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हाईकोर्ट के आदेश पर बलात्कार पीडि़ता गर्भवती बालिका का 24 सप्ताह का गर्भपात गिराया

locationराजसमंदPublished: Nov 29, 2022 12:06:04 pm

Submitted by:

jitendra paliwal

जिला विधिक प्राधिकरण की मदद से उदयपुर चिकित्सालय में गर्भ गिराया, प्राधिकरण ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मांगी थी अनुमति
 
 

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राजसमन्द. जिले की एक बलात्कार पीडि़त बालिका को ठहरा 24 सप्ताह से ज्यादा का गर्भ उदयपुर के सरकारी अस्पताल में चिकित्सकीय मदद से गिराया गया। बालिका को निशुल्क विधिक और मेडिकल सहायता दी गई। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में पूरी प्रक्रिया अपनाई गई।
जिले के एक पुलिस थाने में इस पीडि़ता से बलात्कार होने का प्रकरण दर्ज हुआ। जांच में उसके गर्भवती होने की बात पता चली तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने जरूरी मदद उपलब्ध करवाते हुए चिकित्सकीय एवं विधिक सहायता से गर्भपात करवाने की प्रक्रिया शुरू की।
प्राधिकरण सचिव मनीष कुमार वैष्णव ने बताया कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के आदेशानुसार पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज इस प्रकरण में बलात्कार के कारण गर्भवती हुई नाबालिग बालिका का गर्भकाल 24 सप्ताह से अधिक हो चुका था। बाल कल्याण समिति से मदद के लिए प्राधिकरण को चिट्ठी लिखी। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए चिट्ठी मिलते ही पीडि़त बालिका व उसके परिजनों से प्राधिकरण ने सम्पर्क किया। बालिका व उसके परिजनों की काउंसलिंग कराकर उन्हें चिकित्सकीय गर्भ समापन अधिनियम, पीडि़त प्रतिकर स्कीम, पॉक्सो अधिनियम में वर्णित प्रावधानों के बारे में बताया। बालिका और उसके परिवारजन को कम उम्र में नाबालिग बालिका के मां बनने पर बालिका एवं उसके शिशु पर पडऩे वाले शारीरिक और मानसिक खतरे के बारे में आगाह किया।
काउंसलिंग के बाद परिजनों ने दी सहमति
काउंसलिंग के बाद बालिका और उसके परिजनों ने गर्भपात करवाने के लिए सहमति दी। प्राधिकरण ने नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध करवाते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के जरिए राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर में रिट प्रस्तुत की। हाईकोर्ट के आदेश पर इस पीडि़त गर्भवती बालिका का उदयपुर के सरकारी चिकित्सालय में नियमानुसार गर्भ समापन करवाया गया।
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