प्रमाण-पत्र और 21 हजार रुपए दिलवाए
सूचना मिलने पर निर्मल गोराना ने अपने सहयोगी नितिन पंवार एवं ओंकार भाई के माध्यम से पुणे कलक्टर को ईमेल से शिकायत भेजी। वहां के प्रशासन के सहयोग से बालक को मुक्त करवाकर उसे मुक्ति प्रमाण-पत्र दिया गया और 21 हजार रुपए श्री मेटल इंडस्ट्री की ओर से दिलाई गए। बालक को उसके निवास स्थान पर पहुंचाया गया। संगठन की ओर से भी बालक को बंधुआ मजदूरों की पुनर्वास की योजना-2016 के तहत 3 लाख रुपए की आर्थिक सहायता एवं उसके सामाजिक एवं शैक्षणिक पुनर्वास प्रदान करने में योगदान देगी।
सूचना मिलने पर निर्मल गोराना ने अपने सहयोगी नितिन पंवार एवं ओंकार भाई के माध्यम से पुणे कलक्टर को ईमेल से शिकायत भेजी। वहां के प्रशासन के सहयोग से बालक को मुक्त करवाकर उसे मुक्ति प्रमाण-पत्र दिया गया और 21 हजार रुपए श्री मेटल इंडस्ट्री की ओर से दिलाई गए। बालक को उसके निवास स्थान पर पहुंचाया गया। संगठन की ओर से भी बालक को बंधुआ मजदूरों की पुनर्वास की योजना-2016 के तहत 3 लाख रुपए की आर्थिक सहायता एवं उसके सामाजिक एवं शैक्षणिक पुनर्वास प्रदान करने में योगदान देगी।