शहर में अधिकतर कई लोग स्वच्छता एप से अज्ञात हैं। जबकि नगरपरिषद को उच्चाधिकारियों से स्पष्ट निर्देश है कि लोगों को स्वच्छता एप के बारे में पता हो, लेकिन शहर में आधे से ज्यादा लोगों को इस एप के बारे में पता नहीं है।
शहर को सबसे कम नम्बर मिले हैं सेवा प्रगति स्तर पर, इसमें १४०० के पूर्णांक में से १०८.९७ नम्बर ही मिले हैं। स्वच्छता में शामिल मापदंड कचरा संग्रहण वाहन का कचरा दो भागों में विभाजित किया जाए। गीला कचरा अलग और सूखा कचरा अलग किया जाए। लेकिन यहां एक ही वाहन में गीला और सूखा कचरा संग्रहण किया जाता है। इसलिए नम्बर कम मिले हंै।
इसश्रेणी में नम्बर देने के लिए बाहर से स्वच्छता जांच दल आया, जिसने पहले दिन परिषद में स्वच्छता के दस्तावेजों की जांच की। शौचालय से लेकर स्वच्छता के निर्माण तक के दस्तावेज जांचे। दूसरे दिन शहर में प्रत्येक्ष रूप से टीम ने अवलोकन किया। बाद में दल ने १२०० में से ८७९.६३ नम्बर दिए।
शहर में सफाई के लिए और सुधार की आवश्यकता है। अन्य शहरों के मुकाबले शहर की सफाई व्यवस्था काफी ठीक है। उसके बावजूद नागरिक प्रतिक्रिया में नम्बर कम हैं। अबकी बार लोगों में जागरूकता लाई जाएगी। नागरिकों से सहयोग लिया जाएगा।
बृजेश रॉय, आयुक्त नगरपरिषद राजसमंद