थानेटा में 2946 मतदाताओं में से 1420 लोगों ने शराबबंदी के लिए ज्ञापन दिया। फिर 14 फरवरी 2018 को भौतिक सत्यापन के लिए कुल मतदाताओं में से 26.03 प्रतिशत 767 मतदाताओं ने हस्ताक्षर सत्यापन कराया। नियमानुसार 20 फीसदी हस्ताक्षर सत्यापन होने अनिवार्य है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में भी हस्ताक्षर का सत्यापन हुआ, मगर तब 20 फीसदी से कम हस्ताक्षर सत्यापन होने से शराबबंदी की मुहिम स्थगित हो गई। ग्रामीणों ने शराबबंदी की लड़ाई लड़ते हुए दोबारा जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा और 14 फरवरी 18 में हस्ताक्षर सत्यापन होने के बाद सरकार द्वारा कार्रवाई अटका दी गई।
काछबली व मंडावर पंचायत में आबकारी अधिनियम की मतदान प्रक्रिया से शराबबंदी हो गई। इसके अलावा बरजाल पंचायत में हुए मतदान में भले ही हार गए, मगर ग्रामीणों की एकजुटता के चलते आबकारी विभाग और प्रशासन शराब की दुकान नहीं खोल पाया। इसके चलते 2019 में आबकारी विभाग को मजबूरन बरजाल गांव की दुकान को बंद कर दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया। इस तरह तीन ग्राम पंचायतें शराबमुक्त हो गई।
थानेटा के साथ बरार, पीपलीनगर, कूकड़ा, ठीकरवास, बार, खीमाखेड़ा, कूकरखेड़ा, छापली के अलावा राजसमंद तहसील क्षेत्र में राज्यावास पंचायत में शराबबंदी को लेकर आवाज बुलंद की। जिला कलक्टर को ज्ञापन भी दिए, मगर प्रशासन द्वारा चार पंचायतों के अलावा अन्य पंचायतों में हस्ताक्षर सत्यापन की तारीख तक घोषित नहीं की।
जिला आबकारी अधिकारी रियाजुद्दीन उस्मानी ने बताया कि शराबबंदी का ज्ञापन प्राप्त होने के बाद उनके हस्ताक्षर का सत्यापन कराया जाता है, जिसमें 20 फीसदी सत्यापन होने पर ही मतदान कराया जाता है। नियमानुसार सत्यापन हो जाता है, तो उसी वित्तीय वर्ष में 31 मार्च से पहले मतदान प्रक्रिया पूरी करने का प्रावधान है। क्योंकि वित्तीय वर्ष के बीच के माह में भी मतदान हो जाए, तब भी दुकान अगले वित्तीय वर्ष की शुरुआत यानि अपे्रल माह से शराब की दुकान बंद होती है।
शराबबंदी के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ते रहेंगे। प्रशासन व सरकार जबरन अड़ंगे लगा रही है। हम हर स्तर पर शराबबंदी की लड़ाई लड़ते रहेंगे, प्रशासन व सरकार जितना चाहे, जो चाहे, जैसा अड़ंगा लगाकर मुहिम में बाधा डालती रहे।
मोहनसिंह चौहान, संयोजक शराबबंदी मुहिम थानेटा
सिविल रिट याचिका पर हाईकोर्ट द्वारा शराबबंदी की अग्रिम कार्रवाई तत्परता से पूरी करने के आदेश दिए। फिर भी कार्रवाई नहीं की गई। यह न्यायालय के आदेश की अवहेलना है।
दीक्षा चौहान, सरपंच थानेटा
शराबबंदी के लिए ग्रामवासी एकजुट है और एकजुट रहेंगे। काछबली, मंडावर, बरजाल की तरह थानेटा को शराब मुक्त बनाने की लड़ाई लड़ते रहेंगे। पहले से अब दोगुने उत्साह से यह लड़ाई लड़ेंगे।
डॉ. महेंद्र कर्णावट, अणुव्रत आंदोलन राजसमंद
थानेटा में हस्ताक्षर सत्यापन के बाद प्रस्ताव सरकार को भेज दिया था, मगर अब आबकारी आयुक्त द्वारा नई मतदाता सूची से दोबारा हस्ताक्षर सत्यापन कराने के आदेश मिले। इसी आधार पर नई तारीख तय करने के लिए एसडीएम भीम को निर्देश दिए हैं।
अरविंद पोसवाल, जिला कलक्टर राजसमंद