लाखेला तालाब पर और परशुराम महादेव मंदिर में चट्टानें गिरने का खतरा
कुंभलगढ़. केलवाड़ा तालाब से ऊपर कुंभलगढ़ दुर्ग एवं परशुराम महादेव जाने के पूरे रास्ते पर जगह-जगह पत्थर गिरने का खतरा बना हुआ है, जबकि परशुराम महादेव मंदिर की मुख्य गुफा मंदिर पर बरसों से चट्टानें लटक रही हैं। वहां से कभी-कभी ज्यादा बारिश के बाद पत्थर गिरने की घटनाएं होती रही हैं। तेज बारिश एवं जमीन के गलने के बाद पूरे मार्ग एवं परशुराम महादेव क्षेत्र में कहीं भी कभी भी चट्टानें गिर सकती हैं। एक दशक पहले जस्टिस चोपड़ा आयोग की कमेटी ने पूरे मामले की जांच कर यह माना था कि परशुराम महादेव मंदिर में कभी भी चट्टानें गिरने से बड़ा हादसा हो सकता है।
कुंभलगढ़. केलवाड़ा तालाब से ऊपर कुंभलगढ़ दुर्ग एवं परशुराम महादेव जाने के पूरे रास्ते पर जगह-जगह पत्थर गिरने का खतरा बना हुआ है, जबकि परशुराम महादेव मंदिर की मुख्य गुफा मंदिर पर बरसों से चट्टानें लटक रही हैं। वहां से कभी-कभी ज्यादा बारिश के बाद पत्थर गिरने की घटनाएं होती रही हैं। तेज बारिश एवं जमीन के गलने के बाद पूरे मार्ग एवं परशुराम महादेव क्षेत्र में कहीं भी कभी भी चट्टानें गिर सकती हैं। एक दशक पहले जस्टिस चोपड़ा आयोग की कमेटी ने पूरे मामले की जांच कर यह माना था कि परशुराम महादेव मंदिर में कभी भी चट्टानें गिरने से बड़ा हादसा हो सकता है।
हल्दीघाटी में दरक रही मिट्टी, पर्यटकों को हरपल रहता है हादसे का जोखिम
खमनोर. हल्दीघाटी के शीर्ष पर पहाड़ों से मिट्टी दरक रही है। नाथद्वारा से हल्दीघाटी होकर उदयपुर और लोसिंग-कुंभलगढ़ रोड होने से सालभर में लाखों पर्यटक यहां से गुजरते हैं। हल्दीघाटी की माटी के साथ फोटो खिंचवाने के दौरान कई बार मिट्टी, पत्थर व चट्टानें खिसकने की घटनाएं हो चुकी हैं। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। यह पर्यटकों का सेल्फी प्वाइंट है। खतरा मोल लेकर पर्यटक जमावड़ा लगाए रहते हैं, वहीं प्रशासन ने मलबा गिरने से रोकने के प्रयास नहीं किए हैं। समस्या पर वन विभाग और सड़क निर्माण विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते रहते हैं।
खमनोर. हल्दीघाटी के शीर्ष पर पहाड़ों से मिट्टी दरक रही है। नाथद्वारा से हल्दीघाटी होकर उदयपुर और लोसिंग-कुंभलगढ़ रोड होने से सालभर में लाखों पर्यटक यहां से गुजरते हैं। हल्दीघाटी की माटी के साथ फोटो खिंचवाने के दौरान कई बार मिट्टी, पत्थर व चट्टानें खिसकने की घटनाएं हो चुकी हैं। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। यह पर्यटकों का सेल्फी प्वाइंट है। खतरा मोल लेकर पर्यटक जमावड़ा लगाए रहते हैं, वहीं प्रशासन ने मलबा गिरने से रोकने के प्रयास नहीं किए हैं। समस्या पर वन विभाग और सड़क निर्माण विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते रहते हैं।
पीपली अहिरान में सड़क किनारे 100 फीट गहरी माइन्स
पीपली आचार्यान. ग्राम पंचायत पीपली अहिरान के आबादी क्षेत्र के पास प्रेमपुरा मार्ग से सटी गहरी मार्बल माइन्स संचालित है। इससे हर समय दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। यह माइन्स बिलानाम जमीन और तालाब पेटे में स्थित है। इस माइन्स का नवीनीकरण बगैर ग्राम पंचायत की स्वीकृति के किया गया है। ऐसे में इस माइन्स को निरस्त करवाने के लिए पीपली अहिरान सरपंच गंगाबाई अहीर ने खनिज विभाग को प्रार्थना- पत्र भी भेज रखा है। लेकिन, खनिज विभाग द्वारा अब तक कारवाई नहीं की है। सड़क मार्ग से सटी करीब 100 फीट गहरी माइन्स के किनारों पर बड़े-बड़े मार्बल ब्लॉक एवं पत्थर रख रखे हैं। इनसे कभी-भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
