scriptशराबबंदी के जज्बे को तोडऩे में जुटी राज्य सरकार, सत्यापन- मतदान प्रक्रिया अटकी | Signature verification for alcoholism at thaneta rajsamand | Patrika News
राजसमंद

शराबबंदी के जज्बे को तोडऩे में जुटी राज्य सरकार, सत्यापन- मतदान प्रक्रिया अटकी

थानेटा में डेढ़ साल पहले ही हो चुका सत्यापन, फिर भी दोबारा सत्यापन के आदेश

राजसमंदJul 25, 2019 / 11:35 am

laxman singh

Rajsamand,rajsamand latest news,nathdwara news,Rajsamand police,nathdwara latest hindi news,rajsamand latest hindi news rajsamand,rajsamand latest news rajsamand,Latest News rajsamand,Latest hindi news rajsamand,Crime News rajsamand,

शराबबंदी के जज्बे को तोडऩे में जुटी राज्य सरकार, सत्यापन- मतदान प्रक्रिया अटकी

लक्ष्मणसिंह राठौड़ @ राजसमंद

शहर- देहात में शराबबंदी के लिए ग्रामीण लामबद्ध है, मगर सरकार ज्यादा से ज्यादा शराब बेचकर आय बढ़ाने के लिए शराबबंदी मुहिम में नित नए अडं़ंगे खड़े कर रही है। थानेटा में शराबबंदी का पहला पड़ाव डेढ़ वर्ष पहले ही पूरा हो गया, मगर प्रशासन द्वारा मतदान के अभाव में शराब का ठेका बंद नहीं हो सका। आहत लोगों की अपील पर हाईकोर्ट ने त्वरित कार्रवाई के आदेश दिए, तो सरकार ने शराबबंदी मुहिम को लंबित करने, बाधित करने व अटकाने के लिए दोबारा हस्ताक्षर सत्यापन के लिए 30 जुलाई की तारीख तय कर दी। इससे प्रशासन व सरकार की मंशा पर ही सवाल खड़े हो गए हैं।
जानकारी के अनुसार थानेटा ग्राम पंचायत में शराब का ठेका बंद करने के लिए ग्रामीणों ने वर्ष 2017 में ही ज्ञापन दे दिया। 14 फरवरी को हस्ताक्षर सत्यापन के बाद जिला कलक्टर द्वारा मतदान की तिथि घोषित नहीं की गई। इससे आहत सरपंच दीक्षा चौहान व ग्रामीणों द्वारा हाईकोर्ट में दायर सिविल रिट याचिका 3356/2019 पर न्यायाधीश डॉ. पुष्पेंद्रसिंह भाटी ने 6 मई 2019 को आदेश दिए कि जल्द से जल्द लंबित कार्रवाई को तय समयावधि में पूर्ण कर राहत प्रदान करें। इसके बावजूद करीब ढाई माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके विपरीत 18 जुलाई को आबकारी आयुक्त सोमनाथ मिश्र ने थानेटा पंचायत में नई मतदाता सूची के आधार पर दोबारा हस्ताक्षर सत्यापन के आदेश जारी कर दिए। इसी आधार पर उपखंड अधिकारी भीम ने हस्ताक्षर सत्यापन के लिए 30 जुलाई 2019 मतदान के लिए अटल सेवा केन्द्र में चार बूथ बनाए गए। मतदान प्रक्रिया के लिए 12 कार्मिकों के अलावा सुरक्षा के लिए भी विशेष पुलिस फोर्स मांगी गई है।
26.03 प्रतिशत हुआ हस्ताक्षर सत्यापन
थानेटा में 2946 मतदाताओं में से 1420 लोगों ने शराबबंदी के लिए ज्ञापन दिया। फिर 14 फरवरी 2018 को भौतिक सत्यापन के लिए कुल मतदाताओं में से 26.03 प्रतिशत 767 मतदाताओं ने हस्ताक्षर सत्यापन कराया। नियमानुसार 20 फीसदी हस्ताक्षर सत्यापन होने अनिवार्य है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में भी हस्ताक्षर का सत्यापन हुआ, मगर तब 20 फीसदी से कम हस्ताक्षर सत्यापन होने से शराबबंदी की मुहिम स्थगित हो गई। ग्रामीणों ने शराबबंदी की लड़ाई लड़ते हुए दोबारा जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा और 14 फरवरी 18 में हस्ताक्षर सत्यापन होने के बाद सरकार द्वारा कार्रवाई अटका दी गई।
