काउंसलिंग के बाद बालिका और उसके परिजनों ने गर्भपात करवाने के लिए सहमति दी। प्राधिकरण ने नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध करवाते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के जरिए राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर में रिट प्रस्तुत की। हाईकोर्ट के आदेश पर इस पीडि़त गर्भवती बालिका का उदयपुर के सरकारी चिकित्सालय में नियमानुसार गर्भ समापन करवाया गया।