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राज्य के रहमोकरम पर चल रही ‘शहरी सरकार’

locationराजसमंदPublished: Jun 12, 2021 11:57:47 am

Submitted by:

jitendra paliwal

कोरोनाकाल में नगर परिषद की जेब भी हुई खाली, 5 माह में खर्च ज्यादा, कमाई आधी भी नहीं रही, लगातार दूसरे साल आय में हो रही लगातार घटत

राज्य के रहमोकरम पर चल रही 'शहरी सरकार'

राज्य के रहमोकरम पर चल रही ‘शहरी सरकार’

राजसमंद. कोरोनाकाल में न केवल आम आदमी की जेब पर चोट हुई है, शहरी सरकार की कमाई भी ठप पड़ी हुई है। नगर परिषद में कमाई के मुकाबले दोगुने से ज्यादा खर्च हो रहा है। राज्य सरकार का रहमोकरम न हो, तो परिषद के पास अपने कर्मचारियों को देने के लिए तनख्वाह तक के पैसे नहीं हैं।
परिषद के सूत्रों ने बताया कि इस साल के पहले पांच महीनों में यानि 31 मई, 2021 तक नगर परिषद को केवल 5.68 करोड़ रुपए की आय हुई, जबकि खर्च 13.58 करोड़ का हो गया है। अब तक हुई आय में ७५.३५ फीसदी पैसा तो राज्य सरकार ने दिया है, जो चुंगी पुनर्भरण के रूप में नियमित तौर पर निकायों को मिलता है। बाकी परिषद को अपनी आय के स्रोतों से केवल १ करोड़ ३९ लाख ९९ हजार ४९५ रुपए ही हासिल हुए हैं।
तनख्वाहों में ही पूरी हो गई कमाई
नगर परिषद ने पिछले पांच महीनों में अपने अधिकारी, स्थायी व अस्थायी कर्मचारियों के वेतन-भत्तों पर 5 करोड़ 48 लाख रुपए खर्च किए, जबकि इस पूरी अवधि में कुल कमाई ही ५ करोड़ ६८ लाख रुपए की ही हुई। परिषद में करीब डेढ़ सौ तरह के मद हैं, जिनमें से सबसे बड़ा खर्च वेतन-भत्तों पर ही होता है। उसके बाद बिजली-सड़क सुविधा पर पैसा खर्च हुआ है। हालांकि पिछले साल की तुलना में अभी आय बढ़ी है, लेकिन 2016 का स्तर प्राप्त करने में अभी काफी पीछे है।
कमाई वाले मद ही ठप पड़े
नगर परिषद की भूखण्ड नीलामी में भी लोगों की दिलचस्पी नहीं नजर आ रही है। भूमि नीलामी की प्रक्रिया कई बार की गई, लेकिन दुकानों के प्लॉट, आवासीय प्लॉट की बिक्री नहीं होने से आय नहीं हो रही है। कोरोनाकाल में पिछले वर्ष लोगों ने भू-रूपांतरण की फाइलें भी नहीं लगाई, जिससे इस मद में आय पूरी तरह ठप हो गई। निर्माण स्वीकृति के नाम पर साढ़े चार लाख रुपए इस साल आए हैं, क्योंकि नए निर्माण के लिए अनुमति लेना जरूरी होता है।
इन मदों में आवक
चुंगी क्षतिपूर्ति ४२८१२०००
निर्माण स्वीकृति ४५२४८७
विकास शुल्क १३९५७६०
बाह्य विकास शुल्क ७९३३८७
सिवरेज, ड्रेनेज १०६७२०५
कृषि भूमि अंतरण १७०४२४०
जुर्माना राशि १८६८८६०
लीज किश्त १८१२८५८
बीएसयूपी २४१३९९७
योग ५४३२०७९४
अन्य मद २४९०७०१
महायोग ५६८११४९५

इन मदों में सर्वाधिक खर्च
वेतन-भत्ते 54843448
बिजली 3849761
पेट्रोल-डीजल 2138770
प्रदर्शनी-मेला 1198910
बिजली सामान खरीद 2530347
कूड़ा-कचरा सफाई 3361008
सामुदायिक भवन 6525666
पार्क रखरखाव 744949
बाउण्ड्री हॉल 1405797
कॉन्क्रीट सड़क 7335011
डामर सड़क 11716969
सड़क मरम्मत 12071883
योग १०७७२२५१९
अन्य खर्च २८११३९८७
महायोग 135836506
राजस्व आय (राशि लाखों में, आधार वर्ष 2016)
साल राशि प्रतिशत अंतर
2016-17 997.25 100 00
2017-18 956.18 95.88 -4.12
2018-19 883.39 88.58 -11.42
2019-20 778.02 78.01 -21.99
2020-21 255.80 28.95 -71.05
२०२१-२२ ५६८.११ ९६.९६ +६८.०१
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पिछले एक साल से आय प्रभावित हो रही है। तमाम तरह की गतिविधियां बंद हैं, जिससे निकाय की आय पर बुरा असर पड़ रहा है। परिषद के स्रोतों से उम्मीद के अनुरूप पैसा नहीं आ रहा है। महामारी के दौर में हालात सुधरने पर स्थिति बदल सकती है।
जनार्दन शर्मा, आयुक्त, नगर परिषद, राजसमंद
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