरकार को आम आदमी को ध्यान में रखकर यह निर्णय करना चाहिए था ताकि शादी समारोह और अन्य जरूरी कामों में दिक्कत नहीं होती।
पुष्पेन्द्र सिंह तंवर, कुंदननगर 

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो