1 जून को फूल का बंगला मनोरथ
इसी प्रकार एक जून को सुबह श्रीजी में फूल का बंगला (चन्दन की गोली) लालन में कली की मंडली (चंदन की चौली) शाम को गोपी झुलावन आई नोतन साज शृंगार , २ को प्रात: श्रीजी में मोती का बंगला सायंकाल चंवरी (स्नान), लालन में फूल-पत्ती का बंगला सायंकाल गहवर वन में मोर कुटीर (स्नान), ३ को प्रात: कमल की मण्डली व शाम को खस खाना का मनोरथ, लालन में प्रात: चंदन की पत्ती का बंगला शाम को गणगौर , ४ को सुबह गुलाबीघटा गुलाब की मंडली (गोखड़ा वाली) शाम को गणगौर, लालन में सुबह ईलायची की मंडली, शाम को फूलोंं की तीहरी हटड़ी, ५ को प्रात: बंगला का मनोरथ, शाम को छूटत फुंवारे आगे निके बिराजे हो, लालन में सुबह गुलाबी घटा शाम को छूटत फुंवारे आगे निके बिराजे हो, ६ को चंदन की पत्ती का बंगला व शाम को गोवर्धन गिरि सघन कन्दरा रे, लालन में प्रात: लाड़ले लाल पालना झूले निज बगीचा में व शाम को गोवर्धन गिरि सघन कंदरा रे, ७ को श्रीजी व लालन में प्रात: नन्द महोत्सव (लालन श्रीजी में पधारेंगे) व शाम को लाड़लो लड़ाय बुलावत धेनु, ८ को प्रात कुण्डवारा व शाम को यमुना जल गिरिधर करत विहार, लालन में नंदभवन में पलना झूले (ग्वाल में) व जय गोपाल तथा शाम को यमुना जल गिरिधर करत विहार, ९ को श्रीजी में सायंकाल चल वन बहुत मन्द सुगन्ध सीतलूम व लालन इस मनोरथ के अवसर पर नीचली ओडन स्थित बाग में मनोरथ के लिए पधारेंगे। इसी क्रम में १० को प्रात: चितराम का बंगला शाम को कली के शृंगार, ११ को फूल डोल (श्रीप्रियजी श्रीजी में पधारेंगे) शाम को कुमुद वन भली पहुंची आय, १२ को श्रीजी में सायंकाल हटड़ी आज बनी कुंजेश्वरी रानी (गोचारण) का मनोरथ व लालन में नौ चोकियों का मनोरथ (मंगला में) शाम को हटड़ी आज बनी कुंजेश्वरी रानी (गोचारण) तथा अधिक मास का समापन १३ जून को श्रीजी बावा में छप्पनभोग के मनोरथ के साथ होगा। इसमें राजभोग के समय छप्पनभोग के दर्शन खुलेंगे एवं निधि स्वरूप लाड़ले लालन श्रीजी में पधारेंगे। इन मनोरथ में कुछ दिन तिलकायत राकेश महाराज की आज्ञा से परिवर्तन एवं परिवर्धन भी किया जा सकता है।
इसी प्रकार एक जून को सुबह श्रीजी में फूल का बंगला (चन्दन की गोली) लालन में कली की मंडली (चंदन की चौली) शाम को गोपी झुलावन आई नोतन साज शृंगार , २ को प्रात: श्रीजी में मोती का बंगला सायंकाल चंवरी (स्नान), लालन में फूल-पत्ती का बंगला सायंकाल गहवर वन में मोर कुटीर (स्नान), ३ को प्रात: कमल की मण्डली व शाम को खस खाना का मनोरथ, लालन में प्रात: चंदन की पत्ती का बंगला शाम को गणगौर , ४ को सुबह गुलाबीघटा गुलाब की मंडली (गोखड़ा वाली) शाम को गणगौर, लालन में सुबह ईलायची की मंडली, शाम को फूलोंं की तीहरी हटड़ी, ५ को प्रात: बंगला का मनोरथ, शाम को छूटत फुंवारे आगे निके बिराजे हो, लालन में सुबह गुलाबी घटा शाम को छूटत फुंवारे आगे निके बिराजे हो, ६ को चंदन की पत्ती का बंगला व शाम को गोवर्धन गिरि सघन