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‘रंग मत डारे रे कन्हैया म्हारी भीगे चुनरी रंग मत डारे रेÓ

locationराजसमंदPublished: Mar 26, 2019 12:40:19 pm

Submitted by:

laxman singh

ठाकुरजी की बाल प्रतिमा संग रंगो में सराबोर हुए श्रद्वालु

rangpanchami mahotsav at charbhuja

‘रंग मत डारे रे कन्हैया म्हारी भीगे चुनरी रंग मत डारे रेÓ

प्रमोद भटनागर
चारभुजा. धर्मनगरी में प्रभु श्रीचारभुजानाथ के दरबार में चल रहे पंद्रह दिवसीय फाग महोत्सव एवं रंगपंचमी पर सोमवार को रंग महोत्सव धूमधाम से मनाया गया।
कार्यक्रम के तहत अपरान्ह 3.30 बजे चारभुजाजी की बाल प्रतिमा को ठाठ-बाट व गुलाल- अबीर एवं पुष्प वर्षा के बीच चांदी की पालकी में बिराजमान करवाया गया। बाल स्वरूप को गुलाब के फूलों से शृंगारित किया गया। इसके बाद झूले के दर्शन खुले, जहां पुजारियों ने एक घन्टे तक प्रभु के समक्ष हरजस व स्तवन का गान किया। इससे पूर्व मंदिर प्रांगण में दो बड़े कड़ाहों में हल्दिया व केसर का रंग घोला गया। रंगपंचमी के इस परंपरागत कार्यक्रम को लेकर श्रद्धालुओं ने समय से पहले ही मंदिर व आसपास के घरों की छतों पर डेरा डाल लिया था। शाम करीब 4.30 बजे देवस्थान के सिपाही के तोप दागने के साथ ही रंग महोत्सव शुरू हुआ। इस दौरान पुजारियों ने हाथ में चांदी व सोने की पिचकारी, कटोरा, लोटा व जग आदि से कड़ाहों में से रंग लेकर निज मंदिर पहुंचे और ठाकुरजी को होली खेलाने लगे। इस दौरान होली खेलत हरि के द्वारे रंग मत डारे रे कन्हैया जैसे कीर्तन का गान करते हुए श्रद्धालुओं और पुजारियों ने रंगों की जमकर वर्षा की। ऐसे में पूरा मंदिर प्रांगण रंगों की बैछार से अट गया। इसके चलते कुछ ही देर में वहां मौजूद सभी जने पूरी तरह रंगों में सराबोर हो गए। ऐसे में वातावरण रसमयी एवं वंृदावन सा नजारा देखने में आ रहा था। रंगों की बारिश का यह क्रम करीब एक घन्टे तक जमकर चला। इसके बाद प्रभु के समक्ष पुजारियों ने भाव- विभोर होकर भक्ति की धुन पर नृत्य किया। बाद में बाल प्रतिमा को पुन: गर्भ गृह में प्रतिस्थापित किया गया। महोत्सव के बाद मंदिर प्रांगण की सफाई की गई और दर्शन खुल गए।

श्रीजी मंदिर के समक्ष गेर नृत्य का आयोजन
नाथद्वारा. प्रभु श्रीनाथजी मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार नक्कारखाना चौक में सोमवार को ग्रामीणों के द्वारा गेर नृत्य का आयोजन किया गया। सायंकाल आयोजित गेर नृत्य के दौरान उपली ओडन के ग्रामीणों ने पारंपरिक परिधान पहनकर थाली मादल की थाप पर नृत्य किया। नृत्य में कई बुजुर्ग भी शामिल हुए। वहीं, युवाओं में खासा उत्साह दिखाई दिया। गेर नृत्य को देखने कई श्रद्धालु एवं क्षेत्रवासी भी मौजूद थे।
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