वर्ष 2018 के मुकाबले डेढग़ुणा बारिश
वर्ष 2018 में जिले में औसत 544 मिमी बारिश हुई थी, जो इसवर्ष के मुकाबले करीब 213.71 मिमी कम है। जबकि अभी बारिश के दिन बाकी होने से यह अंतर और बढ़ सकता है।
छुट्टी के दिन गुलजार रहा बाघेरी
खमनोर. बाघेरी नाका इन दिनों सबसे हॉट स्पॉट बन चुका है। बांध छलकने के बाद जिले ही नहीं बल्कि संभाग भर से प्रतिदिन पर्यटक नहाने का लुत्फ लेने बाघेरी नाका पहुंच रहे हैं। रविवार को छुट्टी होने से बाघेरी नाका सैकड़ों पर्यटकों के हुजूम से आबाद रहा। छुट्टी का फायदा उठाने लोग दोस्तों, परिवारजनों के साथ यहां पहुंचे। बाघेरी नाका की पाल से गिरती चादर में नहाने की मस्ती परवान चढ़ी। चादर में नहाने के साथ ही भुट्टे, पकौड़े खाने, चाय-कॉफी पीने का मजा का दुगुना हो गया। कई लोग घर से ही मनपसंद व्यंजन बनाकर लाए और पानी के किनारे टिफिन खोलकर परिवार के साथ खाना खाया। दोपहर में करीब एक बजे बाघेरी नाका क्षेत्र में पौन घंटे तेज बारिश हुई। जैसे ही बारिश शुरू हुई, किनारे व आसपास खुले में खड़े लोग इधर-उधर भागे। पेड़ों और छप्पर की शरण ली। लगातार चली बारिश ने चादर में नहा रहे लोगों के सब्र की भी परीक्षा ली। पौन घंटे की तेज बारिश ने ज्यादातर पर्यटक बाघेरी नाका से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया। कई लोग बाघेरी नाका परियोजना के भवन में भी पहुंच गए। बाघेरी नाका पर पिछले पंद्रह दिनों से चादर चल रही है।
खमनोर. बाघेरी नाका इन दिनों सबसे हॉट स्पॉट बन चुका है। बांध छलकने के बाद जिले ही नहीं बल्कि संभाग भर से प्रतिदिन पर्यटक नहाने का लुत्फ लेने बाघेरी नाका पहुंच रहे हैं। रविवार को छुट्टी होने से बाघेरी नाका सैकड़ों पर्यटकों के हुजूम से आबाद रहा। छुट्टी का फायदा उठाने लोग दोस्तों, परिवारजनों के साथ यहां पहुंचे। बाघेरी नाका की पाल से गिरती चादर में नहाने की मस्ती परवान चढ़ी। चादर में नहाने के साथ ही भुट्टे, पकौड़े खाने, चाय-कॉफी पीने का मजा का दुगुना हो गया। कई लोग घर से ही मनपसंद व्यंजन बनाकर लाए और पानी के किनारे टिफिन खोलकर परिवार के साथ खाना खाया। दोपहर में करीब एक बजे बाघेरी नाका क्षेत्र में पौन घंटे तेज बारिश हुई। जैसे ही बारिश शुरू हुई, किनारे व आसपास खुले में खड़े लोग इधर-उधर भागे। पेड़ों और छप्पर की शरण ली। लगातार चली बारिश ने चादर में नहा रहे लोगों के सब्र की भी परीक्षा ली। पौन घंटे की तेज बारिश ने ज्यादातर पर्यटक बाघेरी नाका से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया। कई लोग बाघेरी नाका परियोजना के भवन में भी पहुंच गए। बाघेरी नाका पर पिछले पंद्रह दिनों से चादर चल रही है।