पूर्व में भी शिशोदा पीएचसी की जांच पर उठे सवाल
कुछ माह पूर्व दड़वल गांव की एक गर्भवती महिला का शिशोदा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ममता कार्ड बनाया गया। इस कार्ड में महिला का ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव दर्ज किया गया। जब महिला प्रसव के लिए राजसमंद के राजकीय जिला चिकित्सालय में भर्ती हुई और उसे ममता कार्ड में दर्ज ब्लड उपलब्ध करवाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने जब ब्लड चढ़ाने से पूर्व जांच की तो उनके होश उड़ गए, क्योंकि गर्भवती का ब्लडग्रुप एबी पॉजिटिव निकला।
इनका कहना है…
निजी लैब में जो मलेरिया की जांच हुई है, वह पूरी तथ्यात्मक नहीं है। मलेेरिया की जांच स्लाइड से होनी चाहिए जबकि कार्ड से हुई है। इसके लिए निजी लैब व अस्पतालों को पाबंध किया जाएगा। साथ ही शिशोदा पीएचसी के लैब टैक्नीशियन को भी पाबंध किया जाएगा। क्योंकि किसी का ब्लडग्रुप गलत लिखना गम्भीर है।
डॉ. पंकज कुमार गौड़, सीएमएचओ, राजसमंद
निजी लैब में जो मलेरिया की जांच हुई है, वह पूरी तथ्यात्मक नहीं है। मलेेरिया की जांच स्लाइड से होनी चाहिए जबकि कार्ड से हुई है। इसके लिए निजी लैब व अस्पतालों को पाबंध किया जाएगा। साथ ही शिशोदा पीएचसी के लैब टैक्नीशियन को भी पाबंध किया जाएगा। क्योंकि किसी का ब्लडग्रुप गलत लिखना गम्भीर है।
डॉ. पंकज कुमार गौड़, सीएमएचओ, राजसमंद
हमारी जांच सही है…
लैब की जांच एकदम सही है, जांच के लिए आए परिजनों ने बताया था कि पूर्व में भी इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की जांचे गलत आई थीं, हमने मलेरिया की जांच कार्ड से की है, जिसका ९० फीसदी परिणाम सही आता है।
डॉ. मोहित, आचार्य तुलसी, डायग्नोस्टिक सेंटर, नाथद्वारा