यह था मामला
बताया गया कि नवनिर्मित मण्डी तक जाने के लिए पूर्व में एक और रास्ता खोला जाना था। बीच आ रही पुरानी दुकानों को हटाकर उसकी बजाय दूसरी जगह पर दुकानें आवंटित किए जाने का मौखिक समझौता किया गया था, लेकिन परिषद प्रतिनिधियों ने कोई एक्सचेंज डीडी नहीं की। इसके बावजूद बगैर अनुमति के परिषद की जमीन पर तीन दुकानों का निर्माण कर दिया गया। प्रतिपक्षी ने पुरानी दुकानों को भी खाली नहीं किया था तथा नवनिर्मित दुकानों पर भी कब्जा जमा लिया। इसके बाद परिषद को न्यायालय में जाना पड़ा।
बताया गया कि नवनिर्मित मण्डी तक जाने के लिए पूर्व में एक और रास्ता खोला जाना था। बीच आ रही पुरानी दुकानों को हटाकर उसकी बजाय दूसरी जगह पर दुकानें आवंटित किए जाने का मौखिक समझौता किया गया था, लेकिन परिषद प्रतिनिधियों ने कोई एक्सचेंज डीडी नहीं की। इसके बावजूद बगैर अनुमति के परिषद की जमीन पर तीन दुकानों का निर्माण कर दिया गया। प्रतिपक्षी ने पुरानी दुकानों को भी खाली नहीं किया था तथा नवनिर्मित दुकानों पर भी कब्जा जमा लिया। इसके बाद परिषद को न्यायालय में जाना पड़ा।