कन्दरा रे, लालन में प्रात: लाड़ले लाल पालना झूले निज बगीचा में व शाम को गोवर्धन गिरि सघन कंदरा रे, ७ को श्रीजी व लालन में प्रात: नन्द महोत्सव (लालन श्रीजी में पधारेंगे) व शाम को लाड़लो लड़ाय बुलावत धेनु, ८ को प्रात कुण्डवारा व शाम को यमुना जल गिरिधर करत विहार, लालन में नंदभवन में पलना झूले (ग्वाल में) व जय गोपाल तथा शाम को यमुना जल गिरिधर करत विहार, ९ को श्रीजी में सायंकाल चल वन बहुत मन्द सुगन्ध सीतलूम व लालन इस मनोरथ के अवसर पर नीचली ओडन स्थित बाग में मनोरथ के लिए पधारेंगे। इसी क्रम में १० को प्रात: चितराम का बंगला शाम को कली के शृंगार, ११ को फूल डोल (श्रीप्रियजी श्रीजी में पधारेंगे) शाम को कुमुद वन भली पहुंची आय, १२ को श्रीजी में सायंकाल हटड़ी आज बनी कुंजेश्वरी रानी (गोचारण) का मनोरथ व लालन में नौ चोकियों का मनोरथ (मंगला में) शाम को हटड़ी आज बनी कुंजेश्वरी रानी (गोचारण) तथा अधिक मास का समापन १३ जून को श्रीजी बावा में छप्पनभोग के मनोरथ के साथ होगा। इसमें राजभोग के समय छप्पनभोग के दर्शन खुलेंगे एवं निधि स्वरूप लाड़ले लालन श्रीजी में पधारेंगे। इन मनोरथ में कुछ दिन तिलकायत राकेश महाराज की आज्ञा से परिवर्तन एवं परिवर्धन भी किया जा सकता है।
ये मुख्य मनोरथ
अधिक मास में प्रभु श्रीनाथजी की नगरी में यों तो विविध मनोरथ से पूरा मास बितेगा, परंतु इस दौरान ९ जून को विशेष मनोरथ के अन्तर्गत निधि स्वरूप लाड़ले लालन पूरे ठाट-बाट के साथ नीचली ओडन स्थित ओडन बाग में मनोरथ के लिए सुखपाल में बिराजित होकर पधारेंगे। इन मनोरथ के दर्शन शाम को वहां पर खुलेंगे। जबकि, २६ मई को नाव मनोरथ तथा ५ जून को छूटत फुंवारे आगे निके आदि के साथ अधिक मास के आखिरी दिन १३ जून को अलौकिक छप्पनभोग मनोरथ का आयोजन होगा। मनोरथों की तैयारियां मंदिर की परंपरानुसार प्रारंभ हो चुकी है। वहीं, यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी दर्शन से लेकर अन्य व्यवस्थाओं को सुचारू रखने के लिए तिलकायत पुत्र विशाल बावा के सानिध्य में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
अधिक मास में प्रभु श्रीनाथजी की नगरी में यों तो विविध मनोरथ से पूरा मास बितेगा, परंतु इस दौरान ९ जून को विशेष मनोरथ के अन्तर्गत निधि स्वरूप लाड़ले लालन पूरे ठाट-बाट के साथ नीचली ओडन स्थित ओडन बाग में मनोरथ के लिए सुखपाल में बिराजित होकर पधारेंगे। इन मनोरथ के दर्शन शाम को वहां पर खुलेंगे। जबकि, २६ मई को नाव मनोरथ तथा ५ जून को छूटत फुंवारे आगे निके आदि के साथ अधिक मास के आखिरी दिन १३ जून को अलौकिक छप्पनभोग मनोरथ का आयोजन होगा। मनोरथों की तैयारियां मंदिर की परंपरानुसार प्रारंभ हो चुकी है। वहीं, यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी दर्शन से लेकर अन्य व्यवस्थाओं को सुचारू रखने के लिए तिलकायत पुत्र विशाल बावा के सानिध्य में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।