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FOLLOWUP : शिशोदा के श्री क्षेत्रपाल भैरूजी मंदिर ट्रस्ट गठन को लेकर अन्तर्कलह बरकरार

locationराजसमंदPublished: Apr 25, 2018 09:09:55 am

Submitted by:

laxman singh

मंदिर ट्रस्ट गठन के प्रस्ताव पर कई आपत्तियां : नोटिस के बावजूद देवस्थान विभाग में ट्रस्टी नहीं दे रहे पेशी

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राजसमंद. शिशोदा के श्री क्षेत्रपाल भैरूजी मंदिर ट्रस्ट गठन की कार्रवाई भी ट्रस्टियों के पेशी नहीं आने की वजह से देवस्थान विभाग में अटकी पड़ी है। इसके लिए विभाग द्वारा कई बार नोटिस जारी कर दिए। फिर भी न तो ट्रस्टी पेशी पर आ रहे हैं और न ही ट्रस्ट गठन को लेकर आई आपत्तियों पर सुनवाई हो पा रही है। मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष व सदस्यों के चयन को लेकर ग्रामीणों में अब भी विरोधाभास बना हुआ है। जानकारी के अनुसार मंदिर पुजारी व ग्रामीणों द्वारा ट्रस्ट गठन किया गया, जिसमें अम्बालाल धाकड़ को अध्यक्ष व दर्जनभर सदस्यों को चुना गया। उसके बाद नवनिर्वाचित अध्यक्ष धाकड़ ने ट्रस्ट का पंजीयन कराने के लिए देवस्थान विभाग उदयपुर के सहायक आयुक्त के समक्ष प्रस्ताव पेश किया। फिर ट्रस्ट अध्यक्ष व सदस्यों के निर्वाचन व ट्रस्ट गठन पर का विरोध जताते हुए आपत्ति दर्ज करवा दी। इस पर विभाग के सहायक आयुक्त द्वारा दोनों ही पक्षों से जवाब तलब किए गए और सुनवाई के लिए पेशी की तारीख देते हुए तलब भी किया, मगर ट्रस्ट अध्यक्ष का पक्ष पेशी पर नहीं आने से सुनवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है। इस कारण मंदिर ट्रस्ट गठन की कार्रवाई आगे से आगे बढ़ती जा रही है।

पहले अध्यक्ष की अदला-बदली
मंदिर ट्रस्ट गठन के तहत पहले शिशोदा के केशुलाल धाकड़ को अध्यक्ष बनाया गया। अध्यक्ष व कार्यकारिणी सदस्यों के चयन को लेकर ग्रामीणों में विरोध के स्वर मुखर हो गए। विवाद बढऩे पर पुजारी व ग्रामीणों द्वारा दोबारा बैठक आयोजित कर अम्बालाल धाकड़ को ट्रस्ट अध्यक्ष चुन लिया गया। फिर भी शिशोदा व आस पास के ग्रामीणों में आम सहमति अब तक भी नहीं बन पाई है।

कलक्टर-एसडीएम अधिकृत
शिशोदा मंदिर में भेंटपेटी लगाने, ट्रस्ट गठन व अन्य कार्रवाई के लिए कलक्टर-एसडीएम अधिकृत है। रिसीवर नियुक्त कर मंदिर को प्रशासन के अधीन लेने की कार्रवाई के लिए भी जिला कलक्टर को लिख दिया। अब उनकी तरफ से आगे की कार्रवाई क्यों नहीं हो पा रही है। इसके लिए फिर से विभाग की तरफ से लिखा जाएगा।
जतिन गांधी, सहायक आयुक्त देवस्थान विभाग उदयपुर

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