जानकारी के अनुसार बडारड़ा, पीपरड़ा, राजनगर, सेवाली, मोरचणा, पसूंद, केलवा, पड़ासली, मांडावाड़ा एवं कांकरोली से भीलवाड़ा फोरलेन पर भी भावा, महासतियों की मादड़ी, रूपाखेड़ा, कुंवारिया क्षेत्र में अक्सर मवेशी बेतरतीब घूमते रहते हैं, जिससे आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। ज्यादातर मवेशी पशुपालकों की बेपरवाही के कारण सड़कों में घूम रहे हैं। इसको लेकर उपखंड अधिकारी सुशील कुमार की पहल पर सुरक्षित ट्रेफिक का पायलट प्रोजेक्ट राजसमंद उपखंड क्षेत्र में शुरू किया जा रहा है। इसको लेकर नगरपरिषद व पंचायत समिति राजसमंद के आयुक्त, विकास अधिकारी की बैठक लेकर साझा प्रयास के लिए निर्देश दिए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायतों द्वारा मवेशियों को पकडऩे की कार्रवाई की जाएगी, जबकि शहरी क्षेत्र में नगरपरिषद ने तैयारी कर ली है।
इसके तहत दो दिन से आमजन से अपील करते हुए पशुपालकों को चेता दिया कि वे अपने अपने मवेशियों को घर पर बांध लें और दूध निकालने के बाद सड़कों पर नहीं छोड़े। उसके बाद भी अगर राजसमंद शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में फोरलेन पर मवेशियों को छोड़ा जाएगा, तो नगरपरिषद व ग्राम पंचायत द्वारा पकड़ कर काइन हाउस में बंद कर दिया जाएगा। काइन हाउस में गायों के घास व पानी का अग्रिम प्रबंध कर लिया गया है। फिर सात दिन की समयावधि में पशुपालक निर्धारित जुर्माना राशि जमा करवाकर मवेशी को छुड़ाकर ले जा सकेगा। इसके अलावा जिन मवेशियों को पशुपालक नहीं ले जाएंगे, उन्हें प्रशासन द्वारा संबंधित गोशालाओं में शिफ्ट करवा दिया जाएगा।
टैग लगाकर सूचीबद्ध होंगे मवेशी
काइन हाउस में बंद करने के बाद सभी मवेशियों के टैग लगाकर सूचीबद्ध कर लिया जाएगा। फिर कोई भी पशुपालक अगर मवेशी को सड़क पर छोड़ेगा, तो उनके विरुद्ध दोहरे जुर्माने के साथ निरोधात्मक कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। इसको लेकर शहर व ग्रामीण क्षेत्र में मवेशियों के सिंग पर कलर तो कई के सिंग पर रेडियम लगाया गया है।
पशुपालक पर होगी कार्रवाई
शहर- देहात में मवेशियों की वजह से कई हादसे हो चुके हैं। इसको लेकर राजसमंद उपखंड क्षेत्र को सुरक्षित ट्रेफिक का प्रोजेक्ट शुरू किया है। पशुपालक द्वारा मवेशी छोड़े गए, तो दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
– सुशील कुमार, उपखंड अधिकारी, राजसमंद