पत्रिका ने उठाया मुद्दा
राजस्थान पत्रिका ने 17 नवम्बर को ‘क्षमता 1000, पॉजिटिव रेट 8 प्रतिशत, फिरभी सिर्फ 150 जांचे’, 21 नवम्बर को ‘बढ़ रहा कोरोना, घट रहा सैम्पलिंग का दायरा’, 29 नवम्बर को ‘दुश्मन हो रहा ताकतवर, मुकाबले की तैयारी कमजोर’ सहित अन्य खबरें प्रकाशित की। जिस पर विभाग सहित प्रशासन हरकत में आया और शिविर लगाकर जांच का दायरा बढ़ाना शुरू किया है। जिससे अब रोजाना 550 के औसत से जांचें शुरू हो गई हैं।
राजस्थान पत्रिका ने 17 नवम्बर को ‘क्षमता 1000, पॉजिटिव रेट 8 प्रतिशत, फिरभी सिर्फ 150 जांचे’, 21 नवम्बर को ‘बढ़ रहा कोरोना, घट रहा सैम्पलिंग का दायरा’, 29 नवम्बर को ‘दुश्मन हो रहा ताकतवर, मुकाबले की तैयारी कमजोर’ सहित अन्य खबरें प्रकाशित की। जिस पर विभाग सहित प्रशासन हरकत में आया और शिविर लगाकर जांच का दायरा बढ़ाना शुरू किया है। जिससे अब रोजाना 550 के औसत से जांचें शुरू हो गई हैं।
अभी और है हमारी लैब की क्षमता
दरअसल राजसमंद में कोरोना का कहर अगस्त माह में बढ़ा। जिसके बाद विभाग ने सैम्पलिंग का दायरा बढ़ा दिया। लेकिन जांच उदयपुर की लैब से होने के कारण आठ-आठ दिन रिपोट्र्स अटकने लगीं। इस पर चिकित्सा विभाग ने अटक रहे सैम्पलों के भार को कम करने के लिए अक्टूबर माह में सैम्पलिंग की गति मंद कर दी। लेकिन अब नाथद्वारा चिकित्सालय में कोरोना लैब लगने से रोजाना जांच की क्षमता १००० की है। ऐसे में अभी जांच का दायरा और बढ़ाया जा सकता है।
दरअसल राजसमंद में कोरोना का कहर अगस्त माह में बढ़ा। जिसके बाद विभाग ने सैम्पलिंग का दायरा बढ़ा दिया। लेकिन जांच उदयपुर की लैब से होने के कारण आठ-आठ दिन रिपोट्र्स अटकने लगीं। इस पर चिकित्सा विभाग ने अटक रहे सैम्पलों के भार को कम करने के लिए अक्टूबर माह में सैम्पलिंग की गति मंद कर दी। लेकिन अब नाथद्वारा चिकित्सालय में कोरोना लैब लगने से रोजाना जांच की क्षमता १००० की है। ऐसे में अभी जांच का दायरा और बढ़ाया जा सकता है।