दशकों से रही हैं मांग, चार बीघा भूमि हैं आरक्षित
मृण शिल्पकार दशकों से इस कला के प्रोत्साहन व नई पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए ठोस योजना की मांग कर रहे थे, जो अब पूरी होती नजर आ रही हैं। मोलेला में खमनोर रोड पर निर्माण कार्य होगा। पूर्व में शिल्पवाड़ी औद्योगिक प्रयोजनार्थ 4 बीघा भूमि आरक्षित है। पूर्व में योजना के तहत शिल्पकारों को पंचायत समिति ने पट्टे जारी किए थे, लेकिन उन्हें निरस्त कर दिया।
मृण शिल्पकार दशकों से इस कला के प्रोत्साहन व नई पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए ठोस योजना की मांग कर रहे थे, जो अब पूरी होती नजर आ रही हैं। मोलेला में खमनोर रोड पर निर्माण कार्य होगा। पूर्व में शिल्पवाड़ी औद्योगिक प्रयोजनार्थ 4 बीघा भूमि आरक्षित है। पूर्व में योजना के तहत शिल्पकारों को पंचायत समिति ने पट्टे जारी किए थे, लेकिन उन्हें निरस्त कर दिया।
कला ने देश- विदेश में पाया सम्मान
मोलेला के कलाकारों ने अंगुलियों के जादू से मिट्टी को मॉडर्न आर्ट की तरफ मोड़ा। रामायण-महाभारत सहित विविध कालखंडों की घटनाओं, प्रसंगों, लीलाओं, सभ्यताओं, इतिहास, संस्कृति, पहनावे व आधुनिक परिवेश के विषयों को जोड़ा और लीक से अलग कलाकृतियां बना रहे हैं। वृद्ध मोहनलाल कुम्हार को इस कला को ऊंचाइयां देने के लिए वर्ष 2012 में पद्मश्री पुरस्कार से नवाज चुकी है। आधुनिक कला से इस कला में नयापन भी आया हैं। देशभर में होटलों, कोठियों, बंगलों, रेलवे स्टेशनों, राजकीय और निजी कार्यालयों सहित विभिन्न जगहों पर 1 गुणा 1 फीट की टाइल्स पर कलाकृति से लेकर कई फीट लंबी-चौड़ी वॉल पर म्यूरल और मॉडल कलाकृतियों के रूप में पसंद की और लगाई जा रही हैं। कलाकार सिरेमिक क्रॉकरी (मिट्टी के बर्तन) ही नहीं, अब तो ज्वैलरी भी बनाने लगे हैं।
मोलेला के कलाकारों ने अंगुलियों के जादू से मिट्टी को मॉडर्न आर्ट की तरफ मोड़ा। रामायण-महाभारत सहित विविध कालखंडों की घटनाओं, प्रसंगों, लीलाओं, सभ्यताओं, इतिहास, संस्कृति, पहनावे व आधुनिक परिवेश के विषयों को जोड़ा और लीक से अलग कलाकृतियां बना रहे हैं। वृद्ध मोहनलाल कुम्हार को इस कला को ऊंचाइयां देने के लिए वर्ष 2012 में पद्मश्री पुरस्कार से नवाज चुकी है। आधुनिक कला से इस कला में नयापन भी आया हैं। देशभर में होटलों, कोठियों, बंगलों, रेलवे स्टेशनों, राजकीय और निजी कार्यालयों सहित विभिन्न जगहों पर 1 गुणा 1 फीट की टाइल्स पर कलाकृति से लेकर कई फीट लंबी-चौड़ी वॉल पर म्यूरल और मॉडल कलाकृतियों के रूप में पसंद की और लगाई जा रही हैं। कलाकार सिरेमिक क्रॉकरी (मिट्टी के बर्तन) ही नहीं, अब तो ज्वैलरी भी बनाने लगे हैं।
इनका कहना है…
मोलेला टेराकोटा कला को लेकर इतने लंबे समय के बाद कोई योजना क्रियान्वित होती नजर आ रही है। पर्यटकों व कला से जुड़े लोगों को अब एक ही छत के नीचे की शिल्पकला देखने व जानने को मिलेगी। मोलेला व यहां के कलाकारों की पहचान बढ़ेगी।
राजेन्द्र कुम्हार, राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कलाकार, मोलेला
मोलेला टेराकोटा कला को लेकर इतने लंबे समय के बाद कोई योजना क्रियान्वित होती नजर आ रही है। पर्यटकों व कला से जुड़े लोगों को अब एक ही छत के नीचे की शिल्पकला देखने व जानने को मिलेगी। मोलेला व यहां के कलाकारों की पहचान बढ़ेगी।
राजेन्द्र कुम्हार, राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कलाकार, मोलेला
विधानसभाध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के प्रयासों से शिल्पबाड़ी योजना पूरी होने जा रही है। यहां के कलाकारों के कई दशकों से यह मांग रही है। सरकार ने आखिर इस मांग को सुना।
सीमा जैन, सरपंच ग्राम पंचायत मोलेला
सीमा जैन, सरपंच ग्राम पंचायत मोलेला
एक माह में शुरू होगा निर्माण
शिल्पबाड़ी विकास योजना की वित्तीय स्वीकृति के बाद अब जल्द टेंडर करवाएंगे। एक से डेढ़ महीने में निर्माण कार्य शुरू करवा दिया जाएगा।
अनिल कुमार मित्तल, सहायक अभियंता, पुरातत्व विभाग
शिल्पबाड़ी विकास योजना की वित्तीय स्वीकृति के बाद अब जल्द टेंडर करवाएंगे। एक से डेढ़ महीने में निर्माण कार्य शुरू करवा दिया जाएगा।
अनिल कुमार मित्तल, सहायक अभियंता, पुरातत्व विभाग