शराबमुक्त हो चुकी है तीन पंचायतें
काछबली व मंडावर पंचायत में आबकारी अधिनियम की मतदान प्रक्रिया से शराबबंदी हो गई। इसके अलावा बरजाल पंचायत में हुए मतदान में भले ही हार गए, मगर ग्रामीणों की एकजुटता के चलते आबकारी विभाग और प्रशासन शराब की दुकान नहीं खोल पाया। इसके चलते 2019 में आबकारी विभाग को मजबूरन बरजाल गांव की दुकान को बंद कर दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया। इस तरह तीन ग्राम पंचायतें शराबमुक्त हो गई।
कई गांवों से उठी शराबमुक्त की आवाज
थानेटा के साथ बरार, पीपलीनगर, कूकड़ा, ठीकरवास, बार, खीमाखेड़ा, कूकरखेड़ा, छापली के अलावा राजसमंद तहसील क्षेत्र में राज्यावास पंचायत में शराबबंदी को लेकर आवाज बुलंद की। जिला कलक्टर को ज्ञापन भी दिए, मगर प्रशासन द्वारा चार पंचायतों के अलावा अन्य पंचायतों में हस्ताक्षर सत्यापन की तारीख तक घोषित नहीं की।
उसी वर्ष मतदान कराने का प्रावधान
जिला आबकारी अधिकारी रियाजुद्दीन उस्मानी ने बताया कि शराबबंदी का ज्ञापन प्राप्त होने के बाद उनके हस्ताक्षर का सत्यापन कराया जाता है, जिसमें 20 फीसदी सत्यापन होने पर ही मतदान कराया जाता है। नियमानुसार सत्यापन हो जाता है, तो उसी वित्तीय वर्ष में 31 मार्च से पहले मतदान प्रक्रिया पूरी करने का प्रावधान है। क्योंकि वित्तीय वर्ष के बीच के माह में भी मतदान हो जाए, तब भी दुकान अगले वित्तीय वर्ष की शुरुआत यानि अपे्रल माह से शराब की दुकान बंद होती है।
लड़ते रहेंगे शराबबंदी के लिए
शराबबंदी के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ते रहेंगे। प्रशासन व सरकार जबरन अड़ंगे लगा रही है। हम हर स्तर पर शराबबंदी की लड़ाई लड़ते रहेंगे, प्रशासन व सरकार जितना चाहे, जो चाहे, जैसा अड़ंगा लगाकर मुहिम में बाधा डालती रहे।
मोहनसिंह चौहान, संयोजक शराबबंदी मुहिम थानेटा
हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना
सिविल रिट याचिका पर हाईकोर्ट द्वारा शराबबंदी की अग्रिम कार्रवाई तत्परता से पूरी करने के आदेश दिए। फिर भी कार्रवाई नहीं की गई। यह न्यायालय के आदेश की अवहेलना है।
दीक्षा चौहान, सरपंच थानेटा
बनाएंगे शराब मुक्त गांव
शराबबंदी के लिए ग्रामवासी एकजुट है और एकजुट रहेंगे। काछबली, मंडावर, बरजाल की तरह थानेटा को शराब मुक्त बनाने की लड़ाई लड़ते रहेंगे। पहले से अब दोगुने उत्साह से यह लड़ाई लड़ेंगे।
डॉ. महेंद्र कर्णावट, अणुव्रत आंदोलन राजसमंद
सरकार के आदेशानुसार कार्रवाई
थानेटा में हस्ताक्षर सत्यापन के बाद प्रस्ताव सरकार को भेज दिया था, मगर अब आबकारी आयुक्त द्वारा नई मतदाता सूची से दोबारा हस्ताक्षर सत्यापन कराने के आदेश मिले। इसी आधार पर नई तारीख तय करने के लिए एसडीएम भीम को निर्देश दिए हैं।
अरविंद पोसवाल, जिला कलक्टर राजसमंद
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो