scriptVideo : राजसमंद देश में अव्वल | Rajsamand topped the country | Patrika News

Video : राजसमंद देश में अव्वल

locationराजसमंदPublished: Jul 09, 2020 04:32:52 pm

Submitted by:

Rakesh Gandhi

– स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)- ग्राम पंचायतों में बन रहे हैं सामुदायिक शौचालय व मॉडल आईईसी शौचालय- गुरुवार की रिपोर्ट में बाड़मेर दूसरे व सिरोही तीसरे नम्बर पर- देश में राजस्थान पहले, बिहार दूसरे व जम्मू-कश्मीर तीसरे स्थान पर बने हुए हैं

Video : राजसमंद देश में अव्वल

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राजसमंद. गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत सामुदायिक शौचालय निर्माण में राजसमंद जिला देश में अव्वल बना हुआ है। उल्लेखनीय है कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत देश के विभिन्न जिलों में सामुदायिक शौचालय व मॉडल आईईसी शौचालय बनाए जा रहे हैं। ताकि देश में खुले में शौच की प्रवृति को खत्म करने के साथ स्वच्छ वातावरण बनाया जा सके। राजसमंद समेत प्रदेश के 22 जिले सामुदायिक शौचालय निर्माण योजना के तहत चयनित किए गए हैं। इनमें राजसमद, हनुमानगढ़, भीलवाड़ा, बाड़मेर, सिरोही व उदयपुर जिलों के अलावा अन्य जिलों की प्रगति बहुत कम या नहीं के बराबर है। बुधवार सुबह जारी राष्ट्रीय रैंकिंग में राजसमंद जिला अपनी उल्लेखनीय प्रगति के साथ अव्वल रहा है। इस तरह पिछले लम्बे समय से राजसमंद को पहले स्थान से अभी तक देश का कोई दूसरा जिला हिला नहीं पाया है। इन मॉडल आईईसी शौचालय का उपयोग क्वारंटीन पीरियड के दौरान बेहतर हुआ, जहां प्रवासियों को किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई।

प्रदेश के इन जिलों का हुआ चयन
गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत सामुदायिक शौचालय निर्माण योजना में राजसमंद के साथ ही जालोर, नागौर, पाली, सिरोही, अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, चित्तौडग़ढ़, चूरू, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जयपुर, झुंझुनूं, जोधपुर, करौली, सीकर व उदयपुर शामिल हैं। इनमें से गुरुवार को जारी रैंकिंग में राजसमंद न केवल प्रदेश में बल्कि देश में पहले स्थान पर बना हुआ है। बाड़मेर दूसरे व सिरोही तीसरे स्थान पर हैं। हनुमानगढ़ कल की रिपोर्ट में दूसरे स्थान पर था। हैरानी तो इस बात की है कि कई जिलों की प्रगति तो शून्य बनी हुई है।
207 ग्राम पंचायतों में मॉडल आईईसी शौचालय तैयार
राजसमंद जिले में 207 ग्राम पंचायतों में मॉडल आईईसी शौचालय बनकर तैयार हो चुके हैं। इसके अलावा 7 ब्लॉक स्तर पर व एक जिला परिषद में भी ये शौचालय बनाया जाना हैं, जिसमें से छह बनकर तैयार है, जबकि आमेट व देवगढ़ में निर्माण अंतिम चरण में है। ट्विन पिट तकनीक के इन प्रत्येक मॉडल आईईसी शौचालय पर 50 हजार रुपए खर्च करने की योजना है।
सामुदायिक शौचालय
जिले में 207 ग्राम पंचायतों में से 172 की स्वीकृति पहले चरण में मिली, जिसमें से 137 शौचालयों का निर्माण हो चुका है, जबकि 35 का कार्य प्रगति पर है। इन प्रत्येक सामुदायिक शौचालय पर दो लाख रुपए की लागत आएगी। इनका निर्माण ग्राम पंचायतें खुद अपने स्तर पर करवा रही है। शेष 35 शौचालयों के निर्माण की स्वीकृति अब जिला प्रशासन के स्तर पर ही मिल जाएगी, जबकि पहले ये राज्य स्तर से मिलती थी।
लॉकडाउन व अनलॉक में मिला रोजगार
स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक नानालाल सालवी ने बताया कि इन शौचालय का निर्माण लॉकडाउन व अनलॉक पीरियड में हो रहा है। ऐसे में करीब पांच हजार से अधिक कुशल व अकुशल श्रमिकों को रोजगार भी मिला है। इन शौचालय पर रंगाई पुताई के बाद प्रेरणादायी संदेश लिखवाए गए हैं, ताकि ग्रामीणों को जागरूक किया जा सके।

नियमित निगरानी व जागरुकता से मिली सफलता
ये सफलता टीम वर्क का नतीजा है। स्वच्छ भारत मिशन बहुत चुनौती भरा काम है। हमारे अधिकारियों व कर्मचारियों ने ग्राम पंचायत स्तर तक नियमित निगरानी रखी। नियमित उपयोगिता प्रमाण-पत्र की जांच व सोशल मीडिया के जरिए रिपोर्ट शेयर करना। खुशी है कि सभी की मेहनत रंग लाई। अभी हमें 65 सामुदायिक शौचालय और बनाने हैं। हमारा प्रयास रहेगा कि हम प्रवासी मजदूरों को भी रोजगार से जोड़ें। जिला कलक्टर का मार्गदर्शन हमारे लिए काफी उपयोगी रहा। साथ ही उम्मीद है हमारी टीम इसी उत्सुकता से काम में जुटी रहेगी, ताकि इस अभियान को सम्पूर्ण सफलता मिले।
– निमिषा गुप्ता, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, राजसमंद

शुरू से अंत तक चौकस रहे
हमने इस अभियान के लिए पहले अच्छे से प्लानिंग की। हर शौचालय पर अलग से प्रभारी बनाकर निविदा से लेकर काम पूरा होने तक पूरी निगरानी रखी। हम पूरे देश में अव्वल हैं और उम्मीद है इससे टीम का जोश भी दुगुना होगा।
– अरविन्द कुमार पोसवाल, जिला कलक्टर, राजसमंद
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