कस्बे के धर्मा बंजारा ने बताया कि उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नही हैं। फेरी का कार्य कर जैसे-तैसे परिवार का पोषण करता है। अन्न योजना में एक वर्ष पहले आवेदन किया पर अब तक नाम नहीं जोड़ा गया।
दिव्यांंग शम्भुलाल ने बताया कि खाद्य सुरक्षा में नाम जुड़वाने के लिए सरपंच के पास, ई-मित्र, तहसील कार्यालय में कई चक्कर काटे पर योजना का फायदा नहीं मिल पाया। कोरोना के कारण काम भी प्रभावित हुआ है, जिससे गुजारा चलाना मुश्किल हो गया है।
तिकरड़ी निवासी चतरू भील का नाम खादय सुरक्षा स्कीम में जुड़ा हुआ है। लेकिन, दो पौतों का नाम जुड़वाने के लिए चक्कर काट रहा है। नाम नहीं जुडऩे से दो सदस्यों के गेहूं से वंचित रहना पड़ रहा है।
विधवा कैलाशी देवी ने बताया कि उसका बीपीएल का राशन कार्ड बना हुआ है, लेकिन पिछले आठ महीनों से परिवार के सदस्यों का नाम नहीं जुड़ रहा, जिससे सरकारी योजनाओं का फायदा नहीं मिल पा रहा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना के चलते लॉकडाउन से प्रभावित जरुरतमंद परिवारों को दीपावली तक निशुल्क अनाज देने की घोषणा की हैं। लेकिन, लाभान्वितों के नाम योजना से नहीं जुडऩे से उन्हें इसका लाभ मिलने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र में पिछले एक साल से प्रभावित हकदार खाद्य सुरक्षा अधिनियम एनएफएसए में चयनित होकर राहत की उम्मीद कर रहे हैं, जो अब तक पूरी नहीं हो पा रही है। बताया कि गया कि इसके पीछे मुख्य कारण राज्य में 1 वर्ष से नए एनएफएसए लाभान्वितों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली से नही जोड़ा गया है।
कोरोना महामारी से निपटने के लिए मार्च 2020 में लॉकडाउन लगाया गया। इसके बाद लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ, जिससे योजना का लाभ लेने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई। अब एनएफएसए से वंंिचत परिवार भी गेहूं की मांग कर रहे हैं। लेकिन, सरकार द्वारा अप्रेल 2020 में संबंधित सॉफ्टवेयर में एनएफएसए में नए लाभान्वितों का नाम जोडने के लिए आवेदन करने का विकल्प बंद कर दिया था। इसके बाद नए आवेदकों के नाम नहीं जोड़े जा रहे, जिससे पात्र लोग भी चक्कर काटने को मजबूर हो रहे हैं।
2. आगरिया/77
3. बीकावास/18
4. दोवड़ा/72
5. गलवा/17
6. घोसुण्डी/35
7. गोवल/33
8. जैतपुरा/41
9. झौर/44
10. जिलोला/27
11. खाखरमाला/95
12. लिकी/36
13. लोढिय़ाणा/12
14. ओलना का खेड़ा/9
15. सियाणा/62
16. पनोतिया/151
17. साकरड़ा/21
18. राछेटी/33
19. सरदारगढ़/35
20. सेलागुड़ा/50