बीमारी के लक्षण
-मांस पेशियों में दर्द होता है।
-शरीर के किसी भाग में लाल दाने उभरते हैं।
-पिस्सू के काटने वाली जगह पर काला धब्बा (फफोला) बनकर गांठ बन जाता है।
-सर्दी देकर बुखार आता है।
-शरीर दर्द के साथ ही सिरदर्द होता है।
-बुखार के साथ अत्याधिक पसीना आता है।
क्या करें
-पूरी बांह के कपड़े पहनकर रहें।
-घर से बाहर जाते समय जूते-मोजे पहनें।
-घर के आस-पास घास-फूस की सफाई रखें।
-चूहों से बचाव करें।
-चिकित्सक की देखरेख में दवाई लें।
-पालतू जानवरों देखरेख रखें, उन्हें साफ रखें।
-बीमार होने पर तुंरत डॉक्टर को दिखाएं
यह नहीं करें
-व्यस्त पार्क या बड़ी घास वाले जंगल क्षेत्र में न जाएं।
-घर के आस-पास झाडिय़ां न उगने दें।
-घर के बगीचे में गंदगी न होने दें।
मरीज बढ़े हैं
अभीतक जिले में स्क्रब टाइफस के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी थी, इसलिए मामले कम सामने आ रहे थे, अब लोग इसे गम्भीरता से ले रहे हैं इसलिए ज्यादा से ज्यादा स्क्रीनिंग हुई हैं, जिससे मरीजों की संख्या बढ़ी है। बीमारी पूरी तरह से नियंत्रण में है, जिले में इसके प्रभावी रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए पशुपालन विभाग के साथ मिलकर संयुक्त कार्रवाई की जा रही है।
-डॉ. जेपी बुनकर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, राजसमंद