मां का दूध छह माह तक आता काम
सम्पूर्ण स्तनपान प्रबंधन केन्द्र (आंचल मदर मिल्क बैंक) के जानकारों के अनुसार मां के दूध को जांच और प्रोसेस के बाद माइनस 22 से माइनस 18 डिग्री के बीच रखा जाता है। मां का दूध छह माह तक सुरक्षित रहता है। जरूरतमंद बच्चे को 30 एमएल प्रतिदिन के लिए दिया जाता है। दूध को फ्रिज में रखना होता है।
निराश्रित बच्चे के लिए अमृत
गत दिनों आर. के. राजकीय चिकित्सालय में एक नवजात बच्चे को पालना गृह में छोड़ दिया गया था। वह बच्चा शिशु पालना गृह में है। वर्तमान में उस बच्चे को आंचल मदर मिल्क बैंक से मां का दूध उपलब्ध कराया जा रहा है। पालना गृह के कर्मचारी और चिकित्सक भी उसकी समय-समय पर मोनिटरिंग कर रहे हैं।
मां ने कहा था अनाथ को देना दूध, डेढ़ माह बाद अनाथ हुए उसी के बच्चे के आया काम
आंचल मदर मिल्क बैंक के जानकारों के अनुसार मई 2018 में बड़ारड़ा की एक महिला ने एक बच्चे को चिकित्सालय में जन्म दिया। उस समय उसने मदर मिल्क बैंक में अपना दूध डोनेट किया और कहा था कि यह दूध किसी निराश्रित बच्चे को देना। इसके बाद 17 मई को उस महिला की उपचार के दौरान मौत हो गई। कुछ दिनों बाद परिजन उस बच्चे को अस्पताल में चैकअप के लिए लेकर आए। चिकित्सक बच्चे का वजन कम होने का कारण परिजन से पूछते हैं। इस पर वह बताते है कि बच्चे की मां की मौत हो चुकी है। इसके कारण उसे बकरी का दूध पिलाया जा रहा है। इस पर चिकित्सक उस बच्चे और परिजन को मिल्क बैंक भेजते हैं। वहां पर बच्चे और उसकी मां के बारे में जानकारी लेने पर उसकी मां वही महिला निकलती है जिसने यह कहा था कि मेरा यह दूध किसी निराश्रित बच्चे को देना। उस महिला का दूध प्रोसेस होने के बाद करीब डेढ़ माह बाद उसी बच्चे को वह मिलता है। इसके बाद उसे तीन माह तक यहां से दूध उपलब्ध कराया गया। बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ होने पर उसका दूध बंद किया गया।
इनका कहना है...
आंचल मदर मिल्क बैंक में दूध डोनेट किया जाता है। यह दूध आवश्यकता वाले बच्चे और निराश्रित बच्चों को डिमांड पर उपलब्ध कराया जाता है। वर्तमान में शिशु गृह में रहने वाले नवजात को दूध उपलब्ध कराया जा रहा है।
- इन्द्रा जीनगर, मैनेजर सम्पूर्ण स्तनपान प्रबंधन केन्द्र राजसमंद
सम्पूर्ण स्तनपान प्रबंधन केन्द्र (आंचल मदर मिल्क बैंक) के जानकारों के अनुसार मां के दूध को जांच और प्रोसेस के बाद माइनस 22 से माइनस 18 डिग्री के बीच रखा जाता है। मां का दूध छह माह तक सुरक्षित रहता है। जरूरतमंद बच्चे को 30 एमएल प्रतिदिन के लिए दिया जाता है। दूध को फ्रिज में रखना होता है।
निराश्रित बच्चे के लिए अमृत
गत दिनों आर. के. राजकीय चिकित्सालय में एक नवजात बच्चे को पालना गृह में छोड़ दिया गया था। वह बच्चा शिशु पालना गृह में है। वर्तमान में उस बच्चे को आंचल मदर मिल्क बैंक से मां का दूध उपलब्ध कराया जा रहा है। पालना गृह के कर्मचारी और चिकित्सक भी उसकी समय-समय पर मोनिटरिंग कर रहे हैं।
मां ने कहा था अनाथ को देना दूध, डेढ़ माह बाद अनाथ हुए उसी के बच्चे के आया काम
आंचल मदर मिल्क बैंक के जानकारों के अनुसार मई 2018 में बड़ारड़ा की एक महिला ने एक बच्चे को चिकित्सालय में जन्म दिया। उस समय उसने मदर मिल्क बैंक में अपना दूध डोनेट किया और कहा था कि यह दूध किसी निराश्रित बच्चे को देना। इसके बाद 17 मई को उस महिला की उपचार के दौरान मौत हो गई। कुछ दिनों बाद परिजन उस बच्चे को अस्पताल में चैकअप के लिए लेकर आए। चिकित्सक बच्चे का वजन कम होने का कारण परिजन से पूछते हैं। इस पर वह बताते है कि बच्चे की मां की मौत हो चुकी है। इसके कारण उसे बकरी का दूध पिलाया जा रहा है। इस पर चिकित्सक उस बच्चे और परिजन को मिल्क बैंक भेजते हैं। वहां पर बच्चे और उसकी मां के बारे में जानकारी लेने पर उसकी मां वही महिला निकलती है जिसने यह कहा था कि मेरा यह दूध किसी निराश्रित बच्चे को देना। उस महिला का दूध प्रोसेस होने के बाद करीब डेढ़ माह बाद उसी बच्चे को वह मिलता है। इसके बाद उसे तीन माह तक यहां से दूध उपलब्ध कराया गया। बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ होने पर उसका दूध बंद किया गया।
इनका कहना है...
आंचल मदर मिल्क बैंक में दूध डोनेट किया जाता है। यह दूध आवश्यकता वाले बच्चे और निराश्रित बच्चों को डिमांड पर उपलब्ध कराया जाता है। वर्तमान में शिशु गृह में रहने वाले नवजात को दूध उपलब्ध कराया जा रहा है।
- इन्द्रा जीनगर, मैनेजर सम्पूर्ण स्तनपान प्रबंधन केन्द्र राजसमंद