जिलेभर में प्रत्येक पंचायत में कचरा पात्र की व्यवस्था की गई, मगर पीपरड़ा पंचायत में कचरा पात्र भी नहीं लगाए गए। ऐसे में लोग सार्वजनिक कुएं में कचरा डाल देते हैं। पूरे गांव में गंदगी और कचरे का आलम है।
पीपरड़ा निवासी परमेश्वर खिंची ने बताया कि यहां पर नालियों की हालत बड़ी खस्ता होने की पंचायत में शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अब तक इस पर कोई अमल नहीं किया गया।
गणेश ख्ंिाची ने बताया कि इस इलाके में एक बार नाली का निर्माण किया गया, लेकिन घटिया निर्माण के चलते नालियां ज्यादा दिन नहीं टिक सकी। उसके बाद कोई ध्यान नहीं दिया गया।
जिस पंचायत में स्वच्छता का ढिंढोरा पीटा जा रहा है और उसे ओडीएफ घोषित कर दी है, उसी में गंदगी का अम्बार भी लगा है। पीपरड़ा पंचायत के खटीकवास में लम्बे समय से गंदी नालियों का पानी इकट्ठा होता है। वहां सभी नालियों की हालत खस्ता हो चुकी है। इस ओर ध्यान नहीं देने से उस क्षेत्र में गंदगी फैलती जा रही है। गंदे पानी के निकासी की समुचित व्यवस्था पूरी पंचायत में नहीं है।
पीपली आचार्यान. क्षेत्र के पीपली अहिरान ग्राम पंचायत मुख्यालय से मेघाखेड़ा एवं नेरड़ा जाने वाले रास्ते पर गांव में बड़ी प्याऊ के पास नालियों के अभाव में गन्दा पानी रास्ते में भरा रहने से आवाजाही प्रभावित हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि नाली के अभाव में घरों से निकलने वाला पानी रास्ते में पसरा रहता है। लम्बे समय से पानी भरा रहने से रास्ते में कीचड़ फैल गया है, वहीं मच्छरों की भरमार हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि नाली निर्माण के लिए कई बार ग्राम पंचायत में प्रार्थना पत्र दिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसको लेकर सरपंच हरिराम सालवी ने बताया कि नरेगा योजना के अन्तर्गत गांव में किशनलाल अहीर के मकान से मेघाखेड़ा नाला तक मोर्रम सडक़ एवं नाली निर्माण का कार्य स्वीकृत है। लेकिन, इस रास्ते में अतिक्रमण के चलते कार्य शुरू नहीं करवाया गया। रास्ते की सीमा जानकारी के लिए रेलमगरा तहसीलदार को प्रार्थना-पत्र पेश कर रखा है।