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मां शबरी का बना मंदिर, धूमधाम से की प्राण प्रतिष्ठा

locationराजसमंदPublished: May 03, 2019 12:18:14 pm

Submitted by:

laxman singh

-कार्यक्रम में वोराठ भील समुदाय ने बढ़चढ़ कर लिया भाग

shabari temple pranpratistha at seavantri

मां शबरी का बना मंदिर, धूमधाम से की प्राण प्रतिष्ठा

प्रमोद भटनागर
चारभुजा. वोराठ क्षेत्र में मां शबरी के मंदिर का निर्माण किया गया तथा गुरुवार को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हुआ, जिसमें वोराठ भील समुदाय के लोगों ने बढ़चढ़ कर भागीदारी निभाई।
पंडित सुरेश दवे व गौरीशंकर त्रिपाठी के सान्निध्य में विधिविधान के साथ हवन यज्ञ सम्पन्न हुआ। सैंकड़ों जोडों ने सपत्निक हवन यज्ञ में आहुतियां दी। प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व मां शबरी व श्रीराम की शोभायात्रा निकाली गई। बाद में दोपहर 12.15 बजे मूर्ति स्थापित कर ध्वजा व कलश चढ़ाया गया। ध्वजा रस्म के समय वर्षा भी की गई।
महिलाओं ने घूमर नृत्य किया व मंगल गीत गाए। समारोह में राजस्थान भील समाज विकास समिति के प्रदेश सभापति गंगाराम भील, भील समाज जिलाध्यक्ष मोहनलाल भील, जिला युवा अध्यक्ष मदनलाल भील, जिला सचिव बंशीलाल भील, चारभुजा तहसील के भील समाज के अध्यक्ष राजाराम भील एवं वागुन्दा, निचला घाटड़ा, थूरावड़, चारभुजा व मोराणा के समाजजनों ने भाग लिया।
अभिमानी व्यक्ति कुल नाशक होता है- माधव गोपाल
-रामकथा के विभिन्न प्रसंगों पर भाव विभोर हुए श्रद्धालु
-पंचकुण्डीय महायज्ञ में दी आहुतियां
कुंवारिया. संत माधव गोपाल ने कहा कि व्यक्ति में जब अभिमान का अवगुण हावी होता है तो वह स्वयं के साथ पूरे कुल का नाश करता है।
संत झौर ग्राम पंचायत क्षेत्र में स्थित मुरड़ा गांव में समस्त ग्रामवासियों के सहयोग से आयोजित नो दिवसीय श्रीरामचरित्र मानस संगीतमय कथा में नवें दिन गुरुवार को रावण वध के प्रसंग पर प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वाभिमान व अभिमान के मध्य में काफी कम फासला होता है यह फासला व्यक्ति की सोच पर निर्भर करता है। श्रीराम को अपने आदर्शों व मर्यादा पर स्वाभिमान था, जबकि रावण को अपने ज्ञान व शक्ति पर अभिमान था, जिसमें स्वाभिमान की जीत होती है और अभिमान का नाश होता है। जब व्यक्ति को किसी भी प्रकार के अभिमान की आशंका हो तो स्वयं के भीतर झांक लेना चाहिए कि इस संसार में कितने ही शक्तिशाली राजा व महाराजाओं का पलभर में नाश हो गया, तो फिर किस बात का अभिमान करें। उन्होने कहा कि जीवन में स्वविवेक का कभी नाश नहीं होने दें तथा हरबार ये सोचे कि मृत्यु निश्चित एवं शाशस्वत है तो किस बात पर इतना गुरूर करें।
श्रीराम कथा में हनुमानजी द्वारा लंका दहन, प्रभुश्री राम के द्वारा समुन्द्र के तट पर रामेश्वरम की स्थापना करने, सेतू का निर्माण करने, श्रीराम व रावण की सेना के मध्य युद्ध होने, मेघनाथ के द्वारा लक्ष्मण को मुर्छित करने के संवाद सहित अन्य प्रसंगों पर भावपूर्ण प्रवचन दिए।
पंचकुण्डीय महायज्ञ में दी आहुतियां
गुरुवार को आचार्य मुकेश शर्मा, गोविन्द शर्मा, नंदकिशोर गर्ग के सानिध्य में वैदिक मंत्रोचार के साथ यज्ञ हुआ। जिसमें जोड़ों द्वारा आहुतियां दी गई। यज्ञ में प्रभुश्रीराम व हनुमानजी के जयघोष लगाए गए। जिससे चहुओर वातावरण भक्तियुक्त बन गया। धार्मिक अनुष्ठान के तहत पूर्णाहुति के साथ विशेष पूजा अर्चना व महाप्रसाद का वितरण किया गया। इस अवसर पर काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
तीन दिवसीय काबरी मेला चार से
कुंवारिया. काबरी महादेव मंदिर परिसर में चार मई से तीन दिवसीय मेले का शुभारम्भ होगा। आयोजन से जुड़े मांगीलाल पूर्बिया ने बताया कि मेला परिसर की साफ-सफाई प्रारम्भ करा दी गई है। मेले का शुभारम्भ चार मई को होगा।
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