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मदद के दरवाजे पहले से बंद, रोजगार छिना, खाने को दाने नहीं

locationराजसमंदPublished: Jun 20, 2021 12:08:51 pm

Submitted by:

jitendra paliwal

राज्य सरकार खाद्य सुरक्षा योजना के आवेदन नहीं ले रही, कैसे मिले पीडि़तों को राहत : सैकड़ों लोग हैं राशन लेने के हकदार, नहीं मिल रहा लाभ, एक वर्ष बाद भी नहीं जुड़ पाया योजना में नाम
 

मदद के दरवाजे पहले से बंद, रोजगार छिना, खाने को दाने नहीं

मदद के दरवाजे पहले से बंद, रोजगार छिना, खाने को दाने नहीं

केस: एक
सरदारगढ़ निवासी कानुलाल माली ने बताया कि एनएफएसए स्कीम के तहत निर्धारित फार्म भरकर जांच अधिकारी के हस्ताक्षर कर आवेदन किया था। लेकिन, करीब 1 वर्ष होने पर भी येाजना से नहीं जोड़ा गया है।
केस : दो
कस्बे के धर्मा बंजारा ने बताया कि उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नही हैं। फेरी का कार्य कर जैसे-तैसे परिवार का पोषण करता है। अन्न योजना में एक वर्ष पहले आवेदन किया पर अब तक नाम नहीं जोड़ा गया।
केस : तीन
दिव्यांंग शम्भुलाल ने बताया कि खाद्य सुरक्षा में नाम जुड़वाने के लिए सरपंच के पास, ई-मित्र, तहसील कार्यालय में कई चक्कर काटे पर योजना का फायदा नहीं मिल पाया। कोरोना के कारण काम भी प्रभावित हुआ है, जिससे गुजारा चलाना मुश्किल हो गया है।
केस: चार
तिकरड़ी निवासी चतरू भील का नाम खादय सुरक्षा स्कीम में जुड़ा हुआ है। लेकिन, दो पौतों का नाम जुड़वाने के लिए चक्कर काट रहा है। नाम नहीं जुडऩे से दो सदस्यों के गेहूं से वंचित रहना पड़ रहा है।
केस : पांच
विधवा कैलाशी देवी ने बताया कि उसका बीपीएल का राशन कार्ड बना हुआ है, लेकिन पिछले आठ महीनों से परिवार के सदस्यों का नाम नहीं जुड़ रहा, जिससे सरकारी योजनाओं का फायदा नहीं मिल पा रहा।
गजेन्द्र मालवीय @ लावासरदारगढ़. कोरोना ग्रहण के कारण क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों का रोजगार छिन गया है, जिससे ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है। इस स्थिति में भी सरकारी मशीनरी की ढिलाई से उन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा, जिससे लोगों की समस्या और बढ़ गई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना के चलते लॉकडाउन से प्रभावित जरुरतमंद परिवारों को दीपावली तक निशुल्क अनाज देने की घोषणा की हैं। लेकिन, लाभान्वितों के नाम योजना से नहीं जुडऩे से उन्हें इसका लाभ मिलने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र में पिछले एक साल से प्रभावित हकदार खाद्य सुरक्षा अधिनियम एनएफएसए में चयनित होकर राहत की उम्मीद कर रहे हैं, जो अब तक पूरी नहीं हो पा रही है। बताया कि गया कि इसके पीछे मुख्य कारण राज्य में 1 वर्ष से नए एनएफएसए लाभान्वितों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली से नही जोड़ा गया है।
सूत्रों के अनुसार सवा वर्ष में जिले मेें हजारों अपात्र लोगों के नाम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभान्वितों की सूची से हटाए तो गए, लेकिन सूची में नए लाभान्वितों के नाम नहीं जोड़े जा सके हैं। जबकि, कोरोना काल में आर्थिक स्थिति बिगडऩे से पात्र लोगों की संख्या बढ़ी है। ऐसे में नए लोगों के नाम प्राथमिकता से जोड़े जाने चाहिए, लेकिन पिछले कई माह से नए नाम नहीं जोड़े गए।
पहले ऐसे जुड़ते थे नाम : एनएफएसए में नए नाम जोडऩे के लिए ग्रामीण में क्षेत्र में 20 एवं शहरी क्षेत्र में 24 श्रेणियों के अनुसार योग्य होने पर योजना का लाभ लेने की पात्रता रखते हैं। इसके तहत ई-मित्र सम्बधित एसडीएम कार्यालय में आवेदन किया जाता था। इसके बाद दो लेवल एसडीएम व बीडीओ से स्वीकृत होकर आवेदक का नाम खाद्य सुरक्षा पात्रता सूची में आने पर उसे राशन दुकानों से रियायती दर पर ्रगेहूं मिलते थे।
अप्रेल 2020 में बंद किया सॉप्टवेयर
कोरोना महामारी से निपटने के लिए मार्च 2020 में लॉकडाउन लगाया गया। इसके बाद लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ, जिससे योजना का लाभ लेने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई। अब एनएफएसए से वंंिचत परिवार भी गेहूं की मांग कर रहे हैं। लेकिन, सरकार द्वारा अप्रेल 2020 में संबंधित सॉफ्टवेयर में एनएफएसए में नए लाभान्वितों का नाम जोडने के लिए आवेदन करने का विकल्प बंद कर दिया था। इसके बाद नए आवेदकों के नाम नहीं जोड़े जा रहे, जिससे पात्र लोग भी चक्कर काटने को मजबूर हो रहे हैं।
1. आईडाणा/23
2. आगरिया/77
3. बीकावास/18
4. दोवड़ा/72
5. गलवा/17
6. घोसुण्डी/35
7. गोवल/33
8. जैतपुरा/41
9. झौर/44
10. जिलोला/27
11. खाखरमाला/95
12. लिकी/36
13. लोढिय़ाणा/12
14. ओलना का खेड़ा/9
15. सियाणा/62
16. पनोतिया/151
17. साकरड़ा/21
18. राछेटी/33
19. सरदारगढ़/35
20. सेलागुड़ा/50

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