पीपली आचार्यान. ग्राम पंचायत पीपली अहिरान के आबादी क्षेत्र के पास प्रेमपुरा मार्ग से सटी गहरी मार्बल माइन्स संचालित है। इससे हर समय दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। यह माइन्स बिलानाम जमीन और तालाब पेटे में स्थित है। इस माइन्स का नवीनीकरण बगैर ग्राम पंचायत की स्वीकृति के किया गया है। ऐसे में इस माइन्स को निरस्त करवाने के लिए पीपली अहिरान सरपंच गंगाबाई अहीर ने खनिज विभाग को प्रार्थना- पत्र भी भेज रखा है। लेकिन, खनिज विभाग द्वारा अब तक कारवाई नहीं की है। सड़क मार्ग से सटी करीब 100 फीट गहरी माइन्स के किनारों पर बड़े-बड़े मार्बल ब्लॉक एवं पत्थर रख रखे हैं। इनसे कभी-भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
बड़ी चट्टानों व पत्थरों से कभी भी हो सकता है हादसा
कुंवारिया. कस्बे के महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यमिक विद्यालय के पिछवाड़े स्थित हकरी मगरी पहाड़ी से तथा कुंवारिया किले की पहाड़ी से बड़े पत्थर या चट्टानें लुढ़कने की स्थिति में बड़े हादसे का भय बना हुआ है। कस्बे के प्रबुद्धजनों ने बताया कि हकरी मगरी के समीप महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय स्थित है। मगरी की पहाड़ी के पत्थर व चट्टानें मिट्टी में ही फंसी हुई है। ऐसे में उनके कभी भी लुढ़ककर नीचे की ओर आने का खतरा बना हुआ है। मगरी के समीप ही विद्यालय संचालित है, जिसमें वर्तमान में 400 से भी अधिक बालिकाएं अध्ययनरत हैं। ऐसे में कभी भी हकरी मगरी पहाड़ी से पत्थर लुढ़क कर विद्यालय समय में परिसर में पहुंच गए तो बड़ा हादसा होने का भय है। कुंवारिया किला भी पहाड़ी पर स्थित है। पहाड़ी के ढलान व आसपास में रिहायशी क्षेत्र है, जहां पर कई लोगों के मकान व विभिन्न रास्ते स्थित हैं। किले की मगरी पर कई स्थानों पर पत्थर व चट्टानें अधर में अटकी हुई है, जिससे हादसे का डर बना रहता है।
कुंवारिया. कस्बे के महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यमिक विद्यालय के पिछवाड़े स्थित हकरी मगरी पहाड़ी से तथा कुंवारिया किले की पहाड़ी से बड़े पत्थर या चट्टानें लुढ़कने की स्थिति में बड़े हादसे का भय बना हुआ है। कस्बे के प्रबुद्धजनों ने बताया कि हकरी मगरी के समीप महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय स्थित है। मगरी की पहाड़ी के पत्थर व चट्टानें मिट्टी में ही फंसी हुई है। ऐसे में उनके कभी भी लुढ़ककर नीचे की ओर आने का खतरा बना हुआ है। मगरी के समीप ही विद्यालय संचालित है, जिसमें वर्तमान में 400 से भी अधिक बालिकाएं अध्ययनरत हैं। ऐसे में कभी भी हकरी मगरी पहाड़ी से पत्थर लुढ़क कर विद्यालय समय में परिसर में पहुंच गए तो बड़ा हादसा होने का भय है। कुंवारिया किला भी पहाड़ी पर स्थित है। पहाड़ी के ढलान व आसपास में रिहायशी क्षेत्र है, जहां पर कई लोगों के मकान व विभिन्न रास्ते स्थित हैं। किले की मगरी पर कई स्थानों पर पत्थर व चट्टानें अधर में अटकी हुई है, जिससे हादसे का डर बना रहता है।