देवगढ़ थानाधिकारी भगवान लाल मेघवाल ( Rajsamand police ) ने बताया कि गत माह गोरख्या, करेड़ा (भीलवाडा) निवासी संजय रेगर खुमानपुरा स्थित अपनी दुकान से बाइक पर कुंआथल डेढ़ लाख रुपए देने जा रहा था। इसकी जानकारी उसके मित्र अशोक रेगर को थी, जिसने ही लूट की साजिश रची। अशोक की गोरख्या में रेडियम की दुकान है। उसने दुकान पर कार्यरत सुनील पुत्र लादूलाल को बताया, जिस पर सुनील ने लूट, नकबजनी, अपहरण के मामलों में माहिर ओमप्रकाश नाई को बताया। इसी दौरान ओमप्रकाश का एक मित्र कीरो का खेड़ा, सिंबरोला, गंगरार (चित्तौडग़ढ़) बंशीलाल भी उसके साथ था, जो लूट की वारदात को अंजाम देने पर एकमत हो गए। फिर अशोक के बताए हुलिए के अनुसार सुनील, ओमप्रकाश नाई व बंशीलाल कार लेकर कुआथल की तरफ रवाना हो गए और कुआस का गुड़ा के पास संजय रेगर बाइक पर आता दिखाई।
इस पर आरोपियों ने बाइक रूकवाकर संजय से मारपीट करते हुए कार में बिठा दिया और मोबाइल के साथ डेढ़ लाख रुपए लूट लिए। फिर दो तीन किमी. दूर सुनसान जगह पर संजय को उतारकर आरोपी फरार हो गए।
पचास हजार के लालच में की लूट अशोक की रेडियम दुकान पर सुनील कार्य करता है। अशोक ने उसे 50 हजार रुपए देने का लालच दिया। इस पर सुनील ने सहमति जताते हुए ओमप्रकाश की मदद से लूट की वारदात को अंजाम दे दिया। कई मामलों में वांछित ओमप्रकाश लूट के आरोपी ओमप्रकाश के विरुद्ध 2010 में दिवेर व जवाजा थाने में लूट, डकैती, छेड़छाड़ के प्रकरण दर्ज है। छेड़छाड़ मामले में भीलवाड़ा जेल जा चुका है, जो 6 अगस्त 2019 को ही जमानत पर बाहर आया। बंशीलाल के विरुद्ध भीलवाड़ा जिले के आसींद थाने में लूट व अपहरण के मामले में जेल से 3 मई 2019 को ही जमानत पर बाहर आया था।