चार दिन पहले राजसमंद झील में डूबे महाराष्ट्र के चालीस गांव, जलगांव निवासी राजू (20) पुत्र टीकमसिंह का चौथे दिन भी कोई सुराग नहीं लगा। सिविल डिफेंस की टीम दिनभर कोशिश करती रही। यहां युवक के परिजनों का भी डेरा लगा हुआ है। राजू का चेहरा देखने के लिए उसके निकट रिश्तेदार तरस गए हैं। बच्चे-महिलाएं और परिवार के बड़े-बुजुर्ग दिनभर यहां डेरा डाले बैठे रहते हैं। उन्हें आस है कि जल्द ही उनके परिवार का सदस्य मिल जाएगा, मगर जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है, उनकी उम्मीदें भी टूट रही हैं। परिवार के लोग नौचौकी के पास उद्यान में टहलकर, तो कभी बार-बार पानी के पास जाकर देखकर खुद को तसल्ली दे रहे हैं। गोताखोरों की अब तक की कोशिशों पर उन्हें कोई शक नहीं है, मगर ऑक्सीजन और रेस्क्यू के लिए जरूरी अन्य बंदोबस्त नहीं होने से उनमें नाराजगी है। चार दिन बाद भी युवक का कोई सुराग नहीं लगने पर वे खफा और निराश हैं। ज्ञात हो, नौचोकी पाल के पास गत 17 जुलाई की शाम नहाते वक्त राजू डूब गया था। वह यहां जड़ी-बूटी, दवा बेचने आया था। राजू व उसका साथी शराब के नशे में धुत्त थे।
आशंका… वह कहीं चला गया! the young man drowned in the Rajsamand lake
गोताखोर करण सिंह व गोवद्र्धन ने चौथे दिन के प्रयास भी असफल होने पर पत्रिका को बताया कि सम्भवत: वह कहीं चला गया है। अगर कोई जीव डूबता है तो 72 घंटों के दरमियान उसका शव फूलकर पानी की सहत पर आ जाता है। हालांकि हमारी कोशिश जारी है।
गोताखोर करण सिंह व गोवद्र्धन ने चौथे दिन के प्रयास भी असफल होने पर पत्रिका को बताया कि सम्भवत: वह कहीं चला गया है। अगर कोई जीव डूबता है तो 72 घंटों के दरमियान उसका शव फूलकर पानी की सहत पर आ जाता है। हालांकि हमारी कोशिश जारी है।