तीन बार ऑपरेशन, काटना पड़ा हाथ
महिला को निर्माणकर्ता ने तत्काल राजसमंद के ही एक निजी अस्पताल में भेज दिया, जहां से उसे उदयपुर रैफर करना पड़ा। वहां उसकी गम्भीर स्थिति को देखते हुए तीन ऑपरेशन करने पड़े, लेकिन कोई उम्मीद नहीं बचने से आखिरकार डॉक्टरों ने हाथ काटने का निर्णय लिया। उसका बांया हाथ अब नहीं है। पैर भी जलने के साथ ही रुग्ण हो गया है।
निर्माणकर्ता, पुलिस ने टरकाया
महिला का आरोप है कि 14 जुलाई को उसके जेठ काशीराम और तीन अगस्त को उसके पति सोहनलाल ने लिखित में रिपोर्ट दी, लेकिन पुलिस ने अब तक कोईकार्रवाई नहीं की है। उसने राजनीतिक रसूख के चलते कार्रवाई नहीं होने का आरोप लगाया।
महिला का आरोप है कि 14 जुलाई को उसके जेठ काशीराम और तीन अगस्त को उसके पति सोहनलाल ने लिखित में रिपोर्ट दी, लेकिन पुलिस ने अब तक कोईकार्रवाई नहीं की है। उसने राजनीतिक रसूख के चलते कार्रवाई नहीं होने का आरोप लगाया।
बेचना पड़ा घर
सोहनलाल ने बताया कि निर्माणकर्ता ने कोईमुआवजा नहीं दिया, न कोईमदद के लिए आगे आया। पहले ऑपरेशन के पैसे देने की बात कही, फिर दुकान मालिक ने इनकार कर दिया। ऐसे में उसने साढ़े चार लाख रुपए में घर बेचा और पूरा पैसा ऑपरेशन और इलाज में खर्च हो गया। निर्माणकर्ता पर आरोप लगाया कि उन्होंने सोहनी को घटना के बाद केवल अस्पताल तक भेजने का बंदोबस्त किया।
अवैध निर्माण, फिर भी सब मौन
बताया गया कि पूर्व पार्षद बद्रीलाल भोई की इन दुकानों का निर्माण पूरी तरह अवैध ढंग से हुआ, जिस पर नगर परिषद के अधिकारी भी मौन रहे। यही नहीं, विद्युत निगम तक ने बिजली लाइन शिफ्टिंग करवाए बगैर निर्माण करवाने पर नोटिस जारी किया था, जिस पर परिषद और प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया। बाद में यह हादसा हो गया।