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गांव की सरकार ने विकसित की नर्सरी, बनाया आय का साधन

locationराजसमंदPublished: Jan 06, 2021 08:37:11 pm

Submitted by:

Aswani

नमाना ग्राम पंचायत का मामलाअतिक्रमण से बची रहेगी भूमि शुरुआत में ही 10 हजार प्रतिमाह हो रही आय3 दर्जन से अधिक किस्म के बेंच रहे पौधे

गांव की सरकार ने विकसित की नर्सरी, बनाया आय का साधन

गांव की सरकार ने विकसित की नर्सरी, बनाया आय का साधन

राजसमंद. ‘एक पंथ दो काज’ की कहावत आपने सुनी होगी। इस कहावत को चरितार्थ किया है नमाना ग्राम पंचायत ने। जेके ग्राम से जाने वाले मार्ग किनारे बनास पेटे पर पंचायत की १० बीघा भूमि थी, जिस पर अतिक्रमण होने लगे थे। इस पर पंचायत ने यहां नर्सरी विकसित कर न केवल अतिक्रमण होने की संभावना को टाला है बल्कि अपनी आय का साधन भी बना लिया। नर्सरी विकसित होने के पांच-छह माह बाद से ही यहां करीब 10 हजार रुपए की आय शुरू हो गई है। पंचायत का दावा है कि वह नर्सरी से १० लाख रुपए तक वार्षिक कमाएंगे।
यह करवाए काम
पंचायत ने नर्सरी विकसित करने का प्रस्ताव तैयार किया। जून २०२० को पंचायत को नरेगा के तहत नर्सरी विकसित करने की वित्तीय स्वीकृति हो गई। पंचायत ने १० बीघा भूमि पर तारबंदी करवाकर दो बीघा में नर्सरी विकसिक की। जुलाई माह तक नर्सरी में निर्माण कार्य पूरा हो गया। अब यहां करीब ३६ प्रजाति के पौधे उपलब्ध हैं। पिछले दो माह से नर्सरी से पौधे की बिक्री भी शुरू हो गई है। बताया कि दो माह में नर्सरी से २० हजार रुपए की आय हो चुकी है। अब पौधों की नए खेप तैयार की जा रही है, जिससे पंचायत को उम्मीद है कि १० लाख रुपए तक वार्षिक आय होने लगेगी। जिससे पंचायत अपने स्तर पर समृद्ध हो जाएगी।

यह पौधे उपलब्ध
नर्सरी में वर्तमान में आम, नीम, अनार, अमरूद, पपीता, इमली, गुलमोहर, आंवला, सहजन, आशापाल, कटहल, बांस, तुलसी, गुलाब की कई किस्में, पीपल, कनेर सहित करीब ३ दर्जन प्रजाति के पौधे हैं।


लोगों को मिला रोजगार
नर्सरी बनने से यहां दर्जन भर लोगों को रोजगार मिल गया है। कोई नर्सरी में पौध रोपण का काम करता है तो कोई प्लास्टिक की थैलियों में मिट्टी भर कर उन्हें पौध रोपण के लिए तैयार करता है। पौधों की देखभाल, पानी पिलाने आदि के कार्य में करीब एक दर्जन लोगों को नर्सरी से रोजगार मिल रहा है।

कमल भी कर रहे तैयार
नर्सरी के अंदर कमल उगाने के लिए एक कमल कुंड तैयार किया गया है। जिसमें कीचड़ तैयार किया जा रहा है ताकि कमल खिल सकें। कमलकुंड नर्सरी के मध्य में फव्वारा की भांति बनाया गया है। जिससे नर्सरी भी आकर्षक दिखती है।
दोहरा फायदा होगा…
सडक़ किराने की महंगी भूमि होने से लोग इसमें अतिक्रणम करने लगे थे, ऐसे में नर्सरी विकसित की गई है। जिससे पंचायत की स्वयं की आय होगी और स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सकेगा। पंचायत का लक्ष्य है कि वे इसकी आय १० लाख रुपए वार्षिक कर दें। जिससे पंचायत के विकास कार्यों में सहायता मिलेगी।
-चंद्र कुंवर, सरपंच, ग्राम पंचायत नमाना, खमनोर

एक दर्जन और नर्सरी बन रही…
नमाना में पंचायत द्वारा बनाई गई पहली नर्सरी है। अब इसी की तर्ज पर खमनोर, भीम, देवगढ़ सहित करीब एक दर्जन पंचायतों में नर्सरी विकसित करने का काम चल रहा है। इससे दोहरा फायदा होगा। पहले तो अतिक्रमण की समस्या से मुक्ति मिलेगी। क्योंकि नर्सरी की सुरक्षा के लिए गार्ड भी लगाए जाएंगे। दूसरा पंचायतें स्वयं में सक्षम बन जाएंगी। नर्सरी में हमने बांस भी त्रिपुरा का विकसित करवाया है। क्योंकि ये बांस अगरबत्ती में काम आता है, जिससे इसकी मांग भी काफी ज्यादा होती है।
-निमिषा गुप्ता, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राजसमंद

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